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Umaria News: प्रताड़ना से तंग वनपाल ने कुएं में लगाई छलांग, साथियों ने निकाला, अधिकारियों पर आरोप
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उमरिया
Published by: उमरिया ब्यूरो
Updated Sat, 04 Oct 2025 02:01 PM IST
सार
घटना से पहले दीक्षित ने सोशल मीडिया पर एक मैसेज पोस्ट कर वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रताड़ना और साजिश का आरोप लगाया। फिलहाल पुलिस और प्रशासन मामले की जांच कर रहे हैं।
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घायल को लाया गया अस्पताल।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के ताला परिक्षेत्र में पदस्थ एक वनपाल शुक्रवार देर रात अपने कैंप में बने कुएं में कूद गया। साथी कर्मचारियों ने उसे किसी तरह बाहर निकाला और तत्काल मानपुर अस्पताल पहुंचाया। प्राथमिक उपचार के बाद हालत गंभीर होने पर शहडोल मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। घटना ताला परिक्षेत्र के हरिदिया कैंप की है। यहां नत्थू लाल दीक्षित वनपाल के पद पर कार्यरत हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने यह कदम उठाने से पहले सोशल मीडिया पर एक मैसेज पोस्ट किया, जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। वायरल मैसेज में उन्होंने ताला परिक्षेत्र के एसडीओ दिलीप कुमार मराठा और आरओ राहुल किरार पर लगातार प्रताड़ना का आरोप लगाया है।
मैसेज में दीक्षित ने लिखा कि 'एसडीओ और आरओ उन्हें मरवाने की साजिश रच रहे हैं। उनके मुताबिक अधिकारियों की योजना थी कि उन्हें जंगल में मारकर फेंक दिया जाए। इस साजिश में दो अन्य वनकर्मियों, राजकुमार यादव और राजकुमार मिश्रा के नाम भी शामिल बताए गए हैं। दीक्षित ने अपने संदेश में लिखा, मैं दोस्तों के हाथों नहीं मरना चाहता, इसलिए खुद अपनी जान दे रहा हूं।'
सूचना मिलते ही बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक अनुपम सहाय, परिक्षेत्र अधिकारी राहुल किरार और पुलिस टीम मौके पर पहुंची। अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी। फिलहाल पुलिस ने कुएं से वनपाल को निकालने की प्रक्रिया और घटनास्थल से मिले साक्ष्यों को जांच में शामिल किया है।
यह भी पढ़ें- जांच रिपोर्ट में खुलासा, 'कोल्ड्रिफ सिरप' से हुई मासूमों की मौत, मध्य प्रदेश में बिक्री पर बैन
हालांकि, टाइगर रिजर्व प्रशासन ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस मैसेज की पुष्टि नहीं की है। क्षेत्र संचालक अनुपम सहाय ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। फिलहाल घायल वनपाल का इलाज चल रहा है और उसका बयान दर्ज किए जाने के बाद ही सच्चाई सामने आ सकेगी।
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक नत्थू लाल दीक्षित लंबे समय से मानसिक तनाव में थे। बताया जा रहा है कि हाल ही में परिक्षेत्र के कामकाज को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उनका विवाद हुआ था। हालांकि इस विवाद की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। मौके से मिले मोबाइल फोन और अन्य सामग्री को जब्त कर लिया गया है। वहीं, सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज की सत्यता जांचने के लिए साइबर सेल की मदद ली जा रही है।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अधिकारी और पुलिस का कहना है कि फिलहाल प्राथमिकता घायल वनपाल की जान बचाने की है। उसके बयान के बाद ही आरोपों की पुष्टि या खंडन किया जा सकेगा। इस घटना से वन विभाग में हड़कंप मच गया है। कर्मचारियों में भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कई कर्मचारियों ने इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है ताकि सच्चाई सामने आ सके और विभाग की छवि पर उठे सवालों का जवाब मिल सके।
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मैसेज में दीक्षित ने लिखा कि 'एसडीओ और आरओ उन्हें मरवाने की साजिश रच रहे हैं। उनके मुताबिक अधिकारियों की योजना थी कि उन्हें जंगल में मारकर फेंक दिया जाए। इस साजिश में दो अन्य वनकर्मियों, राजकुमार यादव और राजकुमार मिश्रा के नाम भी शामिल बताए गए हैं। दीक्षित ने अपने संदेश में लिखा, मैं दोस्तों के हाथों नहीं मरना चाहता, इसलिए खुद अपनी जान दे रहा हूं।'
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सूचना मिलते ही बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक अनुपम सहाय, परिक्षेत्र अधिकारी राहुल किरार और पुलिस टीम मौके पर पहुंची। अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी। फिलहाल पुलिस ने कुएं से वनपाल को निकालने की प्रक्रिया और घटनास्थल से मिले साक्ष्यों को जांच में शामिल किया है।
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हालांकि, टाइगर रिजर्व प्रशासन ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस मैसेज की पुष्टि नहीं की है। क्षेत्र संचालक अनुपम सहाय ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। फिलहाल घायल वनपाल का इलाज चल रहा है और उसका बयान दर्ज किए जाने के बाद ही सच्चाई सामने आ सकेगी।
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक नत्थू लाल दीक्षित लंबे समय से मानसिक तनाव में थे। बताया जा रहा है कि हाल ही में परिक्षेत्र के कामकाज को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उनका विवाद हुआ था। हालांकि इस विवाद की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। मौके से मिले मोबाइल फोन और अन्य सामग्री को जब्त कर लिया गया है। वहीं, सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज की सत्यता जांचने के लिए साइबर सेल की मदद ली जा रही है।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अधिकारी और पुलिस का कहना है कि फिलहाल प्राथमिकता घायल वनपाल की जान बचाने की है। उसके बयान के बाद ही आरोपों की पुष्टि या खंडन किया जा सकेगा। इस घटना से वन विभाग में हड़कंप मच गया है। कर्मचारियों में भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कई कर्मचारियों ने इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है ताकि सच्चाई सामने आ सके और विभाग की छवि पर उठे सवालों का जवाब मिल सके।

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