
यूक्रेन में फंसी लाडलों की जान: रूह कंपा रही उनकी कहानियां, वीडियो कॉल से पल-पल का अपडेट ले रहे परिजन, तस्वीरें



उन्होंने सरकार से भी वहां फंसे छात्र-छात्राओं की सुरक्षित देश वापसी कराने की गुहार लगाई है। पीयूष ने गुरुवार दोपहर वीडियो कॉल कर परिजनों को बताया कि घर आने के लिए एयर टिकट के दाम करीब दस गुना तक महंगे हो चुके हैं। उसे चार मार्च को घर लौटना था, लेकिन यहां पर घर से बाहर निकलने पर भी पूरी तरह रोक लगा दी गई है। टेलीफोन सेवा बंद हो गई है और इंटरनेट सेवाएं भी प्रभावित हो रही हैं। केवल वीडियो कॉल हो पा रही है। उन्होंने बताया कि यहां घर के ऊपर से हेलिकाप्टर उड़ रहे हैं। हालांकि उसने अपने पिता को ढांढ़स बंधाते हुए कहा कि वह सुरक्षित है आप अपना और मम्मी का ध्यान रखें।

छात्रों को लेने आए जहाज को रूसी सैनिकों ने करा दिया वापस
तीतरों के ग्राम धानवा निवासी घनश्याम सैनी के पुत्र शोभित सैनी यूक्रेन से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। उसका फाइनल इयर है। घनश्याम ने बताया कि दोपहर बाद साढ़े तीन बजे बेटे का फोन आया था। उसने बताया कि वह युद्धस्थल से करीब 1400 किमी की दूरी पर है। इंडियन एंबेसी ने उन्हें स्वदेश लाने के लिए रोमानिया से वायुयान यूक्रेन भेजा था, लेकिन रूसी सैनिकों ने उसे वापस करा दिया। शोभित ने कहा कि फिलहाल वह वहां सुरक्षित है। गांव धानवा के ही आसिफ राव भी यूक्रेन से होटल मैनेजमेंट फाइनल ईयर का कोर्स कर रहे हैं। वह भी वहां फंस गए हैं, जिसे लेकर उनके परिजन चिंतित हैं।

लवीब यूनिवर्सिटी के पास है माहौल ठीक
चिलकाना के मोहल्ला जाकिर हुसैन निवासी मोहम्मद इरफान का बेटा अजीम अंसारी दो वर्ष पूर्व यूक्रेन की लवीब यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। गुरुवार को यूक्रेन में लड़ाई की सूचना पर उसके परिजन चिंतित हैं। अजीम के बड़े भाई फरमान अंसारी ने बताया कि गुरुवार की सुबह ही भाई से बात हुई थी। लवीब यूनिवर्सिटी के आसपास माहौल ठीक है। यूनिवर्सिटी से 1200 किलोमीटर दूर लड़ाई हो रही है। यदि शुक्रवार को हवाई उड़ान जारी रही, तो वह अपने घर वापस आ जाएगा।

एक मार्च को था आने का प्रोग्राम, अब पता नहीं
चिलकाना के मोहल्ला मजहर हसन निवासी शोएब कुरैशी के पिता एयाज कुरैशी ने बताया कि उसका बेटा यूक्रेन की इवानो यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस तीसरे वर्ष का छात्र है। शोएब का एक मार्च को आने का कार्यक्रम था, लेकिन उड़ान बंद होने के कारण अब आना असंभव है। गुरुवार शाम चार बजे उसकी शोएब से बात हुई थी। शोएब ने बताया कि वह जहां रह रहा है, वहां फिलहाल हालात सामान्य हैं। फिर भी उसने अपने खाने पीने का सामान एकत्र कर लिया है। बेटे की चिंता लगी रहती है। पूरा परिवार यूक्रेन के हालात को लेकर परेशान है।