दमोह जिले के पटेरा थाना के सतरिया गांव में पैर धोने वाले युवक ने गुरुवार को परिवार सहित खुद को कमरे में बंद कर लिया। पीड़ित युवक ने कई बार कहा है कि उसे न्याय मिल गया है और अब वह किसी के साथ नहीं जाना चाहता। गुरुवार को ओबीसी महासभा से जुड़े पदाधिकारी युवक से मिलने उसके गांव पहुंचे तो उसने साथ आने से मना कर दिया।
खिड़की से ही समाज के लोगों से बात की। पदाधिकारियों ने काफी प्रयास किया कि युवक घर से बाहर आ जाए, लेकिन उसने कहा कि उसे सरकार से न्याय चाहिए था, जो न्याय उसे मिल गया है, अब वह किसी के साथ नहीं जाना चाहता। फिर ओबीसी महासभा के पदाधिकारी दमोह पहुंचे और महाराणा प्रताप मैदान पर एक आमसभा की। इसके बाद शहर में रैली निकालकर इस घटना का विरोध जताते हुए कलेक्ट्रेट में एसडीएम को ज्ञापन दिया।
ओबीसी महासभा के कार्यकारी सदस्य धर्मेंद्र कुशवाहा से पूछा गया कि पीड़ित युवक न्याय मिलने की बात कर रहा है तो अब विरोध किस बात का है? इस पर उन्होंने कहा कि परिवार डरा हुआ है, युवक ने ऐसा नहीं कहा। वह और उसका परिवार मेरे साथ आया था। हम चाहते हैं कि जो दोषी हैं, उन पर कड़ी कार्रवाई हो। हम न्यायालय से भी इस मामले में कार्रवाई की मांग करेंगे। जब उनसे पूछा गया कि कुशवाहा समाज के ही सतना विधायक ने पीड़ित परिवार के चाचा से गंदगी खाने की बात की है, यह कहां तक सही है, तो उन्होंने कहा कि उन्होंने वीडियो तो नहीं देखा, लेकिन यदि किसी ने ऐसा कहा है तो वह उस बयान की निंदा करते हैं।
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सीएसपी एच.आर. पांडे ने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। एनएसए भी लगाया जा चुका है। ओबीसी महासभा से जुड़े लोगों ने ज्ञापन दिया है। साथ ही एससी-एसटी एक्ट और धारा 353 के आरोपी दृगपाल लोधी की गिरफ्तारी का विरोध किया है। उन्हें यह बताया गया है कि सतरिया गांव की घटना से उसका कोई लेना-देना नहीं है। लोधी को अस्पताल चौराहे पर पुलिस आरक्षक को चप्पल मारने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। एसडीएम आर.एल. बागरी ने कहा कि क्षत्रिय कुशवाहा समाज, सम्राट अशोक क्रांति सेना और ओबीसी महासभा ने ज्ञापन दिया है। ज्ञापन में सतरिया गांव की घटना से जुड़ी मांगे शामिल हैं, जिन्हें वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचा दिया जाएगा।