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Umaria News: टावर पर मिला वनकर्मी का शव, परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उमरिया
Published by: उमरिया ब्यूरो
Updated Tue, 16 Sep 2025 10:23 PM IST
सार
ड्यूटी के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ने पर भी उन्हें समय पर इलाज नहीं मिला, जिससे उनकी मौत हो गई। परिजनों ने विभागीय अधिकारियों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
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जांच के लिए पहुंची पुलिस टीम।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र अंतर्गत कलवाह बीट के कुम्हरा मैनहवाह कैंप स्थित टावर पर सोमवार तड़के एक स्थायी कर्मी का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला। मृतक की पहचान रामचरण बैगा पिता ठिमानी बैगा, निवासी उमरिया के रूप में हुई है। घटना के सामने आने के बाद से स्थानीय ग्रामीणों और परिजनों में आक्रोश है।
परिजनों के अनुसार रामचरण बैगा की तबीयत पिछले दो-तीन दिनों से खराब थी। उन्हें तेज बुखार और पेट दर्द की शिकायत थी। इस दौरान उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों से छुट्टी मांगी थी, ताकि इलाज करा सकें, लेकिन छुट्टी देने से इंकार कर दिया गया। मृतक के पुत्र पंचू बैगा ने बताया कि पिता ने घर फोन करके भी सूचना दी थी कि वे बीमार हैं और छुट्टी नहीं मिल रही है।
जानकारी के मुताबिक रविवार रात करीब 3 बजे के आसपास टावर पर ड्यूटी के दौरान उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। उन्होंने जोर-जोर से आवाज भी लगाई, लेकिन साथी कर्मियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। बताया गया कि कार्यवाहक वनपाल महोबिया मौके पर मौजूद थे, लेकिन उन्होंने मदद नहीं की। इलाज न मिलने के कारण देर रात उनकी मौत हो गई।
ये भी पढ़ें- नो एंट्री में कैसे घुसा ट्रक? इंदौर हादसे को लेकर हाईकोर्ट सख्त; अब कमिश्नर देंगे सफाई
सुबह जैसे ही घटना की जानकारी अन्य स्टाफ और ग्रामीणों को मिली मौके पर कोहराम मच गया। परिजनों ने विभागीय अधिकारियों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि समय रहते छुट्टी दी जाती या इलाज की व्यवस्था कराई जाती तो रामचरण की जान बच सकती थी।
मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया कि बीमारी की जानकारी होने के बावजूद विभाग ने किसी भी तरह की सहानुभूति नहीं दिखाई और न ही वैकल्पिक व्यवस्था की। यही कारण है कि आज उन्हें अपने परिवार के मुखिया को खोना पड़ा। घटना की सूचना मिलते ही टाइगर रिजर्व प्रबंधन के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। हालांकि, मृतक के परिजनों ने स्पष्ट शब्दों में विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती, वे शांत नहीं बैठेंगे।
फिलहाल इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पूरे घटनाक्रम की जांच कराई जाएगी और यदि लापरवाही सामने आती है तो जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने एक बार फिर से वन विभाग की कार्यप्रणाली और कर्मचारियों की बदहाल कार्य स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। टाइगर रिजर्व जैसे संवेदनशील क्षेत्र में यदि कर्मचारियों की बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं और छुट्टियों का ध्यान नहीं रखा जाएगा, तो इस तरह की घटनाएं दोहराए जाने से इंकार नहीं किया जा सकता।
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परिजनों के अनुसार रामचरण बैगा की तबीयत पिछले दो-तीन दिनों से खराब थी। उन्हें तेज बुखार और पेट दर्द की शिकायत थी। इस दौरान उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों से छुट्टी मांगी थी, ताकि इलाज करा सकें, लेकिन छुट्टी देने से इंकार कर दिया गया। मृतक के पुत्र पंचू बैगा ने बताया कि पिता ने घर फोन करके भी सूचना दी थी कि वे बीमार हैं और छुट्टी नहीं मिल रही है।
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जानकारी के मुताबिक रविवार रात करीब 3 बजे के आसपास टावर पर ड्यूटी के दौरान उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। उन्होंने जोर-जोर से आवाज भी लगाई, लेकिन साथी कर्मियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। बताया गया कि कार्यवाहक वनपाल महोबिया मौके पर मौजूद थे, लेकिन उन्होंने मदद नहीं की। इलाज न मिलने के कारण देर रात उनकी मौत हो गई।
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सुबह जैसे ही घटना की जानकारी अन्य स्टाफ और ग्रामीणों को मिली मौके पर कोहराम मच गया। परिजनों ने विभागीय अधिकारियों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि समय रहते छुट्टी दी जाती या इलाज की व्यवस्था कराई जाती तो रामचरण की जान बच सकती थी।
मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया कि बीमारी की जानकारी होने के बावजूद विभाग ने किसी भी तरह की सहानुभूति नहीं दिखाई और न ही वैकल्पिक व्यवस्था की। यही कारण है कि आज उन्हें अपने परिवार के मुखिया को खोना पड़ा। घटना की सूचना मिलते ही टाइगर रिजर्व प्रबंधन के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। हालांकि, मृतक के परिजनों ने स्पष्ट शब्दों में विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती, वे शांत नहीं बैठेंगे।
फिलहाल इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पूरे घटनाक्रम की जांच कराई जाएगी और यदि लापरवाही सामने आती है तो जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने एक बार फिर से वन विभाग की कार्यप्रणाली और कर्मचारियों की बदहाल कार्य स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। टाइगर रिजर्व जैसे संवेदनशील क्षेत्र में यदि कर्मचारियों की बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं और छुट्टियों का ध्यान नहीं रखा जाएगा, तो इस तरह की घटनाएं दोहराए जाने से इंकार नहीं किया जा सकता।

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