कर्नल बाठ पर हमले का मामला: सीबीआई ने मोहाली कोर्ट में दाखिल की चार्जशीट, इंस्पेक्टर रॉनी सिंह मुख्य आरोपी
13 मार्च की रात को पटियाला में राजिंदरा अस्पताल के पास कर्नल पुष्पिंदर बाठ और उनके बेटे से मामूली विवाद के बाद पुलिसवालों ने मारपीट की थी।
विस्तार
कर्नल पुष्पिंदर बाठ और उनके बेटे पर हुए जानलेवा हमले के हाई-प्रोफाइल मामले में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन ने मोहाली की विशेष अदालत में अपनी चार्जशीट फाइल कर दी है। सीबीआई ने इस मामले में पंजाब पुलिस की इंस्पेक्टर रॉनी सिंह को मुख्य आरोपी बनाया है, लेकिन शुरुआती एफआईआर में शामिल हत्या की कोशिश जैसी गंभीर धारा को हटा दिया गया है।
शुरुआत में पटियाला पुलिस ने इस मामले में इंस्पेक्टर हैरी बोपाराय, रॉनी सिंह और हरजिंदर ढिल्लों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 109 (हत्या की कोशिश) के तहत मामला दर्ज किया था। सीबीआई ने अपनी जांच के बाद जो चार्जशीट पेश की है, उसमें इस धारा को शामिल नहीं किया। अब आरोपियों के खिलाफ जानबूझकर गंभीर चोट पहुंचाने और गलत तरीके से रोकने जैसे प्रावधानों के तहत आरोप लगाए गए हैं।
क्या था पूरा मामला
यह घटना 13 और 14 मार्च की दरमियानी रात पटियाला के राजिंदरा अस्पताल के पास हुई थी। कर्नल पुष्पिंदर बाठ और उनका बेटा सड़क किनारे एक रेस्टोरेंट के पास अपनी कार के पास खड़े थे। तभी सादे कपड़ों में आए कुछ पुलिसकर्मियों ने उन्हें गाड़ी हटाने के लिए कहा। देखते ही देखते मामूली बहस हिंसा में बदल गई। आरोप है कि करीब एक दर्जन पुलिसकर्मियों ने कर्नल और उनके बेटे पर रॉड्स और डंडों से हमला किया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद पटियाला पुलिस ने तुरंत कार्रवाई नहीं की। जब मामला रक्षा मंत्रालय और आर्मी हेडक्वार्टर तक पहुंचा, तब जाकर घटना के नौ दिन बाद बाय नेम एफआईआर दर्ज हुई। इसके बाद पांच इंस्पेक्टरों समेत 12 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया था।
जांच एजेंसियों का बदलाव
कर्नल बाठ के परिवार ने पंजाब पुलिस की जांच पर अविश्वास जताते हुए मामला किसी बाहरी एजेंसी को सौंपने की मांग की थी। पहले जांच चंडीगढ़ पुलिस को दी गई और उसे चार महीने में रिपोर्ट देनी थी। परिवार ने आरोप लगाया कि चंडीगढ़ पुलिस की जांच सही दिशा में नहीं जा रही है। आखिर मामला हाईकोर्ट पहुंचा और जांच सीबीआई को सौंपी गई।