डरे नहीं, झुके नहीं और कभी जिम्मेदारी से भागे नहीं। ऐसी शख्सियत पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह थे। विवादित ढांचा गिराए जाने के दौरान केंद्र, गृह मंत्रालय व अन्य कई एजेंसियों से चिट्ठी, फैक्स, फोन घनघनाए जा रहे थे। मुख्यमंत्री कल्याण सिंह छत पर बैठे चाय-पकौड़ी खाते रहे। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के साथ सात साल पीएसओ (पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर) रहे रिटायर्ड सीओ संजीव देशवाल ने उनकी कार्यशैली साझा की है।
कल्याण सिंह की जिंदगी के अहम पल: पीएसओ ने साझा किए बड़े किस्से, विवादित ढांचा गिरने के दौरान खाते रहे चाय-पकौड़ी
1982 में की थी मेरठ में 11 सभाएं, अटल बिहारी भी रहे साथ
1982 में मेरठ में कल्याण सिंह ने 11 सभाएं कर माहौल को भगवामय कर दिया था। तत्कालीन जिलाध्यक्ष ब्रजगोपाल गुप्ता ने बताया कि उनके चेहरे पर कभी थकान नहीं दिखती थी। पार्टी को आगे बढ़ाने और हर कार्यकर्ता के साथ बात करना वह चाहते थे।
उन्होंने सिसौली, माछरा मोड़, किठौर, परीक्षितगढ़, मवाना, लावड़, दौराला, सरधना, बिनौली, बड़ौत, बागपत और खेकड़ा में सभाएं कीं। उनके साथ चार सभाओं में पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी भी रहे।
सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने भी कल्याण सिंह के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मुझे तो वर्ष-1997 में महानगर अध्यक्ष रहते हुए बाबू जी का सानिध्य मिला। प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में उनके साथ रहने का अवसर मिला। वह हमेशा कार्यकर्ताओं को नाम से जानते थे। उस समय इतने साधन नहीं थे लेकिन पार्टी को आगे ले जाने का जज्बा उनमें कूट-कूट कर भरा हुआ था।
मुख्यमंत्री रहते किया विकास भवन का लोकार्पण
कलक्ट्रेट स्थित विकास भवन स्थित बिल्डिंग का लोकार्पण मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने किया। पांच सितंबर 1992 को वह मेरठ आए। इसके बाद वह सीधे विकास भवन स्थित बिल्डिंग पहुंचे। इस विकास भवन की बिल्डिंग में अभी 52 कार्यालय चलते हैं। उस समय मेरठ के जिलाधिकारी आईएएस जे. एस मिश्र और मुख्य विकास अधिकारी आईएएस मुकुल सिंघल थे। पहले विकास भवन के कार्यालय केसरगंज में थे।