अमेरिका में जो बाइडन आज देश के नए राष्ट्रपति के रूप में पद ग्रहण करने जा रहे हैं। वहीं, डोनाल्ड ट्रंप को लेकर लगातार नए-नए विवाद सामने आ रहे हैं। ताजा विवाद डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका से जुड़ा हुआ है, जिसे टॉयलेट स्कैंडल कहा जा रहा है। दरअसल, आरोप है कि इवांका ने अपनी सुरक्षा में तैनात सीक्रेट सर्विस जवानों को टॉयलेट सुविधा दिलवाने के लिए टैक्सदाताओं के करोड़ों रुपए खर्च कर दिए।
आखिर क्या है टॉयलेट स्कैंडल, जिसके वजह से इवांका ट्रंप सुर्खियों में हैं?
इवांका ने लगाई रोक
बता दें कि मामला कुछ ऐसा है कि इवांका और उनके पति जेरेड कुश्नर की सुरक्षा खुफिया सर्विस के जवानों की तैनाती हुई। अमेरिका के राष्ट्रपति के परिवार की सुरक्षा के लिए प्रोटोकॉल के तहत तैनात ये जवान ड्यूटी शुरू होने के साथ ही मुसीबतों से घिर गए। क्योंकि इवांका ने उन्हें अपने घर का टॉयलेट इस्तेमाल करने से मना कर दिया, जबकि उनके घर पर कुल 6 टॉयलेट बने हुए हैं।
किराए पर लिया घर
ऐसे हालात में ड्यूटी पर लगे जवान लगभग तीन किलोमीटर की दूरी तय करके कथित तौर पर पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के घर जाते और उनके टॉयलेट इस्तेमाल करते थे। इतनी लंबी दूरी तय कर लौटने में जवानों को काफी समय लगता था। लिहाजा इवांका ने एक दूसरा तरीका निकलवाया। इवांका के घर के ही पास एक अन्य घर को किराए पर लिया गया, ताकि सीक्रेट एजेंट वहां के टॉयलेट का इस्तेमाल कर सकें। भाड़े पर लिए गए इस घर का मासिक किराया लगभग 2 लाख 20 हजार रुपए था। इस तरह से चार सालों में केवल टॉयलेट के लिए 74 लाख रुपए से भी ज्यादा पैसे खर्च हो गए।
डेमोक्रेट्स ले रहे आड़े हाथ
14 जनवरी को वॉशिंगटन पोस्ट में इस खबर के प्रकाशित होने के बाद से ही विपक्षी पार्टी लगातार इवांका के गैरजरूरी खर्च की आलोचना कर रही है। डेमोक्रेट्स का कहना है कि इवांका के घर में 6 टॉयलेट होने के बाद भी पैसे खर्च करना सही नहीं था। हालांकि, टॉयलेट को लेकर ट्रंप परिवार पहले भी निशाने पर रहा है।साल 2016 में जब ट्रंप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार थे और चुनाव प्रचार कर रहे थे, तब न्यूयॉर्क सिटी के उनके अपार्टमेंट में एक सोने का बना कमोड की तस्वीर वायरल हो गई थी। इसके लिए ट्रंप को अय्याश भी कहा गया, लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई कि ट्रंप के घर पर सोने से बना कमोड सही है।
पानी की कमी की शिकायत
राष्ट्रपति रहते हुए भी ट्रंप का टॉयलेट ऑब्सेशन सामने आया था, जब उन्होंने बाथरूम में वॉटर फिक्शचर के कारण पानी कम आने की शिकायत की थी। उनकी लगातार शिकायत के वजह से डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी ने शावर वॉटर प्रेशर के नियमों में नरमी बरतने की बात कही थी। आपको बता दें कि अधिकांश पश्चिमी देशों में पानी की बर्बादी को रोकने के लिए बाथरूम में वॉटर फिक्शचर लगाया जाता है। ये एक तरह का सिस्टम है, जिससे नल से या शावर से सीमित मात्रा में पानी गिरता है।