बिजली कर्मचारियों व अभियंताओं का सोमवार से शुरू हुआ प्रदेशव्यापी कार्य बहिष्कार मंगलवार शाम को समाप्त हो गया। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति और प्रदेश सरकार के वित्तमंत्री सुरेश खन्ना व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की कैबिनेट उप समिति के बीच वार्ता में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का प्रस्ताव वापस लेने की सहमति बन जाने के बाद कार्य बहिष्कार समाप्त करने का एलान हुआ। दोनों मंत्रियों और मुख्य सचिव आरके तिवारी की मौजूदगी में संघर्ष समिति के पदाधिकारियों व पावर कार्पोरेशन प्रबंधन के बीच समझौते पर दस्तख किए गए।
बिजली कर्मचारियों की हड़ताल खत्म, बैठक में निजीकरण का प्रस्ताव वापस लेने पर बनी सहमति
वहीं मंगलवार को भी कार्य बहिष्कार जारी रहने के कारण बिजली आपूर्ति चालू नहीं हो पाने की आशंका जताई जा रही है। पीसीएल ओबरा के एसडीओ विवेक कुमार का कहना है कि कार्य बहिष्कार के दौरान कोई भी कर्मचारी फाल्ट अटेंड नहीं करेगा। उधर प्रदेश को सबसे अधिक राजस्व देने वाला बिल्ली मारकुंडी स्थित खनन क्षेत्र में सोमवार से बिजली आपूर्ति नहीं होने के कारण क्रशर प्लांट ठप हैं।
जिससे प्रदेश सरकार को भारी राजस्व का नुकसान हो रहा है। विढमगंज के क्षेत्रों में सब स्टेशन से लगातार 38 घंटे से विद्युत आपुर्ति बाधित है। इस सब स्टेशन से 32 ग्राम पंचायतों को विद्युत सप्लाई की जाती है। बिजली न आने लोगों को पानी के संकट का भी सामना करना पड़ रहा है।
मिर्जापुर में मचा हाहाकार, अभियंताओं ने बंद किया मोबाइल
मिर्जापुर जिले में एक ओर हाहाकार मचा है वहीं दूसरी ओर विद्युत विभाग के अभियंताओं ने अपना मोबाइल आउट ऑफ सर्विस कर लिया है। मुख्य अभियंता फोन ही नहीं रिसीव कर रहे हैं। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि विद्युत कर्मियों की हड़ताल अभी जारी रहेगी। हालांकि विद्युत विभाग के इस रवैए के विरोध में कुछ नागरिक संगठन भी आ गए हैं। उन्होंने विरोध प्रदर्शन का निर्णय लिया है।
उनका आरोप है कि अपने स्वार्थ के चलते विद्युत विभाग जनता को परेशान कर रहा है। सरकार और विभाग की लड़ाई में निर्दोष जनता नहीं पिसनी चाहिए। बिजली की हड़ताल से पूरे जिले में लोग एक एक बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं।
हैंडपंपों पर व जहां कहीं उपलब्ध है, वहां टैंकरों के पास लोगों की भीड़ लगी है। एक-एक बाल्टी पानी के लिए तू-तू मैं-मैं और लड़ाई हो रही है। छोटे-छोटे बच्चे और महिलाएं भी अपने-अपने बर्तन लेकर पानी लेने के लिए सड़कों पर निकल पड़े हैं। लेकिन जिला प्रशासन के आला अधिकारी अभी भी चैन की नींद सो रहे हैं।
आजमगढ़ में बिजली को लेकर जगह-जगह चक्काजाम
बिजली कर्मचारियों की हड़ताल के चलते ओर आजमगढ़ जिले में हाहाकार मच गया। उमस भरी गर्मी और पानी की किल्लत से लोग परेशान नज़र आए। मंगलवार को जगह-जगह चक्काजाम कर लोगों ने विरोध दर्ज कराया। सोमवार को सिधारी क्षेत्र में जाम किया गया तो मंगलवार को पाण्डेय बाज़ार चौराहा जाम कर लोगों ने विरोध दर्ज कराया।
जहानागंज में भी विरोध-प्रदर्शन हुआ। नगर से सटे बलरामपुर हाइडिल गेट पर रात लगभग साढ़े नौ बजे काफी संख्या में आजमपुर गांव के ग्रामीण गेट पर पहुंच गए। पुलिस कर्मियों ने उन्हें वापस जाने को कहा जिसे लेकर नोकझोंक भी हुई। काफी मशक्क्त के बाद ग्रामीण वापस हुए।
ग्रामीण क्षेत्रों के हालात भी हुए खराब
बिजली की आपूर्ति बाधित होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के हालात भी खराब हो चुके हैं। लोगों के बिजली से चलने वाले उपकरण बंद हैं। मोबाइल बंद होने से लोग अपनों से बात नहीं कर पा रहे हैं। लोग सरकार और विद्युत कर्मचारियों को कोस रहे हैं। उनके द्वारा सरकार पर हड़ताल को लेकर किए गए इंतजामों में लापरवाही का आरोप लगाया जा रहा है।
अधिकारियों पर रहम, आम जनता पर सितम
हड़ताल के बीच बिजली कर्मचारियों का भी दोहरा चरित्र सामने आया है। उनकी इस हड़ताल से प्रत्येक माह बिजली का बिल भरने वाली जनता तो पिस रही है, लेकिन बिजली कर्मचारियों की ओर से अधिकारियों के लिए रहम दिखाई जा रही है। कलक्ट्रेट क्षेत्र और सिधारी हाईडिल की बिजली आपूर्ति बहाल है।