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गोरखपुर लूटकांड: लालच में आकर पुलिसकर्मियों ने की थी 30 लाख की लूट, नहीं पता था ऐसे होगा खुलासा
संवाद न्यूज एजेंसी, बस्ती।
Published by: vivek shukla
Updated Fri, 22 Jan 2021 12:27 PM IST
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पुलिस के गिरफ्त में सभी आरोपी।
- फोटो : अमर उजाला।
गोरखपुर लूटकांड में पकड़े गए बस्ती के तीनों पुलिसकर्मी वसूली के इरादे से गोरखपुर पहुंचे थे। उन्हें कुछ लोगों के नेपाल से सोना लेकर आने की सूचना मिली थी। ऐसे में वे बिना रवानगी दर्ज किए ही गोरखपुर जा पहुंचे और लूटकांड को अंजाम दे दिया। मुखबिर ने काफी दिनों से जाल बिछाए दारोगा धर्मेंद्र यादव को नेपाल से 80 लाख रुपये कीमत का सोना गोरखपुर पहुंचने की सूचना दी थी। इसके बाद वह पहले से तैयार दोनों खास सिपाहियों महेंद्र यादव और संतोष यादव के साथ बिना रवानगी दर्ज किए ही गोरखपुर जा पहुंचे। उनकी योजना सोना लाने वालों को पकड़ने और वसूली कर छोड़ देने की थी, लेकिन लालच आ जाने के कारण उन्होंने व्यापारियों से सोना छीन लिया और उनकी पिटाई कर उन्हें छोड़ दिया।
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लूट की घटना में शामिल आरोपी।
- फोटो : अमर उजाला।
विभागीय सूत्रों के अनुसार महराजगंज के मुखबिर ने दीपक वर्मा और रामू वर्मा के पास करीब 80 लाख रुपये का अवैध सोना होने की जानकारी दी थी। दारोगा और दोनों सिपाही गोरखपुर रेलवे बस स्टेशन पहुंचे और आयकर चोरी की बात कहते हुए दोनों व्यापारियों को लोगों के सामने हिरासत में ले लिया। उनमें लेनदेन की बात होने लगी, लेकिन उसी दौरान तीनों की नीयत खराब हो गई। इन्होंने सारा माल हड़प कर दोनों व्यापारियों को पीटकर छोड़ दिया। उन्हें अंदाजा नहीं था कि व्यापारी पुलिस के पास शिकायत लेकर पहुंच जाएंगे।
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पुरानी बस्ती थाना।
- फोटो : अमर उजाला।
25 महीने से पुरानी बस्ती थाने में तैनात थे गिरफ्तार तीनों पुलिसकर्मी
सराफा व्यवसायी से 30 लाख की लूट के आरोपी तीनों पुलिसकर्मी 25 महीने से पुरानी बस्ती थाने में तैनात थे। सहकर्मी बताते हैं कि आरोपी दारोगा और दोनों सिपाहियों में गहरी दोस्ती थी। एसपी हेमराज मीणा ने बताया कि एसआई धर्मेंद्र यादव सितंबर 2018 में बलिया से स्थानांतरित होकर आया था, जबकि 2018 में भर्ती हुए दोनों सिपाही महेंद्र यादव व संतोष यादव की जनवरी 2019 में पुरानी बस्ती थाने पर तैनाती हुई थी।
सराफा व्यवसायी से 30 लाख की लूट के आरोपी तीनों पुलिसकर्मी 25 महीने से पुरानी बस्ती थाने में तैनात थे। सहकर्मी बताते हैं कि आरोपी दारोगा और दोनों सिपाहियों में गहरी दोस्ती थी। एसपी हेमराज मीणा ने बताया कि एसआई धर्मेंद्र यादव सितंबर 2018 में बलिया से स्थानांतरित होकर आया था, जबकि 2018 में भर्ती हुए दोनों सिपाही महेंद्र यादव व संतोष यादव की जनवरी 2019 में पुरानी बस्ती थाने पर तैनाती हुई थी।
लूट की घटना का खुलासा करते एसएसपी।
- फोटो : अमर उजाला।
दारोगा धर्मेंद्र यादव गोरखपुर जिले के सिकरीगंज थाने के जगरनाथपुर का मूल निवासी है। आरक्षी महेंद्र यादव मऊ जनपद के थाना सराय लखनसी के रैकवारडीह और आरक्षी संतोष यादव गाजीपुर जिले के थाना जंगीपुरा के गांव अलवरपुर का मूल निवासी है। गुरुवार की सुबह जब लूटकांड में तीनों के शामिल होने का पता चला तो महकमा सन्न रह गया। सूत्रों के अनुसार महेंद्र की शादी तय हो चुकी है।
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पुलिस के गिरफ्त में आरोपी।
- फोटो : अमर उजाला।
इनके खिलाफ हुई निलंबन की कार्रवाई
निलंबित पुलिसकर्मियों में गिरफ्तार दारोगा धर्मेंद्र यादव, सिपाही महेंद्र यादव व संतोष यादव के अलावा प्रभारी निरीक्षक अवधेशराज सिंह शामिल हैं। साथ ही एसआई राम नगीना यादव, हेड मोहर्रिर (दीवान) हरिश्चंद्र यादव, आरक्षी आलोक भार्गव, बृजेश यादव, आदर्श तिवारी, कृष्णानंद भारती, कृष्णमोहन खरवार और आलोक सिंह पर भी निलंबन की कार्रवाई हुई है।
निलंबित पुलिसकर्मियों में गिरफ्तार दारोगा धर्मेंद्र यादव, सिपाही महेंद्र यादव व संतोष यादव के अलावा प्रभारी निरीक्षक अवधेशराज सिंह शामिल हैं। साथ ही एसआई राम नगीना यादव, हेड मोहर्रिर (दीवान) हरिश्चंद्र यादव, आरक्षी आलोक भार्गव, बृजेश यादव, आदर्श तिवारी, कृष्णानंद भारती, कृष्णमोहन खरवार और आलोक सिंह पर भी निलंबन की कार्रवाई हुई है।