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Terror Attack: पूरी रात चली थी गोलीबारी….सुभाष ने बारामूला में ढेर किए थे तीन आतंकी; दोस्त को बताई थी कहानी
अमर उजाला नेटवर्क, हाथरस
Published by: शाहरुख खान
Updated Thu, 25 Jul 2024 11:31 AM IST
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Terror Attack
- फोटो : अमर उजाला
हाथरस के सहपऊ के गांव नगला मनी के अमित वधौतिया बताते हैं कि छुट्टी पर आए सुभाष ने दो साल पहले बारामूला में आतंकियों से हुई मुठभेड़ की जानकारी दी थी और बताया था कि इसमें पूरी रात गोलीबारी चलती रही थी और तीन आतंकी मारे गए थे। तब मुठभेड़ में शामिल रहे अन्य जवानों ने अफसरों के सामने इसका श्रेय सुभाष को दिया था, लेकिन उसने इसे पूरी टीम की जीत बताया था।
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- फोटो : अमर उजाला
दोनों ओर से गोलीबारी शुरू हो गई। सुभाष ने सिर उठाकर बाहर आंतकियों की टोह लेने की कोशिश की तो एक गोली उसके हेलमेट में लगी। कुछ पल के लिए उसका पूरा शरीर सुन्न हो गया। बाद में उसने इशारे से अपने दूसरे साथी को बताया कि उसे कुछ नहीं हुआ है।
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- फोटो : अमर उजाला
फिर गोली चलना शुरू हो गई। पूरी रात गोली चलती रही, तीन आतंकवादी मारे गए। मौके हथियारों का काफी जखीरा मिला था। अफसरों ने उसकी पीठ थपथपाई, साथियों ने आतंकियों को ढेर करने का श्रेय सुभाष को दिया, लेकिन उसने अफसरों को बताया कि सभी ने मिलकर उन्हें मारा।
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- फोटो : अमर उजाला
पिता बोले, सड़क किनारे स्थान नहीं मिला तो खेत में करेंगे अंत्येष्टि
घुसपैठियों से लड़ते हुए बलिदान हुए सुभाष चौधरी की पार्थिव देह की अंत्येष्टि के लिए बुधवार शाम तक स्थल का चयन नहीं हो पाया है। दोपहर को गांव में पहुंचे एसडीएम संजय कुमार ने बलिदानी के पिता मथुरा प्रसाद एवं भाई बलदेव चौधरी से वार्ता की थी । इसके बाद एसडीएम ने लेखपालों की टीम के साथ बलिदानी के खेत, गांव से करीब 600 मीटर दूर बंजर भूमि को अंत्येष्टि स्थल के लिए जाकर देखा।
घुसपैठियों से लड़ते हुए बलिदान हुए सुभाष चौधरी की पार्थिव देह की अंत्येष्टि के लिए बुधवार शाम तक स्थल का चयन नहीं हो पाया है। दोपहर को गांव में पहुंचे एसडीएम संजय कुमार ने बलिदानी के पिता मथुरा प्रसाद एवं भाई बलदेव चौधरी से वार्ता की थी । इसके बाद एसडीएम ने लेखपालों की टीम के साथ बलिदानी के खेत, गांव से करीब 600 मीटर दूर बंजर भूमि को अंत्येष्टि स्थल के लिए जाकर देखा।
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- फोटो : अमर उजाला
एसडीएम ने बंजर भूमि पर बलिदानी की अंत्येष्टि कराने के लिए साफ-सफाई करवाना शुरू कर दिया। शाम को बलिदानी भाई एवं पिता ने कहा है कि सड़क के किनारे स्थान मिल जाए तो ठीक, नहीं तो वह अपने खेत में ही उसकी अंतिम संस्कार कराएंगे। उन्होंने कहा कि वह अपने बेटे की यादों को अपने खेतों पर ही सजों कर रखेंगे।
