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एनकाउंटर में यहां की पुलिस भी पीछे नहीं, किसी को सिर पर गोली मारी, किसी को पैर पर
डिजिटल न्यूज डेस्क, गोरखपुर।
Published by: विजय जैन
Updated Sun, 15 Dec 2019 08:03 PM IST
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मौके पर मौजूद पुलिस और गांववाले
- फोटो : अमर उजाला
हैदराबाद में पशु चिकित्सक के साथ हैवानियत करने वाले चारों आरोपियों को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया है। उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने दो साल पहले कहा था कि ‘अपराधी या तो जेल जाएंगे या एनकाउंटर में मारे जाएंगे’। गोरखपुर मंडल की पुलिस भी एनकाउंटर करने से कभी पीछे नहीं रही, हालांकि एनकाउंटर में मरने वालों की संख्या कम रही, घायल होने वालों की ज्यादा। पुलिस ने ज्यादातर मामलों में बदमाशों के पैर पर गोली मारी। आगे की स्लाइड में देखिए, यहां के चर्चित एनकाउंटर..
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सांकेतिक तस्वीर
अगस्त 2018 में बस्ती में पुलिस से मुठभेड़ में मारे जाने वालों में हिस्ट्रीशीटर प्रदीप पांडेय भी शामिल था। उस पर गोरखपुर समेत अन्य जिले में 19 केस दर्ज थे। अकेले गोरखपुर के कैंट, गगहा और बड़हलगंज में दर्ज कई मुकदमों में वह वांछित था। चोरी से उसने अपराध की शुरुआत की थी। कैंट से बाइक चोरी मामले में जेल जाने के बाद ही उसने गिरोह बना लिया था। उस पर दर्ज मुकदमे या तो चोरी के मामलों के हैं, या फिर लूट के। प्रदीप तीन भाइयों में दूसरे नंबर का था। एक बहन भी थी। पिता दीनानाथ विदेश में रहते हैं। घर पर मां चंपा देवी और छोटी बहन के अलावा पत्नी और पांच साल का बेटा ही है। शव लेंगे या नहीं, इस सवाल का भी वे जवाब नहीं दे रहे थे।
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police, encounter
- फोटो : अमर उजाला
पिछले साल नवंबर में काफी एनकाउंटर की खबरें सामने आईं। 4 नवंबर को मुठभेड़ में कुख्यात अपराधी नितिश सिंह को गिरफ्तार किया गया था। उसके पास से 0.32 बोर की पिस्टल और 2 किलो 370 ग्राम चरस बरामद हुई है। यह देवरिया, कुशीननगर,गोपालगंज(बिहार) आदि जनपदों का कुख्यात लुटेरा और मादक द्रव्य सप्लायर है।
नितिश पर पुलिस ने 50000 का ईनाम घोषित कर रखा था। उसके उपर लूट और नशीले पदार्थों के तस्करी के कई मामले दर्ज हैं। ज्ञात हो कि पहले नितिश देवरिया में पुलिस मुठभेड़ के दौरान फरार हो गया था, लेकिन इस बार एसटीएफ ने कुशीनगर के कसया थाना क्षेत्र में मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार कर लिया।
नितिश पर पुलिस ने 50000 का ईनाम घोषित कर रखा था। उसके उपर लूट और नशीले पदार्थों के तस्करी के कई मामले दर्ज हैं। ज्ञात हो कि पहले नितिश देवरिया में पुलिस मुठभेड़ के दौरान फरार हो गया था, लेकिन इस बार एसटीएफ ने कुशीनगर के कसया थाना क्षेत्र में मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार कर लिया।
मुठभेड़
- फोटो : अमर उजाला
नवंबर 2018 में ही गगहा पुलिस ने मुठभेड़ में तीन लुटेरों को गिरफ्तार कर लिया जबकि तीन अन्य लुटेरे फरार हो गए। इस दौरान बदमाशों ने पुलिस टीम पर फायरिंग की। इसपर पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए फायरिंग की। इस बीच तीन बदमाश फरार हो गए। तीनों के पास से पुलिस ने एक तमंचा, एक चाकू, दो बाइक, कारतूस, पंच व लूट के 2900 रुपये बरामद किए। तीनों ने पूछताछ में 16 अक्तूबर 2019 को इलाके में हुई 24 हजार रुपये की लूट में शामिल होना स्वीकार किया। एसपी साउथ ने बताया कि फरार होने वाले बदमाशों की पहचान अंकित यादव, अमन गिरी और दीपक उर्फ सतीश यादव के रूप में हुई है।Edit
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मुठभेड़ में घायल हुए बदमाश
- फोटो : अमर उजाला
अप्रैल 2019 में कुशीनगर के हाटा कोतवाली क्षेत्र के परागपुर गांव के पास सोमवार तड़के मुठभेड़ में कैशवैन लूटकांड के आरोपी अमित कुमार राय उर्फ फौजी को गिरफ्तार कर लिया गया। उसके ऊपर एक लाख रुपये का इनाम था। मुठभेड़ में लुटेरे के पैर में गोली लगी है। स्वाट टीम प्रभारी सुनील कुमार राय भी घायल हुए हैं। उनके हाथ में गोली लगी है। अमित के पास से बाइक, 38 बोर का रिवाल्वर और कारतूस बरामद हुआ है। अमित के खिलाफ बिहार के कई थानों में लूट, डकैती, हत्या, हत्या के प्रयास, रंगदारी, बंधक बनाने, आर्म्स एक्ट, जालसाजी, मारपीट के मामले में 12 मुकदमे दर्ज हैं।