जौनपुर जिले के मखमेलपुर गांव के निवर्तमान ग्राम प्रधान राजकुमार की हत्या को करीब दो वर्ष पूर्व हुई सपा नेता लालजी यादव की हत्या से जोड़कर देखा जा रहा है। उड़ली गांव निवासी लालजी को सिद्दीकपुर गांव के पास दिनदहाड़े गोलियों से भून दिया गया था। लालजी मृतक राजकुमार यादव के नजदीकी रिश्तेदार थे। वह इस हत्या में पैरवी भी कर रहे थे।
परिजनों के अनुसार, उन्हें पैरवी न करने की धमकी भी मिली थी। हालांकि पुलिस कई पहलुओं पर घटना की जांच कर रही है। जल्द ही खुलासे का दावा किया जा रहा है।
लालजी यादव सपा की लोहिया वाहिनी में सचिव रहे और भी सपा के मुख्य संगठन में सक्रिय थे। उनकी भाभी दुर्गावती यादव वार्ड संख्या जिला पंचायत सदस्य भी है। लालजी के भाई की लड़की की शादी राजकुमार के पुत्र से हुई है। समधी होने के नाते वह लालजी की हत्या के मामले में पैरवी कर रहे थे। घरवालों के मुताबिक मुकदमे में उनकी दखलंदाजी से विरोधी पक्ष असंतुष्ट था। उसने राजकुमार को इस विवाद से हटने की धमकी दी थी, लेकिन उन्होंने इसे अनदेखा कर दिया था।
घटनास्थल पर मौजूद लोग बार-बार लालजी की हत्या में शामिल बदमाशों का ही नाम लेकर अपना गुस्सा जता रहे थे। उनका कहना था कि राजकुमार की छवि अच्छी थी। किसी से कोई दुश्मनी भी नहीं थी। ऐसे में हत्या के पीछे कोई और कारण नहीं हो सकता। पुत्र अमित यादव ने तहरीर में भी उसी घटना में शामिल ग्राम मनिया निवासी सतीश सिंह पर आरोप लगाया है। अमित के मुताबिक सतीश ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया है। गांव के उभाष यादव पर साजिश व रेकी करने का आरोप लगाया है। दोनों के विरुद्ध नामजद और एक अज्ञात के विरुद्ध केस दर्ज किया गया है।
हाई अलर्ट पर थी पुलिस, फिर भी हो गई दुस्साहसिक वारदात
बदमाशों ने जिस स्थान पर राजकुमार यादव को गोली मारी, वह स्थान पूविवि से महज दो किमी दूर था। घटना के वक्त राज्यपाल आनंदी बेन पटेल विवि. में ही मौजूद थीं। लिहाजा पुलिस-प्रशासन हाई अलर्ट पर था। विवि की ओर जाने वाले मार्ग पर कड़ी चौकसी रखी जा रही थी। घटना से महज 10 मिनट पहले राजकुमार विवि. के सामने से गुजरे थे। पूर्वांचल विवि. चौकी पर उन्हें यह कहते हुए रोका गया कि आगे राज्यपाल का काफिला जा रहा है। यहां से आगे बढ़ने के बाद ही उनकी हत्या हो गई। दुस्साहसिक वारदात ने पुलिस की सतर्कता पर भी सवाल खड़े किए हैं।