उन्नाव से भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद। पीड़िता की आंखें खुशी से नम हो गईं वहीं इंसाफ की लड़ाई में पिता सहित परिवार के चार लोगों को खो देने की पीड़ा के आंसू भी बहे। फोन पर बात करते हुए बताया कि उसे खुशी है कि आखिरकार झूठ हार ही गया।
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आखिरी सांस तक जेल में रहेंगे कुलदीप सेंगर, न्यायालय के फैसले पर बोली पीड़िता, 'आखिर झूठ हार ही गया'
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर Published by: प्रभापुंज मिश्रा Updated Fri, 20 Dec 2019 07:45 PM IST
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कुलदीप सिंह सेंगर पर दुष्कर्म का अरोप लगाने वाली किशोरी (फाइल फोटो)
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कुलदीप सेंगर प्रकरण
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रायबरेली में हुए सड़क हादसे में घायल होने के बाद से दिल्ली के एम्स में इलाज के बाद से अस्पताल के ही हॉस्टल में परिवार के साथ रह रही पीड़िता ने बताया कि वह सुबह से ही परिवार के साथ टीवी के सामने बैठकर न्यायालय का फैसला आने का इंतजार कर रही थी। कुलदीप सेंगर को उम्रकैद की सजा पर बताया कि उसे तसल्ली है कि आखिरकर झूठ हार गया और सच्चाई की जीत हुई।
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उन्नाव कुलदीप सेंगर प्रकरण
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हालांकि उसका कहना है कि जबतक उसके पिता की हत्या करने वाले विधायक के भाई अतुल सेंगर व अन्य लोगों को भी उम्रकैद की सजा नहीं मिलेगी तबतक उसके लिए न्याय अधूरा ही है। पीड़िता ने बताया कि उसे न्याय दिलाने की लड़ाई के दौरान ही पिता, दादी, चाची और मौसी की जान चली गई।

उन्नाव कुलदीप सेंगर प्रकरण
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मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाने के लिए विधायक के इशारे पर पिता को बेरहमी से इतना पीटा गया कि उनकी मौत हो गई। बताया कि उसकी व उसकी मां और बहनों की यही इच्था है कि विधायक व उसके भाई पर चल रहे मामलों में भी न्यायालय उम्रकैद की सजा दे। कहा कि सरकार से मांग है कि जेल में बंद उनके चाचा को जमानत दी जाए।
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उन्नाव कुलदीप सेंगर प्रकरण
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क्योंकि अब परिवार में केवल चाचा ही हैं जो सभी को संभाल सकते हैं और पालन पोषण कर सकते हैं। सात साल के चचेरे भाई ने तो अपनी मां (पीड़िता की चाची) को हमेशा के लिए खो दिया जबकि पिता (पीड़िता के चाचा) 13 महीने से जेल में हैं। वह हर वक्त अपने माता-पिता के बारे में उनसे पूछता है। समझ में नहीं आता उसे क्या जवाब दें।