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रेलवे का गणित: ‘जीरो’ जोड़कर नियमित ट्रेनों से कमाए 280 करोड़, पांच सौ रुपये तक ज्यादा खर्च कर रहे यात्री

नीरज अम्बुज, अमर उजाला, लखनऊ Published by: ishwar ashish Updated Fri, 22 Oct 2021 03:26 PM IST
सार

रेल प्रशासन ने सिर्फ चारबाग स्टेशन से चलने व गुजरने वाली 125 ट्रेनों से 280 करोड़ रुपये की कमाई की है। इसके लिए यात्रियों को जनरल टिकटों पर भी रिजर्वेशन का चार्ज देना पड़ रहा है।

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Indian Railway is earning 280 crore rupees just adding a zero.
- फोटो : File Photo

नियमित ट्रेन के नंबर में सबसे पहले ‘जीरो’ लगा देने से वह स्पेशल ट्रेन बन जाती है और किराया नियमित से अधिक हो जाता है। रेलवे प्रशासन ने इस जीरो से नियमित ट्रेनों को स्पेशल बनाकर दस महीने में 280 करोड़ से अधिक की कमाई की है।



यह आंकड़े सिर्फ चारबाग स्टेशन से चलने और गुजरने वाली 125 ट्रेनों के हैं। इसमें लखनऊ जंक्शन और ऐशबाग से गुजरने वाली और चलने वाली ट्रेनें शामिल नहीं हैं। वहीं, प्रदेश में यह कमाई आठ सौ करोड़ तक पहुंच चुकी है। रेल अफसरों के मुताबिक, स्पेशल ट्रेन में स्लीपर व एसी क्लास में पांच सौ रुपये तक अतिरिक्त रूप से खर्च करने पड़ रहे हैं।

सामान्य दिनों में चारबाग स्टेशन से 165 ट्रेनों का आवागमन होता है, जिसमें से अब तक 125 ट्रेनें इस वक्त गुजर रही हैं, जबकि 40 मेमू व पैसेंजर अभी बंद हैं। इन नियमित ट्रेनों को स्पेशल बनाने से हुई कमाई के आंकड़े रेलवे बोर्ड के पास नहीं हैं। पर, लखनऊ की बात करें तो यहां से चलने व गुजरने वाली 125 ट्रेनों में औसतन 600 यात्रियों ने जनवरी से रोज सफर किया, जिनसे रेलवे ने स्पेशल ट्रेन के नाम पर अलग-अलग श्रेणियों में औसतन 125 रुपये प्रति यात्री वसूला।

इस लिहाज से 125 ट्रेनों में औसतन छह सौ यात्रियों से प्रतिमाह 28 करोड़ रुपये कमाए और दस महीने में यह कमाई 280 करोड़ रुपये हो गई। हालांकि, यह आंकड़ा इससे भी अधिक हो सकता है।

Indian Railway is earning 280 crore rupees just adding a zero.
- फोटो : अमर उजाला

इतना है किराए का अंतर
लखनऊ से मुंबई
श्रेणी             नियमित         स्पेशल
स्लीपर           570          805
थर्ड एसी         1,490       2,015
सेकेंड एसी       2,135       2,385

लखनऊ से दिल्ली
श्रेणी             नियमित         स्पेशल
स्लीपर           219          415
एसी             835          1,100

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Indian Railway is earning 280 crore rupees just adding a zero.
- फोटो : Social Media

लखनऊ से पटना
श्रेणी          नियमित        स्पेशल
स्लीपर        315         435
थर्ड एसी      845         1,135
सेकंड एसी    1,205      1,615

लखनऊ से वाराणसी
श्रेणी          नियमित        स्पेशल
स्लीपर        210         385
थर्ड एसी      560         1,050
सेकेंड एसी    710         1,490

Indian Railway is earning 280 crore rupees just adding a zero.
प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो : amar ujala

यूटीएस बंद, जनरल टिकटों पर 15 रुपये रिजर्वेशन चार्ज
रेलवे ने अनारक्षित टिकट काउंटर (यूटीएस) बंद कर रखे हैं। जनरल टिकट भी रिजर्वेशन पर मिल रहे हैं, इससे यात्रियों को 15 रुपये अतिरिक्त भुगतान करने पड़ रहे हैं। लखनऊ से कानपुर जाने वाली गाड़ियों में सेकंड सीटिंग क्लास का टिकट बुक कराने पर 75 रुपये का भुगतान करना पड़ रहा है। इसमें 15 रुपये रिजर्वेशन चार्ज है। लखनऊ से वाराणसी की ट्रेन में सेकंड सीटिंग का किराया 120 रुपये, प्रयागराज के लिए 95 रुपये, बरेली का 105 रुपये, हरदोई का 65 रुपये और सहारनपुर का किराया 200 रुपये हो गया है। इनमें रिजर्वेशन चार्ज जुड़ा है।

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Indian Railway is earning 280 crore rupees just adding a zero.
- फोटो : अमर उजाला

रेल अफसरों की दलील
रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि जब ट्रेन का रैक नियमित वाला है तो स्पेशल की क्या जरूरत। महंगे किराए के पीछे वजह यह भी है कि रेलवे को 1,98,000 करोड़ रुपये की सालाना आय ट्रेनों से होती है। इसमें 35 हजार करोड़ रुपये यात्री गाड़ियों से आते हैं। कोविड के दौरान हुए नुकसान की भरपाई के लिए यह तरीका अपनाया गया है।

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