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Terror Attack: एक माह बाद घर में गूंजनी थी किलकारी… जाने से पहले बहुत खुश थे सुभाष; गांव में सबके थे दुलारे
अमर उजाला नेटवर्क, हाथरस
Published by: शाहरुख खान
Updated Thu, 25 Jul 2024 11:33 AM IST
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Terror Attack
- फोटो : अमर उजाला
हाथरस के सहपऊ क्षेत्र के गांव नगला मनी निवासी लांस नायक सुभाष चंद्र के जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में हुए बलिदान पर ग्रामीणों और परिजनों को गर्व है। उनके साथी बताते हैं कि पहली ही मुठभेड़ में सुभाष के हेलमेट में गोली लग गई थी, लेकिन वह घबराए नहीं और उनका देश के प्रति जोश और जुनून कम नहीं हुआ। वह आतंकियों के खिलाफ चलाए कई अभियान में शामिल रहे और उन्हें ढेर किया।
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गांव नगला मनी निवासी सुभाष (28) पुत्र मथुरा प्रसाद वर्ष 2016 में मैनपुरी में हुई सेना की भर्ती रैली में शामिल हुए और प्रशिक्षण पूरा करने के बाद उनकी तैनाती सात जाट बटालियन में हुई थी। तीन बार उनका चयन जम्मू कश्मीर राष्ट्रीय राइफल में हुआ। ग्रामीण और परिजन बताते हैं कि वह सात जुलाई को एक माह की छुट्टी काटकर गए थे। इस दौरान उनकी दादी साहबो का निधन हो गया था। 30 जून को उनकी तेरहवीं थी।
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- फोटो : अमर उजाला
उनके दोस्त रंजीत, हरेंद्र और हरकेश बताते हैं वे तीनों और सुभाष एक साथ दौड़ लगाते थे और सेना भर्ती की तैयारी करते थे। हरेंद्र और सुभाष का चयन सेना में हो गया। रंजीत और हरकेश खेती करते हैं। हरेंद्र इस समय गांव में छुट्टी पर आए हुए हैं और सुभाष के बलिदान की सूचना से उनकी आंखे नम हो गई।
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- फोटो : अमर उजाला
इनका कहना है कि ऐसा दोस्त मिलना मुश्किल है, वह बहुत ही साहसी था। उनके बलिदान से परिजनों में गम का माहौल है और उनका रो-रो कर बुरा हाल है। वह उनकी बातें याद कर बिलख रहे हैं।
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एक माह बाद घर में गूंजनी थी किलकारी….जाने से पहले बहुत खुश थे सुभाष
सुभाष की चार साल पहले शादी हुई थी। उनके डेढ़ वर्ष की एक पुत्री ऋतिका है। पत्नी कांति देवी आठ माह की गर्भवती है। एक माह बाद घर में किलकारी गूंजनी थी। सुभाष भी काफी खुश थे और सात जुलाई को जाने से पहले वह दीपावली पर आने की कोशिश करने की बात कहकर गए थे।
सुभाष की चार साल पहले शादी हुई थी। उनके डेढ़ वर्ष की एक पुत्री ऋतिका है। पत्नी कांति देवी आठ माह की गर्भवती है। एक माह बाद घर में किलकारी गूंजनी थी। सुभाष भी काफी खुश थे और सात जुलाई को जाने से पहले वह दीपावली पर आने की कोशिश करने की बात कहकर गए थे।
