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Bareilly News: निवेशक ने दी आत्मदाह की धमकी, कन्हैया और उसके गुर्गों पर दो और रिपोर्ट
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बरेली। निवेशकों से करोड़ों रुपये ठगने के आरोपी कैनविज कंपनी के मालिक कन्हैया गुलाटी के खिलाफ धड़ाधड़ मामले दर्ज किए जा रहे हैं, बावजूद उसकी गिरफ्तारी को लेकर कवायद शून्य है। शनिवार रात भी दो नए मामले दर्ज किए गए। रकम डूबने की वजह से शाहजहांपुर के निवेशक ने अधिकारियों को पत्र देकर कैनविज दफ्तर के सामने आत्मदाह करने की धमकी दी तो एसएसपी के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई।
शाहजहांपुर के बंडा थाना क्षेत्र के गांव भौरखेड़ा जिगनिया निवासी अंकित कुमार ने बारादरी थाना प्रभारी धनंजय पांडेय को बताया कि योगेंद्र गंगवार, प्रमोद परिहार और जितेंद्र पटेल कैनविज ग्रुप के लॉयन ऑफ कैनविज के संस्थापक सदस्य और कन्हैया गुलाटी के खास गुर्गे हैं। ये लोग भोले-भाले लोगों को सपने दिखाकर ठगी करते हैं। कस्बों में बैठक कर कहते हैं कि एक लाख रुपये दो, हम खाते में दो फीसदी और पांच फीसदी रकम ब्याज के रूप में भेजते रहेंगे। इसके बाद चेक से मूलधन निकाल लेना।
कपनी ने कुछ महीने ब्याज दिया। बाद में बड़ी रकम जुटाने के बाद रुपये देना बंद कर दिया। निवेशकों को मूल रकम भी नहीं मिली। अंकित ने कहा कि अगर 20 दिन में रकम नहीं मिली तो वह कंपनी दफ्तर के सामने आत्महत्या करने के लिए मजबूर होंगे। पूरनपुर के बैंक से पांच लाख रुपये लोन लेकर निवेश किया था। किस्तें टूटने पर बैंक वाले परेशान कर रहे हैं। राष्ट्रपति, राज्यपाल और एसएसपी से शिकायत की गई। थाना प्रभारी ने बताया कि एसएसपी के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज की गई है।
एक ही मामले में दो रिपोर्ट
गुलाटी से ठगी के शिकार ललित मोहन रकम डूबने के बाद गैंग के खिलाफ कार्रवाई कराने के लिए थाने-चौकियों के चक्कर काट रहे थे। उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं हो सकी थी। जब एसएसपी अनुराग आर्य ने गुलाटी गैंग पर शिकंजा कसा तो ललित मोहन की ओर से एक ही मामले की दो रिपोर्ट दर्ज कर ली गईं। गुरुनानक कॉलोनी निवासी ललित मोहन ने बताया कि उनके 4,25,000 रुपये व उनके भाई के दो लाख रुपये गुलाटी ने हड़प लिए थे। इसकी शिकायत उन्होंने बैरियर टू चौकी पर की, लेकिन उन्हें टरका दिया गया। जब एसएसपी ने गुलाटी गैंग पर शिकंजा कसा तो ललित मोहन की तरफ से बारादरी थाने में अपराध संख्या 1480 की रिपोर्ट धारा 318(4),316(2),352,351(2)के तहत दर्ज की गई थी। अब इज्जतनगर थाने में अपराध संख्या 1225 पर रिपोर्ट धारा 318(4),316(2),352 और 351(3) के तहत लिखी गई है।
आरोपी, वादी और मजमून एक, बस धारा का अंतर
ललित मोहन के मामले में दर्ज दोनों मामलों में अंतर बस इतना है कि बारादरी थाने में धारा 351(2) लगाई गई है जो शरीर और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धमकी देने के संबंध में लगाई जाती है। इसमें दो साल सजा का प्रावधान है। जबकि इज्जतनगर थाने की रिपोर्ट में धारा 351(3) का जिक्र है जो गंभीर चोट पहुंचाने की धमकी देने के मामले में लगाई जाती है। इसमें सात साल तक की सजा का प्रावधान है। इज्जतनगर थाना प्रभारी विजेंद्र सिंह ने बताया कि अगर एक ही मामले में दो जगह एक जैसी रिपोर्ट लिखी गई हैं तो एक मामले को मर्ज करा दिया जाएगा। ब्यूरो
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शाहजहांपुर के बंडा थाना क्षेत्र के गांव भौरखेड़ा जिगनिया निवासी अंकित कुमार ने बारादरी थाना प्रभारी धनंजय पांडेय को बताया कि योगेंद्र गंगवार, प्रमोद परिहार और जितेंद्र पटेल कैनविज ग्रुप के लॉयन ऑफ कैनविज के संस्थापक सदस्य और कन्हैया गुलाटी के खास गुर्गे हैं। ये लोग भोले-भाले लोगों को सपने दिखाकर ठगी करते हैं। कस्बों में बैठक कर कहते हैं कि एक लाख रुपये दो, हम खाते में दो फीसदी और पांच फीसदी रकम ब्याज के रूप में भेजते रहेंगे। इसके बाद चेक से मूलधन निकाल लेना।
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कपनी ने कुछ महीने ब्याज दिया। बाद में बड़ी रकम जुटाने के बाद रुपये देना बंद कर दिया। निवेशकों को मूल रकम भी नहीं मिली। अंकित ने कहा कि अगर 20 दिन में रकम नहीं मिली तो वह कंपनी दफ्तर के सामने आत्महत्या करने के लिए मजबूर होंगे। पूरनपुर के बैंक से पांच लाख रुपये लोन लेकर निवेश किया था। किस्तें टूटने पर बैंक वाले परेशान कर रहे हैं। राष्ट्रपति, राज्यपाल और एसएसपी से शिकायत की गई। थाना प्रभारी ने बताया कि एसएसपी के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज की गई है।
एक ही मामले में दो रिपोर्ट
गुलाटी से ठगी के शिकार ललित मोहन रकम डूबने के बाद गैंग के खिलाफ कार्रवाई कराने के लिए थाने-चौकियों के चक्कर काट रहे थे। उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं हो सकी थी। जब एसएसपी अनुराग आर्य ने गुलाटी गैंग पर शिकंजा कसा तो ललित मोहन की ओर से एक ही मामले की दो रिपोर्ट दर्ज कर ली गईं। गुरुनानक कॉलोनी निवासी ललित मोहन ने बताया कि उनके 4,25,000 रुपये व उनके भाई के दो लाख रुपये गुलाटी ने हड़प लिए थे। इसकी शिकायत उन्होंने बैरियर टू चौकी पर की, लेकिन उन्हें टरका दिया गया। जब एसएसपी ने गुलाटी गैंग पर शिकंजा कसा तो ललित मोहन की तरफ से बारादरी थाने में अपराध संख्या 1480 की रिपोर्ट धारा 318(4),316(2),352,351(2)के तहत दर्ज की गई थी। अब इज्जतनगर थाने में अपराध संख्या 1225 पर रिपोर्ट धारा 318(4),316(2),352 और 351(3) के तहत लिखी गई है।
आरोपी, वादी और मजमून एक, बस धारा का अंतर
ललित मोहन के मामले में दर्ज दोनों मामलों में अंतर बस इतना है कि बारादरी थाने में धारा 351(2) लगाई गई है जो शरीर और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धमकी देने के संबंध में लगाई जाती है। इसमें दो साल सजा का प्रावधान है। जबकि इज्जतनगर थाने की रिपोर्ट में धारा 351(3) का जिक्र है जो गंभीर चोट पहुंचाने की धमकी देने के मामले में लगाई जाती है। इसमें सात साल तक की सजा का प्रावधान है। इज्जतनगर थाना प्रभारी विजेंद्र सिंह ने बताया कि अगर एक ही मामले में दो जगह एक जैसी रिपोर्ट लिखी गई हैं तो एक मामले को मर्ज करा दिया जाएगा। ब्यूरो
