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Exclusive: मोबाइल फोन एक, बीमारियां देता है अनेक, जानिए डॉक्टर क्या दे रहें सलाह

नीरज मिश्र, गोरखपुर। Published by: vivek shukla Updated Sat, 28 Jan 2023 10:47 AM IST
सार

मेडिकल कॉलेज के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित मिश्रा ने बताया कि इस बीमारी को टेक्स्ट नेक सिंड्रोम कहा जाता है। इसमें मोबाइल के अधिक इस्तेमाल से अंगूठे की मांसपेशियों में थकान आ जाती है। गर्दन झुकाकर काम करने से गर्दन झुक जाती है।

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Mobile phone one gives many diseases
सांकेतिक तस्वीर। - फोटो : istock

मोबाइल फोन कई प्रकार की सुविधाएं दे रहा है, तो अनेक प्रकार की बीमारियां भी दे रहा है। इसके घंटों इस्तेमाल से युवाओं की गर्दन और अंगूठे की मांसपेशियों में अधिक दर्द हो रहा है। कूबड़ तक (कफोसिस) निकल रहा है। सिर, कंधे और जबड़े में दर्द की समस्या हो रही है। चिकित्सक इसे टेक्स्ट नेक सिंड्रोम कहते हैं और मोबाइल फोन का अधिक प्रयोग करने से बचने की सलाह देते हैं।



मोबाइल फोन का अधिक इस्तेमाल करने से होने वाली बीमारियों का इलाज कराने के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज के हड्डी रोग विभाग की ओपीडी में हर दिन 10 से 15 लोग आ रहे हैं। मेडिकल कॉलेज के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित मिश्रा ने बताया कि इस बीमारी को टेक्स्ट नेक सिंड्रोम कहा जाता है। इसमें मोबाइल के अधिक इस्तेमाल से अंगूठे की मांसपेशियों में थकान आ जाती है। गर्दन झुकाकर काम करने से गर्दन झुक जाती है। इनकी उम्र 15 से 30 वर्ष के बीच है। ऐसे मरीजों की संख्या कोरोना महामारी के बाद बढ़ी है। जबकि महामारी से पहले सप्ताह में इक्का-दुक्का मरीज ही आते थे।

 

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सांकेतिक तस्वीर। - फोटो : istock

गर्दन झुकने से तीन गुना बढ़ जाता है भार
डॉ. अमित मिश्रा ने बताया कि सामान्य तौर पर सीधे बैठने पर गर्दन के ऊपर लगभग पांच किलो का वजन आता है, लेकिन गर्दन को आगे की तरफ झुकाने पर वजन तीन गुना बढ़ जाता है। इस वजह से गर्दन की हड्डियों पर दबाव बढ़ता है। मांसपेशियां मोटी होने लगती हैं और थकान ज्यादा लगने लगती है। इसके बाद लोग शारीरिक श्रम नहीं कर पाते हैं। अचानक मरीजों में सर्वाइकल स्पॉडलोसिस की समस्या शुरू हो जाती है, जो ज्यादा तकलीफ देती है।

 

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सांकेतिक तस्वीर। - फोटो : फाइल फोटो

गर्दन के पीछे बन रहा उभार
डॉ. अमित मिश्रा ने बताया कि मरीजों के सिर में दर्द, कंधे में दर्द और जबड़े सहित पीठ में दर्द और सवाईकल स्पॉडिलोसिस की समस्या की शिकायत मिल रही है। ऐसे मरीजों के गर्दन में उभार भी बन रहा है, जिसे विज्ञान की भाषा में कूबड़ निकलना कहते हैं। मरीजों को सलाह दी जाती है कि लगातार दो से तीन घंटे तक मोबाइल का इस्तेमाल न करें। वरना उन्हें पूरी जिंदगी इस समस्या से जूझना पड़ सकता है।

 

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सांकेतिक तस्वीर। - फोटो : istock

ऐसे करें बचाव

  • मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते समय गर्दन और कमर सीधी रखें।
  • बीच-बच में उठकर टहलें, दर्द होने पर डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
  • गर्दन झुकाकर मोबाइल फोन का इस्तेमाल कतई नहीं करना चाहिए।


 

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सांकेतिक तस्वीर। - फोटो : istock

केस-एक
अली नगर की रहने वाली कक्षा 10 की छात्रा आदिती ने बताया कि उसकी गर्दन आगे की तरफ झुक रही है। पीछे कूबड़ (कफोसिस) निकल रहा है। हाथों में कमजोरी महसूस होती है। गर्दन में दर्द रहता है। दिन में छह से आठ घंटे मोबाइल का इस्तेमाल करती हैं। डॉक्टर की सलाह पर इलाज शुरू किया गया। मोबाइल का कम इस्तेमाल करने की सलाह दी गई। अब काफी आराम है।

केस- दो
आजाद नगर के रहने वाले 12वीं के छात्र सुधांशु कुमार की गर्दन में ज्यादा दर्द रहता है। अक्सर उल्टी के साथ चक्कर आने की शिकायत थी। डॉक्टर को दिखाने पर पता चला कि सर्वाइकल स्पॉडलोसिस के लक्षण हैं। आदित्य ने बताया कि कोरोना महामारी के बीच ऑनलइन क्लास करने के दौरान मोबाइल चलाने की लत लग गई। डॉक्टर ने मोबाइल फोन कम चलाने की सलाह दी है।

 

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