कार्डियोलॉजी में आग लगने के बाद अगर वहां का स्टाफ भी डरकर भाग खड़ा हुआ होता तो भगवान ही जानता कि क्या होता? केबल, प्लास्टिक का सामान जलने का धुआं जब नाक से सीने तक पहुंचा सांस लेने में दिक्कत होने लगी। उसी वक्त आईसीसीयू में काम कर रहे लैब टेक्नीशियन युवा रोगियों को लेकर भागने लगे।
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कार्डियोलॉजी अग्निकांड: धुआं भरा तो सांस लेने में हुई तकलीफ, रोगियों को लेकर भागे, बाहर आकर निकली चीखें
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: प्रभापुंज मिश्रा
Updated Sun, 28 Mar 2021 11:34 PM IST
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आग लगने के बाद खाली पड़े बेड
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कानपुर: कार्डियोलॉजी के आईसीयू में लगी आग
- फोटो : अमर उजाला
टेक्नीशियन दीक्षा भट्ट बताती हैं कि कुछ समझ में नहीं आया, सीधे रोगियों लेकर निकालना शुरू कर दिया। टीम में उनके साथी निहाल, अमन, वंदना, नीरज, सुनील दुबे आदि शामिल रहे। वहीं तीमारदार राम आसरे का कहना है कि कुछ समझ में नहीं आया कि क्या करें? बाहर आकर जोर-जोर से चिल्लाने लगे।
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मौके पर बिखरी चप्पलें
- फोटो : amar ujala
रामआसरे के साथ ऐसे बहुत से तीमारदार रहे हैं, जिनकी चप्पलें चारों तरफ बिखरी रहीं। फर्रुखाबाद के गिरिराज उस समय बाहर चाय पीने गए थे, पागलों की तरह भागते आए और अपने रोगी को ढूंढते रहे। रोगियों को बचाने वाली टीम में वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. आरएन पांडेय और उनके सहयोगियों की टीम भी लगी रही।

कानपुर: कार्डियोलॉजी के आईसीयू में लगी आग
- फोटो : अमर उजाला
हैलट से वापस कार्डियोलॉजी शिफ्ट किए रोगी
कार्डियोलॉजी में आग की घटना के बाद हैलट के न्यूरो साइंसेज और वार्ड नंबर तीन में शिफ्ट किए गए रोगी रविवार रात वापस कार्डियोलॉजी आ गए। एंबुलेंस से सबसे पहले कार्डिएक सर्जरी के रोगी आए। इसके बाद कार्डिएक मेडिसिन के भी रोगी आ गए। इन्हें नए आईसीयू और वार्ड में रखा गया है। आग से प्रभावित आईसीसीयू को बंद कर दिया गया।
कार्डियोलॉजी में आग की घटना के बाद हैलट के न्यूरो साइंसेज और वार्ड नंबर तीन में शिफ्ट किए गए रोगी रविवार रात वापस कार्डियोलॉजी आ गए। एंबुलेंस से सबसे पहले कार्डिएक सर्जरी के रोगी आए। इसके बाद कार्डिएक मेडिसिन के भी रोगी आ गए। इन्हें नए आईसीयू और वार्ड में रखा गया है। आग से प्रभावित आईसीसीयू को बंद कर दिया गया।
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कार्डियोलॉजी अस्पताल के आईसीयू में लगी आग
- फोटो : अमर उजाला
कार्डियोलॉजी के निदेशक डॉ. विनय कृष्णा ने बताया कि एचडीयू और इमरजेंसी मेडिकल रिकवरी (ईएमआर) कक्ष को मिलाकर आईसीयू बना दिया गया। अभी इसमें 35 बेड की व्यवस्था है। आईसीसीयू को छोड़कर बाकी हर जगह काम शुरू हो गया है। सीधे कार्डियोलॉजी में भी रविवार शाम चार बजे नए चार रोगी भर्ती किए गए। हैलट कुल 57 रोगी भेजे गए थे। इनमें तीन डिस्चार्ज किए गए और दो की मौत हो गई। दो बच्चे बालरोग अस्पताल शिफ्ट हो गए थे। बचे 50 रोगी कार्डियोलॉजी शिफ्ट किए गए।