पहाड़ों पर बारिश और नेपाल के छोड़े पानी के चलते अवध में 600 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। अयोध्या, गोंडा, बाराबंकी, सीतापुर और बहराइच में सैकड़ों लोगों के घरों व खेतों में पानी भर गया है। लोग सड़कों व तटबंधों पर आसरा लिए हुए हैं। शुक्रवार को जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने हेलीकॉप्टर से बाढ़ प्रभावित इलाकों का सर्वेक्षण किया।
अवध बाढ़: नेपाल के पानी से अवध के 600 गांव बाढ़ में डूबे, घरों व खेतों में भरा पानी, तस्वीरें
अयोध्या : सरयू खतरे के निशान से 41 सेमी ऊपर बह रही है। करीब दो सौ गांव बाढ़ में घिरे हैं।
बहराइच : महसी, कैसरगंज, मोतीपुर और नानपारा तहसील के 125 गांवों में पानी भरा है। जरवल में एल्गिन ब्रिज खतरे के निशान से 82 सेमी ऊपर बह रही है।
बाढ़ में फंसी गर्भवती महिला का किया गया रेस्क्यू
बाराबंकी के सिरौलीगौसपुर बाढ़ क्षेत्र भयकपुरवा निवासी मीना पत्नी केशवराम को शुक्रवार दोपहर पेट में दर्द शुरू हो गया। उसको डिलीवरी होनी थी। मगर गांव के चारों तरफ पानी ही पानी था। इसकी सूचना दूरभाष से परिजनों ने सीएचसी अधीक्षक डॉक्टर संतोष सिंह को दी। इसके बाद डॉक्टर महिला स्टाफ के साथ व बांध पर लगे गोताखोरों को लेकर के नाव से भयकपुरवा गांव पहुंचे। जहां से महिला को रेस्क्यू करके उसको बाहर निकाला और बांध पर लगी एंबुलेंस से उसे अस्पताल पहुंचाया गया। वहां पर उसका इलाज कराया गया और उसकी डिलीवरी भी अस्पताल में हुई।
बाराबंकी की तीन तहसीलों के करीब सवा सौ गांव पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में हैं। यहां के लोग तटबंधों पर शरण लिए हुए हैं। शुक्रवार को नदी का पानी सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए खतरे के निशान से 77 सेंमी. ऊपर पहुंचने के साथ बढ़ता ही जा रहा है। गांवों को आने जाने वाले मार्गों पर पानी भर जाने से वहां का संपर्क पूरी तरह से टूट गया है। इससे इन गांवों में फंसे लोगों को नावों के माध्यम से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए जाने का कार्य किया जा रहा है। तराई के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। जिससे तराई के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
तराई इलाके में उफनाई शारदा व सरयू नदी ग्रामीणों पर कहर बनकर टूट रही है। पानी के तेज बहाव में बसंतापुर व देवपालपुर के बीच बना बांध बह गया। इससे करीब 40 गांवों के अंदर पानी पहुंच गया। फसलें जलमग्न हो गई हैं। न तो घर में खाना पकाने के लिए सूखी जमीन बची है और न ही शौच का कोई साधन है। सबसे खराब हालात तंबौर के बन गए हैं। लालपुर-तंबौर मुख्य मार्ग के ऊपर पानी बह रहा है। इस रूट को एहतियात तौर पर बंद कर दिया गया है। सीएचसी तंबौर व पॉवर हाउस के अंदर तक पानी पहुंच गया है। हर तरफ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है। दुर्गापुरवा का अस्तित्व मिटने के कगार पर आ गया है। नदियां खतरे के निशान से 30 सेंटीमीटर ऊपर बह रही हैं। तीन तहसीलों के 120 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। तराई इलाके में उफनाई नदियां बिसवां, लहरपुर व महमूदाबाद तहसील में अपना कहर बरपा रही हैं। तंबौर संवाद के अनुसार बाढ़ से हालात बेकाबू हो गए हैं। बीती रात बसंतापुर व देवपालपुर के बीच बाढ़ व कटान रोकने के लिये सिंचाई विभाग द्वारा बनवाया गया बांध करीब पांच सौ मीटर तक कट गया। इससे तेज रफ्तार पानी ने क्षेत्र में तबाही मचा दी है।