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मप्र कुर्बानी मामला: याचिकाकर्ता की शिकायत के निपटारे पर कोर्ट का SDO को आदेश, 6 जून तक करें मामले का निपटारा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, विदिशा
Published by: शबाहत हुसैन
Updated Wed, 04 Jun 2025 10:00 PM IST
सार
MP: कोर्ट ने याचिकाकर्ता की शिकायत के निपटारे के लिए संबंधित एसडीओ को आदेश दिया कि वे इस पर विचार करें और 6 जून तक समाधान करें। हाईकोर्ट का यह आदेश पंचायत स्तर पर विवाद को बढ़ने से रोकने और स्थानीय समस्याओं के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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मप्र हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के हैदरगढ़ ग्राम पंचायत में बकरीद पर कुर्बानी को लेकर एक विवाद ने कानूनी मोड़ ले लिया है। विशेष स्थान पर कुर्बानी की अनुमति न मिलने के बाद एक स्थानीय निवासी ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
इस मामले में याचिकाकर्ता ने कोर्ट से गुहार लगाई कि मुस्लिम समुदाय को बकरीद के दिन निर्धारित स्थान पर कुर्बानी करने की मंजूरी दी जाए। हालांकि, हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता को पहले ग्राम पंचायत में अपील करनी चाहिए।
कोर्ट ने याचिकाकर्ता की शिकायत के निपटारे के लिए संबंधित एसडीओ को आदेश दिया कि वे इस पर विचार करें और 6 जून तक समाधान करें। हाईकोर्ट का यह आदेश पंचायत स्तर पर विवाद को बढ़ने से रोकने और स्थानीय समस्याओं के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
पढ़ें: बकरीद से पहले कुर्बानी पर विवाद, सरपंच ने नहीं दी इजाजत तो व्यक्ति पहुंचा हाईकोर्ट
बकरीद पर बकरों की कुर्बानी का यह मामला संवेदनशील मुद्दों के समाधान के लिए अधीनस्थ स्तर पर प्रयासों को प्राथमिकता देने का संकेत देता है। इससे यह स्पष्ट होता है कि स्थानीय स्तर पर विवादों का निपटारा करना कितना महत्वपूर्ण है, ताकि समाज में सामंजस्य बना रहे। इस निर्णय ने न केवल ग्रामीण समुदाय को राहत दी है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि अदालतें संवेदनशील मामलों में स्थानीय प्रशासन को सक्रिय रूप से शामिल करने के लिए तत्पर हैं।
क्या था मामला
विदिशा के हैदरगढ़ ग्राम पंचायत के सरपंच ने बकरे की कुर्बानी की नहीं दी। दरअसल लोगों ने किसी स्थान विशेष पर कुर्बानी की इजाजत मांगी थी, लेकिन सरपंच ने नहीं दी तो याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में याचिका लगाई। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने सुनवाई के बाद इस पिटीशन को खारिज कर दिया। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता सीधे हाईकोर्ट में नहीं आ सकते, उन्हें पहले ग्राम पंचायत में अपील करनी चहिए। साथ ही हाईकोर्ट ने SDO को बुधवार तक याचिकाकर्ता की शिकायत का निराकरण करने का आदेश दिया था।
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इस मामले में याचिकाकर्ता ने कोर्ट से गुहार लगाई कि मुस्लिम समुदाय को बकरीद के दिन निर्धारित स्थान पर कुर्बानी करने की मंजूरी दी जाए। हालांकि, हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता को पहले ग्राम पंचायत में अपील करनी चाहिए।
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कोर्ट ने याचिकाकर्ता की शिकायत के निपटारे के लिए संबंधित एसडीओ को आदेश दिया कि वे इस पर विचार करें और 6 जून तक समाधान करें। हाईकोर्ट का यह आदेश पंचायत स्तर पर विवाद को बढ़ने से रोकने और स्थानीय समस्याओं के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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बकरीद पर बकरों की कुर्बानी का यह मामला संवेदनशील मुद्दों के समाधान के लिए अधीनस्थ स्तर पर प्रयासों को प्राथमिकता देने का संकेत देता है। इससे यह स्पष्ट होता है कि स्थानीय स्तर पर विवादों का निपटारा करना कितना महत्वपूर्ण है, ताकि समाज में सामंजस्य बना रहे। इस निर्णय ने न केवल ग्रामीण समुदाय को राहत दी है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि अदालतें संवेदनशील मामलों में स्थानीय प्रशासन को सक्रिय रूप से शामिल करने के लिए तत्पर हैं।
क्या था मामला
विदिशा के हैदरगढ़ ग्राम पंचायत के सरपंच ने बकरे की कुर्बानी की नहीं दी। दरअसल लोगों ने किसी स्थान विशेष पर कुर्बानी की इजाजत मांगी थी, लेकिन सरपंच ने नहीं दी तो याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में याचिका लगाई। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने सुनवाई के बाद इस पिटीशन को खारिज कर दिया। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता सीधे हाईकोर्ट में नहीं आ सकते, उन्हें पहले ग्राम पंचायत में अपील करनी चहिए। साथ ही हाईकोर्ट ने SDO को बुधवार तक याचिकाकर्ता की शिकायत का निराकरण करने का आदेश दिया था।

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