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Diwali 2025: जानिए बाबा महाकाल के आंगन में कैसे मनेगी दीवाली, कब लगेगा 56 भोग; कब उपवास रखेंगे भोले भंडारी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उज्जैन
Published by: उज्जैन ब्यूरो
Updated Thu, 16 Oct 2025 05:18 PM IST
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सार
महाकाल मंदिर में इस वर्ष दीपपर्व की शुरुआत शनि प्रदोष के संयोग में आई धनतेरस से हो रहा है। शनिवार के दिन त्रयोदशी तिथि होने से शनि प्रदोष का संयोग बनता है। महाकालेश्वर मंदिर की पूजन परंपरा में शनि प्रदोष का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान महाकाल उपवास रखते हैं तथा शाम को 4 बजे विशेष मंत्र व पाठ से उनका अभिषेक पूजन किया जाता है।

दिवाली के लिए सज गया बाबा महाकाल का आंगन
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में प्रतिवर्ष की तरह ही इस वर्ष भी दीपावली पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। 18 अक्टूबर को धनतेरस शनि प्रदोष के संयोग में आ रही है, जिससे दीपपर्व का शुभारंभ होगा। इस दिन पुजारी, पुरोहित राष्ट्र में सुख, समृद्धि व आरोग्यता की कामना को लेकर बाबा महाकाल की महापूजा करेंगे। मंदिर में 20 अक्टूबर को दीपावली मनाई जाएगी। 22 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा होगी। दीपपर्व पर राजा का आंगन रंगोली से सजेगा। आकर्षक विद्युत व पुष्प सज्जा की जाएगी।

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महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पं. महेश शर्मा ने बताया कि महाकाल मंदिर में इस वर्ष दीपपर्व की शुरुआत शनि प्रदोष के संयोग में आई धनतेरस से हो रहा है। शनिवार के दिन त्रयोदशी तिथि होने से शनि प्रदोष का संयोग बनता है। महाकालेश्वर मंदिर की पूजन परंपरा में शनि प्रदोष का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान महाकाल उपवास रखते हैं तथा शाम को 4 बजे विशेष मंत्र व पाठ से उनका अभिषेक पूजन किया जाता है।
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यह संपूर्ण पूजन विधि पुजारी लोकमंगल व राष्ट्र कल्याण के लिए संपन्न करते हैं। इस बार 18 अक्टूबर धनत्रयोदशी पर सुबह पुरोहित समिति की ओर से पूजा अर्चना की जाएगी। शाम को 4 बजे शनि प्रदोष की परंपरागत पूजा होगी। इसके बाद धनतेरस पर पुरोहित समिति द्वारा भगवान महाकाल की महापूजा की जाएगी। राष्ट्र में सुख, समृद्धि के लिए भगवान को चांदी का सिक्का अर्पित कर पूजा अर्चना की जाएगी। मान्यता है भगवान महाकाल की इस प्रकार पूजा अर्चना करने से राष्ट्र में धन धान्य व सुख समृद्धि बनी रहती है। महाकाल की महापूजा के बाद मंदिर समिति द्वारा चिकित्सा इकाई में आरोग्यता के लिए भगवान धन्वंतरि का पूजन किया जाएगा।
अवंतिकानाथ को लगेगा अन्नकूट
महाकाल मंदिर में रूप चतुर्दशी पर दीपावली मनाने की परंपरा है। इस बार 20 अक्टूबर को कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि का महासंयोग बन रहा है। तड़के 4 बजे भस्म आरती में पुजारी भगवान महाकाल को केसर चंदन का उबटन लगाकर गर्म जल से स्नान कराएंगे। पश्चात नवीन वस्त्र सोने, चांदी के आभूषण से विशेष शृंगार किया जाएगा। भगवान को अन्नकूट में पारंपरिक छप्पन प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाकर फुलझड़ी से आरती की जाएगी।
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गोशाला में होगी गो पूजा
महाकाल मंदिर की पूजन परंपरा में दीपावली के अगले दिन कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा पर गोवर्धन पूजा की परंपरा है। इस बार कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा 22 अक्टूबर को रहेगी। मंदिर की चिंतामन स्थित गोशाला में गो पूजा होगी। मंदिर में गोवर्धन पूजा भी की जाएगी। गायों की विशेष साज सज्जा तथा उन्हें विशेष प्रकार के पकवानों का भोग लगाया जाएगा।
मंदिर समिति ने यह निर्देश किए जारी
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा दीपावली पर्व के अवसर पर पारंपरिक विधि-विधान एवं धार्मिक मर्यादाओं के सम्यक निर्वहन हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं। 20 अक्टूबर 2025 को दीपावली पर्व के उपलक्ष्य में भगवान श्री महाकालेश्वर जी की आरती-पूजन के दौरान प्रत्येक आरती प्रातः भस्म आरती, अभ्यंग स्नान के पश्चात आरती, संध्या आरती एवं शयन आरती में पूजा-अर्चना के अभिन्न भाग के रूप में केवल एक फूलझड़ी जलाई जाएगी। यह प्रक्रिया मंदिर की पारंपरिक एवं धार्मिक परंपराओं के अनुरूप संपन्न की जाएगी। इसके अतिरिक्त गर्भगृह, कोटीतीर्थ कुण्ड, मंदिर परिक्षेत्र तथा श्री महाकाल महालोक क्षेत्र में किसी भी प्रकार की आतिशबाज़ी, पटाखों का फोड़ना, ज्वलनशील पदार्थ, अनार, फूलझड़ी या अन्य आतिशबाज़ी सामग्री लाना एवं प्रयोग करना पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। उल्लंघन की स्थिति में संबंधित व्यक्ति पर नियमानुसार प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।