गोरखनाथ मंदिर में विजयादशमी पर्व की शुरूआत शुक्रवार की सुबह 9 बजे श्रीनाथ जी (शिवावतारी गुरु गोरक्षनाथ) के विशिष्ठ पूजन से हुई। गोरक्षपीठाधीश्वर व मुख्यमंत्री योगी ने मुख्य मंदिर में श्रीनाथ जी एवं सभी देवों का पूजन किया। सभी को भोग लगाया गया।
विशेष परिधान में बाहर आए गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के साथ भव्य शोभायात्रा मंदिर परिसर में निकली। पारंपरिक शस्त्रों के साथ नाथ योगियों, पुजारियों व संतों की यात्रा में पूरे शाही तरीके से वेदपाठी किशोर-युवा त्रिशुल-तलवार व अन्य शस्त्रों के साथ इसमें शामिल रहे। शोभायात्रा में बैंड के साथ डमरू, बीन, शंख के साथ कलाकार शानदार तरीके से शौर्य और आध्यात्म का प्रदर्शन करते चल रहे थे। आगे की स्लाइड्स में देखें तस्वीरें...
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गोरखनाथ मंदिर में मुख्यमंत्री योगी।
- फोटो : अमर उजाला।
शोभायात्रा सबसे पहले गुरु गोरक्षनाथ के दरबार में पहुंची। यहां गोरक्षपीठाधीश्वर ने गर्भगृह में श्रीनाथ जी का अनुष्ठान एवं पूजन किया। ढोल-नगाड़े के साथ आरती संपन्न हुई। श्रीनाथ पूजा के बाद योगी आदित्यनाथ ने भैरव मंदिर, दुर्गा मंदिर, राम दरबार, अखंड धुनी, हनुमान मंदिर, श्रीकृष्ण दरबार सहित मंदिर परिसर में स्थापित सभी देवी-देवताओं का दर्शन-पूजन किया।
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गोरखनाथ मंदिर में मुख्यमंत्री योगी।
- फोटो : अमर उजाला।
इसके बाद शोभायात्रा भीम सरोवर के पास पहुंची। वहां गोरक्षपीठाधीश्वर ने सरोवर पर पूजन किया। फिर उन्होंने मछलियों को चारा डाला। इसके बाद वह ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ व महंत अवेद्यनाथ की समाधि पर पहुंचकर पुष्पांजलि अर्पित की।
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गोरखनाथ मंदिर में मुख्यमंत्री योगी।
- फोटो : अमर उजाला।
पूजा-अनुष्ठान के पहले हमेशा की तरह सीएम योगी आदित्यनाथ गोशाला पहुंचे जहां गो सेवा कर गाय का पूजन किए और उन्हें गुड़ व चना खिलाकर दुलार किया। इसके बाद गोरक्षपीठाधीश्वर व मुख्यमंत्री योगी ने पारण किया।
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गोरखनाथ मंदिर में मुख्यमंत्री योगी।
- फोटो : अमर उजाला।
गौरतलब है कि कि हर साल गोरखनाथ मंदिर में विजयादशमी की रात पात्र पूजा का अनुष्ठान होता है। गोरक्षपीठाधीश्वर पात्र देवता के रूप में प्रतिष्ठित होते हैं। रात 9.30 बजे से शुरू होने वाले इस पूजन में पात्र देवता गोरक्षपीठाधीश्वर दंडाधिकारी की भूमिका में होते हैं। पूजन के बाद संतों-योगियों की अदालत लगती है जिसमें नाथपंथ की परम्परा के अनुसार हर वर्ष विजयादशमी की रात गोरखनाथ मंदिर में पात्र देवता पीठाधीश्वर संतों के विवादों का निस्तारण करते हैं। गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ नाथपंथ की शीर्ष संस्था अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा के अध्यक्ष भी हैं। इसी पद पर वह दंडाधिकारी की भूमिका में होते हैं। गोरक्षपीठाधीश्वर संतो के आपसी विवाद सुलझाते हैं।