यूपी के बुलंदशहर स्थित नेशनल हाईवे-91 पर 28 जुलाई 2016 की रात गाजियाबाद निवासी कार सवार परिवार को बंधक बनाकर मां-बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म और सभी परिजनों से लूटपाट करने वाले पांच आरोपियों को विशेष पॉक्सो न्यायाधीश ओपी वर्मा के न्यायालय ने दोषी करार दिया है। न्यायालय ने सजा के लिए 22 दिसंबर की तारीख नियत की है। इस प्रकरण में छह आरोपियों के खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की थी। जिनमें से एक आरोपी की पूर्व में ही जिला कारागार में बीमारी के चलते मृत्यु हो चुकी है। जबकि, दो आरोपियों को अलग-अलग मामलों में नोएडा व हरियाणा पुलिस एनकाउंटर में ढेर कर दिया है।
बुलंदशहर गैंगरेप केस: पांच आरोपी दोषी करार, पूरे परिवार को हाइवे पर बंधक बनाकर की गई थी मां-बेटी संग दरिंदगी
कोर्ट ने पांचों आरोपियों को दोषी पाए जाने के बाद, अब सभी दोषियों की सजा का एलान 22 दिसंबर को किया जाएगा।
तेरहवीं में शामिल होने जा रहा था परिवार
एडीजीसी वरुण कौशिक, सुनील शर्मा और सीबीआई के अधिवक्ता अमित चौधरी ने बताया कि 28 जुलाई की रात नोएडा निवासी एक परिवार के छह सदस्य शाहजहांपुर अपने पैतृक गांव में एक तेरहवीं में शामिल होने के लिए जा रहे थे। देहात कोतवाली क्षेत्र में दोस्तपुर फ्लाईओवर के निकट अज्ञात बदमाशों ने उनकी कार पर कुछ लोहे की वस्तु फेंक कर रुकवा लिया था। इसके बाद आरोपियों ने कार सवार किशोरी, उसके पिता, मां, ताई, ताऊ व तहेरे भाई को बंधक बनाया और कार समेत सड़क के दूसरी तरफ एक खेत में ले गए। जहां, आरोपियों ने तीनों पुरुषों के हाथ पैर बांध दिए और वादी मुकदमा की 14 वर्षीय किशोरी व पत्नी के साथ आरोपियों ने खेत में ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। इसके बाद आरोपी वहां से लूटपाट कर भाग निकले थे।
एसएसपी समेत 17 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई
मामले में स्थानीय पुलिस की लापरवाही सामने आई और एसएसपी समेत 17 पुलिसकर्मियों पर शासन स्तर से कार्रवाई की गई। साथ ही उस दौरान पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था, लेकिन वह निर्दोष पाए गए। इसके बाद हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। सीबीआई की जांच में बावरिया गिरोह के आरोपी जुबैर उर्फ सुनील उर्फ परवेज, सलीम उर्फ बीना उर्फ दीवानजी, साजिद निवासीगण गांव इटखारी बिनौरा, थाना तिरवा जनपद कन्नौज और इनके तीन साथी रहीसुद्दीन, जावेद उर्फ शावेज और जबर सिंह के नाम प्रकाश में आए। जांच पूरी होने पर सीबीआई ने आरोपी जुबैर, सलीम और साजिद के खिलाफ चार्जशीर्ट तैयार की और न्यायालय में दाखिल कर दी थी। जबकि, अन्य तीनों के नाम साक्ष्यों के अभाव में जांच से पृथक कर दिए थे। जिन पर 11 अप्रैल 2017 को चार्ज फ्रेम हुए थे।
दो का हो चुका एनकाउंटर
इसके कुछ समय बाद हरियाणा पुलिस ने एक गिरोह को पकड़ा था, जिसमें सामने आया था कि हाईवे कांड वाली घटना में भी ये आरोपी शामिल थे। जिसके बाद सीबीआई ने जांच करते हुए पीड़िता से आरोपियों की शिनाख्त परेड कराई। जिसमें आरोपी धर्मवीर उर्फ राका उर्फ जितेंद्र, नरेश उर्फ संदीप उर्फ राहुल निवासी गांव गेशनपुर थाना मोहम्मदाबाद जिला फर्रुखाबाद, सुनील उर्फ सागर निवासी गांव बानवोई, आजादनगर थाना मोहम्मदाबाद व उनके दो अन्य साथी अजय उर्फ असलम उर्फ कालिया व बंटी उर्फ गंजा की शिनाख्त पीड़िता द्वारा की गई थी। लेकिन, इनमें से दो आरोपी अजय उर्फ असलम की हरियाणा पुलिस ने व बंटी उर्फ गंजा को एसटीएम नोएडा ने उसी दौरान अन्य मामलों में एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। इसके बाद सीबीआई ने अन्य तीनों आरोपियों धर्मवीर, नरेश और सुनील के खिलाफ चार्जशीट तैयार कर न्यायालय में दाखिल की थी। न्यायालय में इन तीनों के खिलाफ 27 जुलाई 2018 को चार्ज फ्रेम किया गया था।
एक आरोपी सलीम की हो चुकी मौत
न्यायालय में कुछ छह आरोपी जुबैर, सलीम, साजिद, धर्मवीर, नरेश और सुनील के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई। लेकिन, एक आरोपी सलीम की करीब चार वर्ष पूर्व जिला कारागार बुलंदशहर में विचरण के दौरान बीमारी के चलते मृत्यु हो गई। न्यायालय ने अब दोनों पक्षों के गवाहों के बयान व साक्ष्यों का अवलोकन कर शेष सभी पांच आरोपियों को दोषी करार दिया है। शनिवार को सभी आरोपियों को न्यायालय से जिला कारागार बुलंदशहर भेज दिया गया है। इन सभी को सोमवार को सजा सुनाई जाएगी।
