जब कार खरीदने जाते हैं तो सबसे पहले हम इस पहलू पर ध्यान देते हैं कि जो मॉडल हम पसंद कर रहे हैं उसकी बाजार में मांग कितनी है। कुछ कारें ऐसी होती हैं, जो आते ही बाजार में छा जाती हैं। वहीं इनमें से किसी कार को 'इंडिया कार ऑफ द ईयर' (ICOTY) चुना जाता है। हाल ही में नेक्स्ट जनरेशन ह्यूंदै i20 को इस अवॉर्ड से नवाजा गया है। 2006 में जब यह अवॉर्ड शुरू हुआ था, तो सुजुकी स्विफ्ट को सबसे पहले चुना गया था। यह अवॉर्ड उन्हीं कारों को मिलता है, जो कई पैरामीटर्स जैसे, वेल्यू फॉर मनी, बिल्ड क्वॉलिटी, कीमत, फ्यूल एफिशिअंसी, सेफ्टी, परफॉरमेंस जैसे मानकों पर खरा उतरती हैं। आइए जानते हैं पिछले 10 सालों में किन कारों को मिल चुका है ये अवॉर्ड....
टॉप चॉइस: 2021 में यह कार बनी Indian Car of the Year, जानते हैं पिछले 10 सालों में कौन रही अव्वल
मारुति स्विफ्ट (2012)
सेकंड जनरेशन मारुति स्विफ्ट को उस समय ICOTY अवॉर्ड के लिए चुना गया था। यह हैचबैक आज भी मारुति सुजुकी की टॉप सेलर्स कारों में शामिल है। इससे पहले स्विफ्ट को 2006 में भी इस अवॉर्ड के लिए चुना गया था। 2011 में जब स्विफ्ट लॉन्च हुई तब इसे 50 हजार से ज्यादा बुकिंग्स मिली थीं। उस समय स्विफ्ट की कीमत 4.65 लाख रुपये से शुरू होकर 5.95 लाख रुपये तक जाती थी।
रेनो डस्टर (2013)
2012 के ऑटो एक्सपो में कंपनी ने रेनो डस्टर को शोकेस किया था। वहीं जुलाई में इसकी लॉन्चिंग गई थी। 2012 में ही डस्टर को कई अवॉर्ड मिले थे। लेकिन 2013 में इसे कार ऑफ द ईयर का अवॉर्ड मिला। डस्टर ने एसयूवी सेगमेंट में धमाल मचा दिया था। कंपनी ने पिछले साल ही अगस्त में डस्टर को टर्बो इंजन के साथ लॉन्च किया था। डस्टर का मौजूदा मॉडल 2016 में लॉन्च किया गया था।
ह्यूंदै ग्रैंड i10 (2014)
2014 में ह्यूंदै की इस हैचबैक को यह अवॉर्ड मिला था। उस इस अवॉर्ड की रेस में होंडा अमेज और फोर्ड इकोस्पोर्ट जैसी कारें थीं। ह्यूंदै ने सितंबर 2013 में 90 दिनों के अंदर इसकी 35 हजार से ज्यादा यूनिट्स की बिक्री की थी। हालांकि अब ह्यूंदै ग्रैंड i10 की जगह ग्रैंड i10 NIOS ने ले ली है, जो पहले से ज्यादा दमदार है। इससे पहले 2018 में ह्यूंदै आई10 को यह अवॉर्ड मिला था।
ह्यूंदै एलीट i20 (2015)
वहीं 2015 कार ऑफ दे ईयर का अवॉर्ड ह्यूंदै i20 को मिला था। प्रीमियम हैचबैक सेगमेंट में इस कार ने बड़ी तेजी से अपनी पकड़ बनाई थी। चार महीने में आी20 को 60 हजार से ज्यादा बुकिंग्स और 32 हजार खरीदार मिले थे। इसका मुकाबला उस साल मारुति सुजुकी सियाज और होंडा सिटी जैसी कारों से था।