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Bandhavgarh Tiger Reserve: मां से बिछड़कर पेड़ की खोह में छिपे थे नन्हे शावक, गश्ती दल ने देखा तो बची जान

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उमरिया Published by: उमरिया ब्यूरो Updated Sat, 11 Oct 2025 08:32 AM IST
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Bandhavgarh Tiger Reserve: The little cubs were separated from their mother and were hiding in a tree cavity.
बांधवगढ़ वन विभाग नेय किया बाघों का रेस्क्यू। - फोटो : अमर उजाला
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बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा बफर क्षेत्र में दो बाघ शावकों को वन विभाग की टीम ने सुरक्षित रेस्क्यू किया। दोनों शावक सलखनिया बीट के कक्ष क्रमांक PF-610 में गिरे हुए पेड़ की खोह में छिपे मिले। गश्ती दल को उस समय उनकी मौजूदगी का पता चला जब एक शावक को पेड़ की खोह में घुसते हुए देखा गया।
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घटना की जानकारी मिलते ही गश्ती दल ने तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया। क्षेत्र संचालक के निर्देशन और मार्गदर्शन में मौके पर सघन सर्चिंग अभियान शुरू किया गया। कैम्प हाथियों की मदद से आस-पास के इलाके की बारीकी से तलाशी ली गई, लेकिन वहां किसी बड़े नर या मादा बाघ के चिह्न नहीं मिले। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि दोनों शावक संभवतः अपनी मां से बिछड़ गए होंगे।
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वन विभाग ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तत्काल रेस्क्यू का निर्णय लिया। क्षेत्र संचालक के निर्देश पर एडी ताला, एसडीओ पनपथा, आरओ खितौली, आरओ पनपथा बफर, रेस्क्यू दल और अन्य स्टाफ मौके पर पहुंचे और संयुक्त रूप से अभियान चलाया। सावधानीपूर्वक कार्रवाई करते हुए दोनों शावकों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।

रेस्क्यू के बाद दोनों शावकों को ताला ले जाया गया, जहां उनका स्वास्थ्य परीक्षण वन्यजीव चिकित्सकों की निगरानी में किया जा रहा है। प्रारंभिक जांच में दोनों शावक स्वस्थ बताए जा रहे हैं, हालांकि उन्हें फिलहाल निगरानी में रखा गया है। वरिष्ठ अधिकारियों से आगे की कार्रवाई के निर्देश मांगे गए हैं। प्राप्त निर्देशों के बाद ही यह तय होगा कि शावकों को जंगल में छोड़ा जाएगा या अस्थायी रूप से रेस्क्यू सेंटर में रखा जाएगा।

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वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं में प्राथमिकता शावकों की सुरक्षा को दी जाती है। यदि उनकी मां आसपास मिल जाती है, तो उन्हें पुनः जंगल में छोड़ा जाता है, लेकिन मां के न मिलने पर विभाग उन्हें रेस्क्यू कर सुरक्षित रखता है।

वन अमले की त्वरित कार्रवाई से दोनों शावकों की जान बच गई। स्थानीय अधिकारियों और रेस्क्यू टीम के इस प्रयास की सराहना की जा रही है। विभाग की टीम फिलहाल शावकों के स्वास्थ्य पर नजर रखे हुए है और आगे की प्रक्रिया वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशानुसार की जाएगी। यह घटना एक बार फिर दर्शाती है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का वन अमला न केवल सतर्क है बल्कि किसी भी आपात स्थिति में वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में पूरी तरह सक्षम है।
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