उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में मासूम का अपहरण और हत्या करने के आरोपियों को शरण देने के आरोप में पुलिस ने गुलरिहा के नरायनपुर निवासी अमर चौहान को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। इससे पहले छह जनवरी 2021 को पुलिस ने मामले के मुख्य आरोपी अजय कुमार गुप्ता के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई की थी।
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बलराम अपहरण हत्याकांड (फाइल फोटो)।
- फोटो : अमर उजाला।
जानकारी के मुताबिक, 26 जुलाई 2020 में जंगल छत्रधारी गांव के मिश्रौलिया टोला निवासी किराना व्यापारी महाजन गुप्ता के बेटे व पांचवी के छात्र बलराम का अपहरण कर लिया गया था। उसके पिता से फोन कर पहले एक करोड़, फिर 50 लाख व बाद में 20 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई थी।
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बलराम अपहरण हत्याकांड (फाइल फोटो)।
- फोटो : अमर उजाला।
फिरौती देने से पहले ही अपहरणकर्ताओं ने मासूम की हत्या कर शव को बोरे में भरकर ताल के किनारे फेंक दिया था। मामले में पुलिस ने जंगल धूसड़, हसनगंज महुआबारी निवासी मुख्य आरोपी अजय कुमार गुप्ता, दयानंद, मुन्ना चौहान, अजय चौहान, सोनू चौहान, निखिल भर्ती, नितेश, रिंकू समेत दस लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
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मृत बलराम के पिता (फाइल फोटो)।
- फोटो : अमर उजाला।
जांच में पता चला था कि अजय चौहान, सोनू चौहान, अजय गुप्ता समेत कई आरोपियों को फरारी के दौरान गुलरिहा के नरायनपुर निवासी अमन चौहान ने अपने घर में शरण दी थी। तभी से अमन फरार चल रहा था। अमन अजय चौहान के मामा का बेटा है। इस संबंध में पिपराइच थानेदार दिनेश मिश्रा ने बताया कि मासूम के अपहरण व हत्या करने के आरोपी अजय चौहान व सोनू चौहान को अमन ने फरारी के दौरान शरण दी थी। तभी से उसकी तलाश चल रही थी। गुरुवार को उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
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बलराम अपहरण हत्याकांड (फाइल फोटो)।
- फोटो : अमर उजाला।
बता दें कि बलराम के अपहरण और हत्या में बदमाशों ने बर्बरता की सारी हदें पार कर दी थीं। हत्या से पहले बलराम को यातना दी गई थी। दोनों हाथ पीछे उठाकर तोड़ दिए गए थे। गर्दन भी टूटी थी। सिर को निर्ममता से कूंचा गया था। हत्या के बाद शव सीमेंट की बोरी में ठूंस दिया था। बोरी में डालने से पहले पैर को जोर देकर मोड़ा गया था। शव बोरे से निकाला गया था तो एक बार पुलिस, क्राइम ब्रांच और एसटीएफ के लोगों की रूह कांप गई थी। कइयों की आंखों से आंसू निकल आए थे।