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Sawan Somwar Vrat 2021: सावन का चौथा सोमवार है फलदायी, इस विधि से पूजा करने पर 'भोले भंडारी' होते हैं प्रसन्न
अमर उजाला नेटवर्क, गोरखपुर।
Published by: vivek shukla
Updated Mon, 16 Aug 2021 01:36 PM IST
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सावन सोमवार 2021।
- फोटो : अमर उजाला।
सावन के सभी सोमवारों में चौथा सोमवार सबसे महत्वपूर्ण होता है। आज रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन बना हुआ है। शत्रु और रोगों से छुटकारा, विवादों में सफलता, संकट की समाप्ति तथा पारिवारिक समृद्धि के लिए सावन के चौथे सोमवार का व्रत और पूजन-अर्चन महाफलदायी है। इस दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना महा फलदायी होता है। माना जाता है कि इस मंत्र का जाप करने से आयु बढ़ती है। सभी प्रकार की बीमारियों से मुक्ति मिलती है और भगवान शिव भक्त की सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
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सावन सोमवार 2021।
- फोटो : अमर उजाला।
सर्वकार्य सिद्धि के लिए भी यह दिन सर्वोत्तम
ज्योतिर्विद पंडित नरेंद्र उपाध्याय के अनुसार, भगवान शिव की कृपा प्राप्ति के लिए पूर्व या उत्तर मुख बैठकर हाथ में अक्षत, जल और पुष्प, सुपाड़ी और बिल्व पत्र लेकर मनोकामना की सिद्धि के लिए संकल्प करें। यह उच्चारण करें कि इस सावन मास में समस्त कामनाओं की प्राप्ति के लिए शिवार्चन कर रहा हूं। पुन: शुद्ध जल में थोड़ा कच्चा दूध और गंगाजल मिलाकर पूजा स्थल के पास चतुर्दिक छिड़कें। भगवान शिव की प्रतिमा या शिवलिंग स्थापित करें।
ज्योतिर्विद पंडित नरेंद्र उपाध्याय के अनुसार, भगवान शिव की कृपा प्राप्ति के लिए पूर्व या उत्तर मुख बैठकर हाथ में अक्षत, जल और पुष्प, सुपाड़ी और बिल्व पत्र लेकर मनोकामना की सिद्धि के लिए संकल्प करें। यह उच्चारण करें कि इस सावन मास में समस्त कामनाओं की प्राप्ति के लिए शिवार्चन कर रहा हूं। पुन: शुद्ध जल में थोड़ा कच्चा दूध और गंगाजल मिलाकर पूजा स्थल के पास चतुर्दिक छिड़कें। भगवान शिव की प्रतिमा या शिवलिंग स्थापित करें।
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सावन सोमवार 2021।
- फोटो : अमर उजाला।
भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के बाद पुष्प, बिल्व पत्र इत्यादि अर्पण करें। फिर ‘ऊं पंच तत्वाय पूर्ण कार्य सिद्धि देहि-देहि सदाशिवाय नम:’ मंत्र का तीन माला जप रूद्राक्ष की माला से करें। इसे सावन के चौथे सोमवार से प्रारंभ कर अगले 16 सोमवार तक यह क्रिया करते रहें। 16 सोमवार व्यतीत होने के बाद पूजा सामग्री को किसी प्रतिष्ठित शिवलिंग के पास रख दें। भगवान शिव व्रती के मनोवांछित फल को प्रदान करेंगे।
सावन सोमवार 2021।
- फोटो : अमर उजाला।
घर में सुख-शांति और समृद्धि के लिए ऐसे करें पूजन
ज्योतिषाचार्य मनीष मोहन के अनुसार, घर में सुख-शांति और समृद्धि के लिए पारद शिवलिंग या स्फटिक शिवलिंग को पूजा गृह में रखें। यह शिवलिंग चार अंगुल से ऊंचा न हो। चौथे सोमवार से प्रारंभ कर सात सोमवारों तक इन शिवलिंगों पर बिल्व पत्र, पुष्प, गुलाल जल, इत्र, यज्ञोपवीत, मिष्ठान, दूध, घी, शहद, शक्कर, फल और दीपक अर्पण करें। भगवान शंकर को पंचामृत से स्नान कराने के बाद गंगाजल से भी स्नान कराएं। इस पूजा में केशर मिश्रित अक्षत का प्रयोग किया जा सकता है। ‘ऊं रूद्राय पशुपतये नम:’ मंत्र का प्रत्येक सोमवार को पांच माला जप रूद्राक्ष या चंदन के माला से करें। इस मंत्र के जप और अर्चन से घर में सुख-शांति और समृद्धि की वृद्धि होती है।
ज्योतिषाचार्य मनीष मोहन के अनुसार, घर में सुख-शांति और समृद्धि के लिए पारद शिवलिंग या स्फटिक शिवलिंग को पूजा गृह में रखें। यह शिवलिंग चार अंगुल से ऊंचा न हो। चौथे सोमवार से प्रारंभ कर सात सोमवारों तक इन शिवलिंगों पर बिल्व पत्र, पुष्प, गुलाल जल, इत्र, यज्ञोपवीत, मिष्ठान, दूध, घी, शहद, शक्कर, फल और दीपक अर्पण करें। भगवान शंकर को पंचामृत से स्नान कराने के बाद गंगाजल से भी स्नान कराएं। इस पूजा में केशर मिश्रित अक्षत का प्रयोग किया जा सकता है। ‘ऊं रूद्राय पशुपतये नम:’ मंत्र का प्रत्येक सोमवार को पांच माला जप रूद्राक्ष या चंदन के माला से करें। इस मंत्र के जप और अर्चन से घर में सुख-शांति और समृद्धि की वृद्धि होती है।
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सावन सोमवार 2021।
- फोटो : अमर उजाला।
सौभाग्य की प्राप्ति के लिए ऐसे करें पूजन
पंडित विजय शंकर पांडेय के अनुसार, व्रती को चाहिए कि वह सावन के चौथे सोमवार को भगवान शिव के नाम का सूर्योदय से लेकर सायंकाल तक उच्चारण करते रहें। कुछ मध्य में विराम के पश्चात नामोच्चारण का क्रम जारी रखें। इस दिन के व्रत से पुत्र प्राप्ति, पुत्र सुख और सौभाग्य की वृद्धि का सुयोग मिलेगा। यदि इस सोमवार से प्रारंभ कर एक माह तक भगवान शिव की अर्चन करते रहें तो निश्चय ही भक्त समस्त रोगों से मुक्त हो जाएगा।
पंडित विजय शंकर पांडेय के अनुसार, व्रती को चाहिए कि वह सावन के चौथे सोमवार को भगवान शिव के नाम का सूर्योदय से लेकर सायंकाल तक उच्चारण करते रहें। कुछ मध्य में विराम के पश्चात नामोच्चारण का क्रम जारी रखें। इस दिन के व्रत से पुत्र प्राप्ति, पुत्र सुख और सौभाग्य की वृद्धि का सुयोग मिलेगा। यदि इस सोमवार से प्रारंभ कर एक माह तक भगवान शिव की अर्चन करते रहें तो निश्चय ही भक्त समस्त रोगों से मुक्त हो जाएगा।