Rewa Accident: एक ही घर से उठी चार अर्थियां, मुखाग्नि देने वाला कोई नहीं, हादसे में खत्म हो गई तीन पीढ़ी
हादसे के बाद शुक्रवार को चारों परिजनों का अंतिम संस्कार उनके गृह ग्राम भमरा में किया गया, जिससे पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। इस घटना ने तीन पीढ़ियों को एक झटके में खत्म कर दिया।
विस्तार
मध्यप्रदेश के रीवा के सोहागी घाटी में हुए दर्दनाक हादसे में सात लोगों ने अपनी जान गंवा दी। घटना में चार लोग एक ही परिवार के हैं, जो गंगा स्नान कर लौट रहे थे। तभी ऑटो के ऊपर ट्रक पलट गया और ये दर्दनाक हादसा हुआ। आज शुक्रवार को सभी का अंतिम संस्कार हुआ। दरअसल ये पूरी घटना चार जून की है। प्रयागराज से गंगा स्नान कर लौट रहे श्रद्धालु की ऑटो के ऊपर सीमेंट की सीट से लोड ट्रेलर पलट गया था। इस दर्दनाक हादसे में सात लोगों की मौत हो गई थी। जान गंवाने वाले में रामजी जायसवाल, उनकी पत्नी पिंकी जयसवाल, पुत्र शिवम जयसवाल और पिता हीरालाल जायसवाल चार लोग एक ही परिवार के हैं। इसके अलावा तीन लोग अभी भी जिंदगी मौत से जूझ रहे हैं।
शुक्रवार को परिवार के चारों लोगों का शव अंतिम संस्कार के लिए ग्रह ग्राम भमरा पहुंचा तो हर आंख नम हो गई। गांव में एक साथ चार शव देखकर हर कोई दुखी था। इस हादसे ने तीन पीढ़ियों को खत्म कर दिया। पिता सहित मां-बाप और बेटे ने अपनी जान गंवा दी। हालांकि पूरे गांव की मौजूदगी में भमरा गांव के श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया। छोटे भाई दीपक जायसवाल ने मुखाग्नि दी।
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पिता की इच्छा थी बेटा नहला दे गंगा
ग्रामीणों की मानें तो पिता हीरालाल भमरा गांव में ही रहते थे। एक दिन खबर आई के बेटे ने बाहर रहकर नया ऑटो खरीदा है। तभी पिता ने बेटे से गंगा नहाने की अपनी इच्छा जाहिर की। इस पर बेटा अपने पिता और बहन उसके बच्चे और अपना परिवार लेकर प्रयागराज निकला। गुरुवार के तड़के सुबह भोर में सभी ने गंगा में डुबकी लगाई। उसके बाद सभी लोग वापस अपने गांव मऊगंज जिले के भमरा गांव के लिए रवाना हुए। ऑटो गुरुवार की दोपहर लगभग 12 बजे सोहागी घाटी पर पहुंचा। उसी समय बगल से जा रहे सीमेंट शीट से लोड ट्रक को ओवर टेक करने के दौरान गड्ढे के चलते चलते ट्रक ऑटो के ऊपर ही पलट गया। इस दर्दनाक घटना में पांच लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। इसके अलावा गंभीर रूप से घायल दो और लोगों की सांसें अस्पताल लाते वक्त थम गईं। इनके अलावा तीन लोग अस्पताल में जिंदगी मौत से जूझ रहे हैं। इस घटना में मृतक रामजीत जायसवाल की दो बहनों के तीन बच्चों की भी मौत हो गई।
गोलगप्पे का ठेला लगाता था रामजीत
ग्रामीणों की माने तो भमरा गांव में जन्मे रामजीत जायसवाल की शादी पिंकी जायसवाल निवासी जबलपुर से हुई थी। दोनों लोग गांव छोड़कर उमरिया जिले में रहकर अपना जीवन यापन करते थे। रामजीत अपनी जिंदगी का गुजारा गोलगप्पे और चाट ठेला लगाकर करते थे। रोजी में बरकत होने लगी। तो रामजीत ने ऑटो खरीदने का फैसला किया और जनवरी माह में उसने ऑटो खरीद लिया। तभी बीते दिनों वह अपने पिता की गंगा नहाने की इच्छा पूरी करने के लिए अपने परिवार के साथ ऑटो लेकर मऊगंज जिले के भमरा ग्राम आया और 4 जून को वह परिवार के साथ अपने पिता और बहन उसके बच्चों को लेकर प्रयागराज निकला। वापस आते वक्त ये दर्दनाक हादसा हो गया।
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