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वर्ल्ड अल्जाइमर डे: कम उम्र में भी हो सकता है अल्जाइमर रोग, विशेषज्ञों से जानिए इसके लक्षण और बचाव के तरीके

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Abhilash Srivastava Updated Tue, 21 Sep 2021 12:32 PM IST
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world alzheimer's day 2021, symptoms and prevention of alzheimer's disease
अल्जाइमर रोग के बारे में जानिए - फोटो : iStock
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Medically reviewed by-

डॉ संतोष एन.एस  
(कंसल्टेंट न्यूरोलॉजी, बेंगलुरु)

डॉ सत्यकांत त्रिवेदी
(मनोरोग विशेषज्ञ, भोपाल)

 
अल्जाइमर रोग दुनियाभर में तेजी से बढ़ते न्यूरोलॉजिकल विकारों में से एक है। इसे डेमेंशिया का सबसे सामान्य प्रकार भी माना जाता है। आंकड़ों के मुताबिक अकेले अमेरिका में हर साल इस रोग के 5 मिलियन (50 लाख) मामले सामने आते हैं, विशेषज्ञों को आशंका है कि साल 2060 तक इसके सालाना मामलों में लगभग तीन गुना तक की वृद्धि हो सकती है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए अल्जाइमर रोग के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 21 सितंबर को 'वर्ल्ड अल्जाइमर डे' मनाया जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इस रोग के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाकर उन्हें सुरक्षित रहने में मदद की जा सकती है।
अल्जाइमर रोग एक न्यूरोलॉजिकल विकार है जिसमें मस्तिष्क की कोशिकाएं मृत होने लगती हैं, कई मामलों में मस्तिष्क में सिकुड़न की भी समस्या हो सकती है। इस जटिलता के कारण लोगों में याददाश्त संबंधी समस्याओं के साथ संज्ञानात्मक क्षमता में कमी आ सकती है। अल्जाइमर रोग के कारण लोगों का दैनिक जीवन भी प्रभावित हो सकता है। आइए आगे की स्लाइडों में विशेषज्ञों से इस रोग के बारे में विस्तार से जानते हैं। 
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अल्जाइमर में भूलने की बीमारी - फोटो : istock
मृत्यु का भी कारण बन सकता है अल्जाइमर रोग
अमेरिका स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन एजिंग के अनुसार, अल्जाइमर रोग देश में मृत्यु के छठे प्रमुख कारणों में से एक है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक मस्तिष्क में प्लाक और टैंगल के कारण लोगों में इस समस्या का खतरा बढ़ जाता है। कुछ स्थितियों में यह भी देखने को मिला है कि मस्तिष्क में तंत्रिका कोशिकाओं के बीच आपसी समन्वय में क्षति के कारण भी यह समस्या हो सकती है। अमर उजाला से बातचीत में डॉ संतोष बताते हैं, अल्जाइमर रोग की समस्या वैसे तो 60 साल से अधिक आयु वाले लोगों में ज्यादा देखी जाती रही है, हालांकि कम उम्र के लोगों में भी यह विकार हो सकता है, इसलिए सभी लोगों को इससे सावधान रहना चाहिए।
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याददाश्त संबंधी समस्याओं का खतरा - फोटो : Pixabay
अल्जाइमर रोग के क्या लक्षण हैं?
डॉ संतोष बताते हैं, लोगों में याददाश्त संबंधी समस्याओं को अल्जाइमर रोग का प्रमुख लक्षण माना जाता है। रोगियों को हाल की घटनाओं को याद करने, चीजों को रखने के बाद भूल जाने, हाल ही में मिले लोगों के नाम न याद आने जैसी समस्या हो सकती है। रोग के बढ़ने के साथ इसके लक्षण गंभीर हो सकते हैं, जोकि ज्यादा खतरनाक माने जाते हैं। 
  • सुरक्षा और जोखिमों की समझ न होना।
  • समस्याओं में निर्णय लेने में कठिनाई महसूस होना। 
  • अवसाद, उदासीनता और समाज से दूरी बना लेना। 
  • चिड़चिड़ापन और सोने की आदतों में बदलाव। 
  • पहले की तुलना में अधिक बार बात-बात पर परेशान या क्रोधित होना।
  • उन गतिविधियों में रुचि न लेना जो आमतौर पर आनंद देती हैं।
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मस्तिष्क में हो सकती हैं समस्याएं - फोटो : pixabay
अल्जाइमर रोग के कारण और जोखिम कारक
अमर उजाला से बातचीत में मनोरोग विशेषज्ञ डॉ सत्यकांत त्रिवेदी बताते हैं, वैसे तो अल्जाइमर रोग के सटीक कारणों को अब तक पूरी तरह से समझा नहीं जा सका है, हालांकि माना जाता है कि मस्तिष्क में कुछ प्रकार के प्रोटीन के सामान्य रूप से कार्य करने में विफल रहने के कारण लोगों को यह समस्या हो सकती है। अल्जाइमर रोग आनुवंशिक, जीवन शैली और पर्यावरणीय कारकों के कारण भी हो सकता है। यदि आपके परिवार में या आसपास किसी में कुछ असामान्य रूप से याददाश्त या मानसिक स्वास्थ्य की समस्या दिखे तो इस बारे में डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। 
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अल्जाइमर रोग का समय पर निदान जरूरी - फोटो : istock
अल्जाइमर रोग का क्या इलाज है?
डॉ सत्यकांत कहते हैं, वैसे तो अल्जाइमर रोग को ठीक करने के लिए कोई विशिष्ट उपचार विधि नहीं है, हालांकि रोगियों के लक्षणों को देखते हुए कुछ दवाइयों और थेरपी को प्रयोग में लाया जा सकता है। उपचार का पहला लक्ष्य रोगियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना होता है। कुछ प्रकार की दवाइयों की मदद से लक्षणों को कम करनें में सहायता मिल सकती है। इसके अलावा थेरपी के माध्यम से स्थिति और रोगी के व्यवहार में सुधार करने का प्रयास किया जाता है। जितनी जल्दी समस्या का निदान हो जाए, रोग को ठीक होने में उतना ही कम समय लगता है।
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