सभी को सुख दे, शांति दे, काटे सभी क्लेश, हर बाधा को दूर कर, मंगल करें गणेश जी का पावन पर्व गणेश चतुर्थी इस बार सात सितंबर को मनाया जाएगा। गणेश चतुर्थी का पर्व भगवान गणेश जी के जन्मदिन के रूप में मनाते हैं।
गणपति बप्पा मोरेया: मूषक पर रिद्धि-सिद्धि के साथ विराजेंगे गजानन, देखें स्थापना के शुभ मुहूर्त
पंचांग मुहूर्त के अनुसार गणेश जी को घर पर लाएं
पंचांग के अनुसार इस दिन के चौघड़िया को ध्यान में रखकर ही भगवान गणेश को घर पर स्थापित करें। इस अवधि में स्थिर और चर लग्न भी शुभ है। भगवान गणेश का जन्म मध्याह्न काल के दौरान हुआ था इसीलिए मध्याह्न के समय को गणेश पूजा के लिए ज्यादा उपयुक्त माना जाता है।
बप्पा की मिट्टी मूर्ति लाना शुभ
बाजार में गणेश प्रतिमा बिकनी शुरू हो गई हैं। ज्योतिषाचार्य विनोद त्यागी ने बताया कि गणेश प्रतिमा मिट्टी की होनी चाहिए। विसर्जन के बाद प्रदूषण न फैले। शास्त्रों में कहा गया है कि हर रंग की मूर्ति के पूजन का फल भी अलग होता है। पीले रंग और लाल रंग की मूर्ति की उपासना को शुभ माना गया है।
पीले रंग की प्रतिमा की उपासना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। चार भुजाओं वाले लाल गणपति की उपासना से सभी संकट दूर होते हैं। बैठे हुए गणपति की मूर्ति ही खरीदें। गणेश जी की ऐसी मूर्ति ही घर के लिए खरीदें। जिसमें उनकी सूंड बाईं ओर मुड़ी हो।
भगवान गणेश को प्रिय हैं ये 2 चीजें
गणेश जी को दूब घास (दूर्वा) प्रिय है। मोदक का भोग लगाएं। मोदक घर में बनाएं तो ज्यादा बेहतर होता है। गणेश चतुर्थी के दिन सुबह स्नान ध्यान करके गणपति के व्रत का संकल्प लें। इसके बाद दोपहर के समय गणपति की मूर्ति या फिर उनका चित्र लाल कपड़े के ऊपर रखें। फिर गंगाजल छिड़कने के बाद भगवान गणेश का आह्वान करें।
दिन में तीन बार लगाएं भोग
अगर आपने अपने घर पर भगवान गणपति की मूर्ति स्थापित की हैं तो उनका ख्याल बिल्कुल घर के सदस्य की तरह रखना होगा। ज्योतिषाचार्य गणपति को दिन में 3 बार भोग लगाना अनिवार्य है। गणपति बप्पा को रोजाना मोदक का भोग जरूर लगाना चाहिए। आप चाहे तो मोतीचूर या बेसन के लड्डू से भी भोग लगा सकते हैं।
स्थापना के शुभ समय
-शुभ की चौघड़िया- सुबह 07:36 से सुबह 09:10 तक।
-वृश्चिक स्थिर लग्न- सुबह 11:24 से दोपहर 01:42 मिनट तक।
-अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11:53 से 12:43 मिनट तक।
-राहुकाल त्याज्य समय- सुबह 09:00 से सुबह 10:30 बजे तक।