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निर्भया को इंसाफ: परीक्षा में पास हुआ पवन जल्लाद, देश में पहली बार रचा गया ये इतिहास

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मेरठ Published by: कपिल kapil Updated Fri, 20 Mar 2020 05:25 PM IST
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Nirbhaya gets justice after four convicts get death sentence by Pawan Jallad on Suprime Court order
पवन जल्लाद - फोटो : अमर उजाला

सात साल और तीन महीने बाद आखिर निर्भया व उसके परिवार को इंसाफ मिल गया है। साथ ही निर्भया के दोषियों को फांसी देना वाला पवन जल्लाद भी परीक्षा में पास हो गया है। खास बात यह है कि पवन जल्लाद का नाम इतिहास में दर्ज होगा। क्योंकि आज तक देश में किसी ने भी एक साथ चार दोषियों को फांसी नहीं दी है। आगे जानिए कैसे दी जाती है फांसी- 

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Nirbhaya gets justice after four convicts get death sentence by Pawan Jallad on Suprime Court order
पवन जल्लाद - फोटो : अमर उजाला

फांसी देते समय झटके से स्पाइनल कॉर्ड (रीढ़ की हड्डी) टूटने से दोषी की मृत्यु तत्क्षण हो जाती है। इस तरीके से फांसी देने में सबसे कम तकलीफ होती है। मानवाधिकारों को देखते हुए फांसी में इस नियम का पालन करना जरूरी है। इसको देखते हुए पवन को तिहाड़ जेल में फांसी देने का तरीका सिखाया गया था। फांसी सही से दी या नहीं इसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पुष्टि होगी।

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Nirbhaya gets justice after four convicts get death sentence by Pawan Jallad on Suprime Court order
पवन जल्लाद - फोटो : अमर उजाला

वैसे फांसी की प्रक्रिया को लेकर अलग- अलग भ्रांतियां हैं। यूपी के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने फांसी देने की प्रक्रिया को लेकर सोशल मीडिया पर जानकारी साझा की थी। कानूनी प्रावधान के अनुरूप फांसी देने की प्रक्रिया से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें हैं।

Nirbhaya gets justice after four convicts get death sentence by Pawan Jallad on Suprime Court order
पवन जल्लाद - फोटो : अमर उजाला

पूर्व डीजीपी के मुताबिक मृत्यु दंड क्रियान्वित करने के तरीकों पर सुप्रीम कोर्ट विचार कर चुका है। यह पाया है कि स्पाइनल कॉर्ड टूटने से दोषी की मौत तत्क्षण हो जाती है। यह सबसे कम तकलीफ और कम क्र्रूरता वाला तरीका है। गोवा में सत्तर के दशक में एक बार इस पर जांच एवं अध्ययन किया गया था।

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निर्भया के दोषी - फोटो : सोशल मीडिया

झटके में टूटनी चाहिए स्पाइनल कॉर्ड  
फांसी देने के लिए करीब सात फीट का रस्सा तैयार किया जाता है। मौत स्पाइनल कॉर्ड टूटने से होनी चाहिए। इसको देखते हुए रस्सी उतनी ढीली/अतिरिक्त रखनी होती है, ताकि जब तख्ते हटें तो शरीर अचानक उतना नीचे गिरे। इस झटके से ही स्पाइनल कॉर्ड टूट जाए। शरीर ड्राप होने के बाद आधा घंटा लटका रहना चाहिए। जब डॉक्टर प्रमाणित कर दे की मृत्यु हो चुकी है तब शरीर रस्सी से उतारकर नीचे रखा जाना चाहिए। फांसी के बाद पोस्टमार्टम होना अनिवार्य हो गया है। इसके पूर्व पोस्टमार्टम करने की प्रक्रिया नहीं होती थी।

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