Spice Market: सर्दी बढ़ी मांग, मसालों के दामों में आया उछाल, 50 से 100 रुपये तक बढ़े दाम
इन दिनों गर्म मसाले न केवल सब्जी और दाल में, बल्कि चाय, काढ़ा, दूध और घरेलू औषधीय प्रयोगों में भी खूब इस्तेमाल किए जा रहे हैं। खासतौर पर काली मिर्च, अदरक-सोंठ, हल्दी और लौंग की मांग तेजी से बढ़ी है।
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कड़ाके की सर्दी के बीच जिले में मसाला कारोबार में गर्माहट आ गई है। ठंड बढ़ने के साथ ही गर्म तासीर वाले मसालों की मांग में जबरदस्त इजाफा हुआ है, जिसका सीधा असर इनके दामों पर पड़ा है। बीते एक महीने के भीतर छोटी इलायची, लौंग, काली मिर्च, धनिया, हल्दी और सोंठ जैसे मसालों के दामों में 50 से 100 रुपये प्रति किलो तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
व्यापारियों के अनुसार सर्दियों में लोग स्वाद के साथ-साथ सेहत को ध्यान में रखकर मसालों का अधिक इस्तेमाल करते हैं। यही कारण है कि इन दिनों गर्म मसाले न केवल सब्जी और दाल में, बल्कि चाय, काढ़ा, दूध और घरेलू औषधीय प्रयोगों में भी खूब इस्तेमाल किए जा रहे हैं। खासतौर पर काली मिर्च, अदरक-सोंठ, हल्दी और लौंग की मांग तेजी से बढ़ी है। शहर की प्रमुख मसाला मंडियों और खुदरा दुकानों पर इन मसालों की आवक सीमित होने से भी कीमतों में उछाल आया है।
वैसे तो मसालों के भाव कुछ माह पहले ही उच्चतर स्तर से नीचे आए हैं। बाहरी मंडियों से आपूर्ति में कमी और परिवहन लागत बढ़ने से दामों में कुछ उछाल आया है। ग्रामीण क्षेत्र में भी मसालों की खरीद बढ़ गई है, जिससे बाजार पर अतिरिक्त दबाव पड़ रहा है।-संजय कुमार, परचून के सामान के विक्रेता
पहले जहां धनिया और मिर्च की मांग सामान्य रहती थी, वहीं अब अचार, चटनी और गरम व्यंजनों के लिए इनकी खपत बढ़ गई है। इसके साथ ही खटाई, जीरा और तेजपत्ता जैसे मसालों की कीमतों में भी धीरे-धीरे इजाफा हो रहा है।-गोविंद कुमार, परचून के सामान के विक्रेता।
ये हैं मसालों के दाम
- छोटी इलायची 3500 से बढ़कर 4000 रुपये किलो
- काली मिर्च 800 से बढ़कर 850 रुपये किलो
- लौंग 1000 से बढ़कर 1100 रुपये किलो
- हल्दी 160 से बढ़कर 200 रुपये किलो
- सोंठ 300 से बढ़कर 400 रुपये किलो
- जीरा 220 से बढ़कर 300 रुपये किलो
- धनिया 120 से बढ़कर 150 रुपये किलो
