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Mohali News: मोहाली-चंडीगढ़ के बॉर्डर पर शराबियों का उत्पात, बाजार आने से कतराने लगे हैं लोग
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चंडीगढ़/मोहाली। चंडीगढ़ के सेक्टर-61 की मार्केट और मोहाली के फेज-7 का सीमावर्ती इलाका शराबियों की अराजकता की भेंट चढ़ चुका है। यहां स्थित शराब का ठेका अब केवल एक दुकान नहीं, बल्कि पूरे इलाके के लिए नासूर बन गया है। आलम यह है कि सूरज ढलने का इंतजार भी नहीं होता कि दिन के उजाले में लोग खुलेआम पार्किंग में शराब पीते देखे जा सकते हैं। शराबियों की फैलाई गंदगी और दीवार को शौचालय बनाने से पूरी मार्केट बदबू से महक रही है। लोग यहां अपनी बड़ी गाड़ियों के बोनट को मेज बनाकर जहां कार-बार चलाते हैं, वहीं प्रवासी और अन्य लोग जमीन पर बैठकर महफिलें जमाते हैं। नशे में धुत शराबी जगह-जगह फुटपाथ पर पड़े रहते हैं। परिवार, महिलाएं और बच्चे अब इस रास्ते से गुजरने से भी खौफ खाते हैं।
दीवार बनी तो लोगों ने ली राहत की सांस
पार्षद परमजीत सिंह हैप्पी ने बताया कि हालात काबू से बाहर हो चुके थे। पहले लोग बहुत ज्यादा परेशान थे। शराबी पीने के बाद फेज-7 की रिहायशी गलियों में घुसते थे। हुड़दंग और हो-हल्ला करते थे। महिलाओं का घर से निकलना मुश्किल हो गया था। इसी वजह से करीब चार साल पहले यह दीवार बनाई गई थी। दीवार बनने के बाद लोगों ने राहत की सांस तो ली है, लेकिन समस्या की जड़ अभी भी वहीं है। फेज-7 के लोगों के लिए यही मार्केट सबसे नजदीक है, लेकिन शराबियों के डर से लोग जरूरी सामान लेने जाने से भी कतराते हैं।
व्यापारियों और पुलिस के विरोधाभासी दावे
मार्केट कमेटी के प्रधान प्रमोद कुमार का कहना है कि प्रशासन और पुलिस की ढिलाई के कारण व्यापारियों का धंधा चौपट हो रहा है। कई बार शिकायत कर चुके हैं लेकिन कई हल नहीं हुआ। ग्राहक सुरक्षित महसूस नहीं करते, इसलिए यहां आने से बचते हैं। वहीं, चौकी इंचार्ज एसआई परमिंदर सिंह का कहना है कि पुलिस समय-समय पर कार्रवाई करती है। भविष्य में गश्त बढ़ाने का आश्वासन दिया है। धरातल पर स्थिति इसके उलट है, क्योंकि दिन-दिहाड़े शराब पीना यहां सामान्य बात हो गई है।
गंदगी और बदबू का नया केंद्र
रिहायशी इलाके की सुरक्षा कवच के रूप में बनाई दीवार आज पूरे इलाके के लिए सबसे बड़ी त्रासदी बन चुकी है। विडंबना यह है कि मार्केट में उचित पब्लिक टॉयलेट की सुविधा मौजूद है, लेकिन नशे में धुत शराबी शिष्टाचार की सभी सीमाएं लांघकर इस दीवार को ही सार्वजनिक शौचालय के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। शराबियों की घिनौनी हरकत के कारण वहां गंदगी का अंबार लग गया है। यहां से उठने वाली तीखी सड़ांध ने स्थानीय दुकानदारों, ग्राहकों और वहां से गुजरने वाले राहगीरों का सांस लेना भी मुहाल कर दिया है।
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दीवार बनी तो लोगों ने ली राहत की सांस
पार्षद परमजीत सिंह हैप्पी ने बताया कि हालात काबू से बाहर हो चुके थे। पहले लोग बहुत ज्यादा परेशान थे। शराबी पीने के बाद फेज-7 की रिहायशी गलियों में घुसते थे। हुड़दंग और हो-हल्ला करते थे। महिलाओं का घर से निकलना मुश्किल हो गया था। इसी वजह से करीब चार साल पहले यह दीवार बनाई गई थी। दीवार बनने के बाद लोगों ने राहत की सांस तो ली है, लेकिन समस्या की जड़ अभी भी वहीं है। फेज-7 के लोगों के लिए यही मार्केट सबसे नजदीक है, लेकिन शराबियों के डर से लोग जरूरी सामान लेने जाने से भी कतराते हैं।
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व्यापारियों और पुलिस के विरोधाभासी दावे
मार्केट कमेटी के प्रधान प्रमोद कुमार का कहना है कि प्रशासन और पुलिस की ढिलाई के कारण व्यापारियों का धंधा चौपट हो रहा है। कई बार शिकायत कर चुके हैं लेकिन कई हल नहीं हुआ। ग्राहक सुरक्षित महसूस नहीं करते, इसलिए यहां आने से बचते हैं। वहीं, चौकी इंचार्ज एसआई परमिंदर सिंह का कहना है कि पुलिस समय-समय पर कार्रवाई करती है। भविष्य में गश्त बढ़ाने का आश्वासन दिया है। धरातल पर स्थिति इसके उलट है, क्योंकि दिन-दिहाड़े शराब पीना यहां सामान्य बात हो गई है।
गंदगी और बदबू का नया केंद्र
रिहायशी इलाके की सुरक्षा कवच के रूप में बनाई दीवार आज पूरे इलाके के लिए सबसे बड़ी त्रासदी बन चुकी है। विडंबना यह है कि मार्केट में उचित पब्लिक टॉयलेट की सुविधा मौजूद है, लेकिन नशे में धुत शराबी शिष्टाचार की सभी सीमाएं लांघकर इस दीवार को ही सार्वजनिक शौचालय के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। शराबियों की घिनौनी हरकत के कारण वहां गंदगी का अंबार लग गया है। यहां से उठने वाली तीखी सड़ांध ने स्थानीय दुकानदारों, ग्राहकों और वहां से गुजरने वाले राहगीरों का सांस लेना भी मुहाल कर दिया है।