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ऐसा था पुलवामा शहीद तिलकराज का बचपन, आज भी शादी समारोह में बजता है उनका गाया अंतिम गीत

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, शिमला Published by: Krishan Singh Updated Fri, 14 Feb 2020 11:19 AM IST
सार

  • जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में साल 2019 के फरवरी महीने की 14 तारीख को एक आतंकी हमला हुआ।
  • आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
  • हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के जवाली विधानसभा क्षेत्र के गांव धेवा जंदरोंह के तिलक राज ने भी शहादत दी।
  • हिमाचल ने वीर जवान ही नहीं, बल्कि एक बेहतर लोक गायक और कबड्डी खिलाड़ी भी खो दिया।

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pulwama attack: story of martyr tilak raj of kangra himachal
शहीद तिलकराज(फाइल फोटो)

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में साल 2019 के फरवरी महीने की 14 तारीख को एक आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया था।  इस आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर हमलावर ने विस्फोटक भरी कार से सीआरपीएफ काफिले की बस को टक्कर मार दी थी। धमाका इतना भयंकर था कि बस के परखच्चे उड़ गए। हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। हमले में हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के जवाली विधानसभा क्षेत्र के गांव धेवा जंदरोंह के तिलक राज ने भी शहादत दी। 

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शहीद तिलकराज(फाइल फोटो)

हालांकि, शहीद तिलक राज की शहादत पर किए गए वादों को प्रदेश सरकार एक साल बाद भी पूरा नहीं कर पाई है। इसके चलते शहीद के परिजनों ने सरकार के प्रति गहरा रोष है। शहीद की अंत्येष्टि पर मुख्यमंत्री ने गांव के श्मशान की सड़क को पक्का करने, शहीद की प्रतिमा स्थापित करने आदि घोषणाएं की थीं और इन्हें छह महीने के भीतर ही पूरा करने का आश्वासन दिया था। परिजनों व ग्रामीणों का कहना है कि अगर प्रदेश सरकार घोषणा को पूरा कर दे तो शहीद के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

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शहीद तिलक राज की पत्नी सावित्री देवी

शहीद तिलक राज की पत्नी सावित्री देवी ने नम आंखों से कहा कि उन्हें अपने पति की शहादत पर गर्व है। हमारा परिवार आगे भी ऐसे ही देश की रक्षा करेगा।  उन्होंने कहा कि उनके पति देश की सुरक्षा में जुटे थे। वहीं जब छुट्टी आते थे तो पहाड़ी गानों की शूटिंग में व्यस्त रहकर कांगड़ा की संस्कृति का प्रसार करते थे। उनका आखिरी गाना मेरा सिद्दू शराबी... आज भी जब विवाह समारोहों में बजता है तो उनकी याद ताजा हो जाती है। 

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पुलवामा आतंकी हमले में हिमाचल ने वीर जवान ही नहीं, बल्कि एक बेहतर लोक गायक और कबड्डी खिलाड़ी भी खो दिया। देश पर जान कुर्बान करने वाले तिलक राज लोक गायक भी थे। उन्होंने कई हिट गीत दिए। तिलक राज शानू का गाया गीत ‘मेरा सिद्दू बड़ा शराबी’ आज भी लोगों के दिल में है। तिलक ड्यूटी के दौरान जब भी फ्री होते कोई न कोई गीत लिख देते तथा जब भी घर छुट्टी आते इसे रिकॉर्ड करवा रिलीज करवा देते। तिलक ने जितने भी गीत गाए, उनका फिल्मांकन बोह घाटी में ही किया। मेरी प्यारी मोनिका व नीलम गद्दन... गाना भी गाया था। तिलक शहीद होने से पहले छुट्टी आने पर भी गीत रिकॉर्ड करवाना चाहते थे, लेकिन पत्नी की डिलीवरी होने के चलते वे नहीं करवा पाए थे।

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शहीद तिलक राज कबड्डी के बेहतरीन खिलाड़ी भी थे। वह जब भी घर आते थे तो कबड्डी की प्रतियोगिता और अपना एक गाना जरूर रिकॉर्ड करवाते थे। तिलक राज की प्रारंभिक शिक्षा राजकीय प्राथमिक पाठशाला धेवा में हुई। स्कूल घर से डेढ़ किमी दूर था और वह हर रोज पैदल स्कूल पहुंचते। आगे की पढ़ाई के लिए वह छह किलोमीटर दूर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला परगोड़ा से की।

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