दिल्ली धमाका केस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, खुफिया एजेंसियों की नजरें सहारनपुर पर और गहरी हो गई हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस, एटीएस और अन्य एजेंसियां अब उन सभी लोगों की पहचान कर रही हैं जो किसी भी तरह से डॉ. आदिल के संपर्क में रहे थे।
दिल्ली धमाका: निगरानी में आदिल का घर, संपर्क में आए हर शख्स तक पहुंच रहा खुफिया विभाग, दो यूट्यूबर हिरासत में
दिल्ली धमाका केस में जांच एजेंसियां डॉ. आदिल के हर संपर्क की गहराई से जांच कर रही हैं। दो यूट्यूबरों को हिरासत में लेकर उनके डिजिटल उपकरण जब्त किए गए हैं। फोरेंसिक जांच में कई अहम डिजिटल सुराग मिलने के बाद पूरे नेटवर्क को खंगाला जा रहा है।
यूट्यूबरों पर फोकस- सोशल मीडिया से खुला नया एंगल
जांच में सामने आया कि ये दोनों यूट्यूबर आदिल के संपर्क में ही नहीं थे, बल्कि उनकी सोशल मीडिया एक्टिविटी भी आपस में लिंक थी। जानकारी के अनुसार, डॉ. आदिल की गिरफ्तारी से कुछ दिन पहले दोनों युवक जम्मू-कश्मीर गए थे। वहां उनके कई स्थानों पर जाने की पुष्टि लोकेशन डेटा से हुई है।
वहीं एजेंसियों को यह भी पता चला कि उन्होंने आदिल और कुछ अन्य डॉक्टरों से पहले भी कई बार बातचीत की थी। यह पैटर्न सामने आने के बाद एजेंसियों ने इसे हल्के में नहीं लिया और युवकों के जम्मू-कश्मीर जाने के उद्देश्य की भी जांच की जा रही है, क्या यह सिर्फ घूमने का प्लान था या इसके पीछे कोई और वजह छिपी थी।
हुक्का बार फुटेज से खुला बाबर-आदिल का लिंक
सबसे अहम तथ्य तब सामने आया जब जम्मू-कश्मीर के एक हुक्का बार का सीसीटीवी फुटेज एजेंसियों के हाथ लगा। फुटेज में दोनों यूट्यूबर डॉ. बाबर के साथ बैठकर बातचीत करते दिखाई दे रहे हैं। यह वही समय था जब डॉ. आदिल और बाबर दोनों ही खुफिया निगरानी में थे।
लोकेशन हिस्ट्री भी इसी क्षेत्र में एक्टिव मिली। फुटेज, लोकेशन और कॉल रिकॉर्ड की ट्रायएंगलिंग ने जांच को नए स्तर पर पहुंचा दिया है। एजेंसियां यह जानने का प्रयास कर रही हैं कि यह मुलाकात सामान्य थी या किसी नेटवर्क की कड़ी थी। शुरुआती आकलन में यह स्पष्ट हुआ है कि यह मुलाकात संयोग नहीं हो सकती, क्योंकि समय और लोकेशन दोनों संदिग्ध पैटर्न जैसा संकेत दे रहे हैं।
डिजिटल सबूतों की गहन जांच चैट, कॉल और वीडियो से खुल रहे कई तथ्य
यूट्यूबरों के मोबाइल फोन, कैमरे, लैपटॉप और हार्ड ड्राइव सहित सभी डिजिटल उपकरण जब्त कर लिए गए। फोरेंसिक टीम ने शुरुआती विश्लेषण में कई महत्वपूर्ण चैट, कॉल रिकॉर्ड और लोकेशन हिस्ट्री बरामद की है। इसके अलावा कैमरों में कुछ वीडियो फुटेज मिले हैं जिनमें डॉक्टरों से जुड़ी मुलाकातें, यात्राएं और संदिग्ध गतिविधियां रिकॉर्ड हैं।
तकनीकी विशेषज्ञ इन वीडियो और मेटाडेटा को फ्रेम दर फ्रेम स्कैन कर रहे हैं ताकि यह पता चल सके कि युवकों की वास्तविक भूमिका क्या थी। क्या वे सिर्फ कंटेंट क्रिएटर थे या किसी बड़ी योजना का हिस्सा। यह भी जांच का हिस्सा है कि उनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग किसी संदेश प्रसारण या कम्युनिकेशन चैनल के रूप में किया जा रहा था या नहीं।
खुफिया निगरानी जारी-आदिल का घर बंद, लेकिन गतिविधियों पर कड़ी नजर
मानकमऊ की अमन विहार कॉलोनी में आदिल का किराए का घर फिलहाल बंद है और बाहर ताला लटका है, लेकिन खुफिया और स्थानीय एजेंसियां इस क्षेत्र को लगातार मॉनिटर कर रही हैं। इलाके में आने-जाने वालों पर नजर रखी जा रही है।
एजेंसियों के अनुसार, आदिल के कई परिचितों से पूछताछ भी की गई है और उनके कॉल रिकॉर्ड, मूवमेंट और सोशल मीडिया गतिविधियों की रिव्यू की जा रही है। टीम यह समझने का प्रयास कर रही है कि आदिल और बाबर से जुड़े नेटवर्क की संरचना कैसी थी और क्या कोई स्थानीय सहायता भी मौजूद थी। फिलहाल जांच कई नए एंगल्स तक पहुंच चुकी है और हर कड़ी को जोड़कर एक व्यापक तस्वीर बनाने की कोशिश जारी है।