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Mohali News: न्यू चंडीगढ़ की इको-सिटी-3 को मिली रफ्तार, अवॉर्ड घोषित, नौ गांवों की 716 एकड़ जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम चरण में
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मोहाली। न्यू चंडीगढ़ की प्रस्तावित इको-सिटी-3 परियोजना के लिए नौ गांवों की 716 एकड़ जमीन की अधिग्रहण प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच गई है। मंगलवार को जारी अधिग्रहण पुरस्कार (अवॉर्ड) की घोषणा के साथ ही जमीन मालिकों को मुआवजे का वितरण अब शुरू हो जाएगा।सबसे ज्यादा मुआवजा सलामतपुर के ग्रामीणों को 6.46 करोड़ रुपये प्रति एकड़ के अनुसार दिया जाएगा। सबसे कम मुआवजा राजगढ़ और माजरा के ग्रामीणों को 4.27 करोड़ प्रत्येक एकड़ के अनुसार दिया जाएगा।
गमाडा के अनुसार सबसे ज्यादा 317.3 एकड़ जमीन गांव तकीपुर की अधिग्रहित की जाएगी। यहां के किसानों को 4.99 करोड़ रुपये प्रति एकड़ के अनुसार मुआवजा मिलेगा। सबसे कम 0.3 एकड़ जमीन गांव ढोडेमाजरा की अधिग्रहित होगी। यहां के किसानों को 6.40 करोड़ रुपये प्रति एकड़ के अनुसार मुआवजा मिलेगा। इस घोषणा के बाद अधिग्रहित जमीन पर आधिकारिक कब्जे और परियोजना के लिए रास्ता साफ हो गया है। पंजाब सरकार से मंजूरी मिलने के बाद यह अवॉर्ड जमीन अधिग्रहण संग्राहक द्वारा भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापना अधिनियम, 2013 की धारा 19 के तहत घोषित किया गया।
कितनी जमीन कहां से ली गई
गांव का नाम अधिगृहीत क्षेत्र (एकड़ में)।
तकीपुर 317.3
कंसाला 169
करतारपुर 93.6
होशियारपुर 59
राजगढ़ 42.1
सलामतपुर 6.7
माजरा 6
रसूलपुर 2.06
ढोडेमाजरा 0.3
जमीन मालिकों को मिलेगा मुआवजा
जमीन का मूल्यांकन तीन वर्षों में इन गांवों में दर्ज औसत बिक्री के आधार पर किया गया है। प्रति एकड़ मुआवजे की राशि गांवों के अनुसार अलग-अलग है।
सर्वाधिक मुआवजा : सलामतपुर- 6.46 करोड़ रुपये प्रति एकड़, ढोडेमाजरा-6.40 करोड़, रसूलपुर-5.91 करोड़ रुपये प्रति एकड़।
अन्य गांव : कंसाला- 5.46 करोड़, करतारपुर-5.43 करोड़, होशियारपुर-4.98 करोड़, तकीपुर-4.99 करोड़, राजगढ़ और माजरा-4.27 करोड़ रुपये प्रति एकड़।
मौद्रिक मुआवजे के अलावा अन्य विशेष लाभ
जमीन मालिकों के पास नकद मुआवजा लेने की जगह जमीन पूलिंग (भू-संग्रहण) का विकल्प भी है। इस नीति के तहत प्रति एकड़ अधिग्रहित जमीन के बदले किसान एक हजार वर्ग गज का आवासीय स्थान और 200 वर्ग गज का व्यावसायिक स्थान प्राप्त कर सकते हैं। अगर व्यावसायिक स्थान नहीं लेना चाहते हैं तो वे इसके बदले प्रति एकड़ एक हजार 600 वर्ग गज का आवासीय स्थान ले सकते हैं। जमीन पूलिंग चुनने वाले किसानों को 120 दिनों के भीतर अपना आवेदन जमा करना होगा।
इसके अतिरिक्त, किसानों को एक सुविधा प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा। इसके तहत वे अगले दो सालों में पंजाब में कहीं भी कृषि भूमि खरीदने पर स्टाम्प शुल्क से छूट के पात्र होंगे। साथ ही उन्हें कृषि उद्देश्य के लिए बिजली कनेक्शन और 25 हजार रुपये की वार्षिक जीवन यापन भत्ता भी मिलेगा। अधिगृहीत जमीन पर मौजूद पेड़ों, मकानों और अन्य संरचनाओं का अलग से मुआवजा दिया जाएगा। अधिग्रहित भूमि पर मौजूद पेड़, मकान और अन्य संरचनाओं का मुआवजा अलग से दिया जाएगा।
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गमाडा के अनुसार सबसे ज्यादा 317.3 एकड़ जमीन गांव तकीपुर की अधिग्रहित की जाएगी। यहां के किसानों को 4.99 करोड़ रुपये प्रति एकड़ के अनुसार मुआवजा मिलेगा। सबसे कम 0.3 एकड़ जमीन गांव ढोडेमाजरा की अधिग्रहित होगी। यहां के किसानों को 6.40 करोड़ रुपये प्रति एकड़ के अनुसार मुआवजा मिलेगा। इस घोषणा के बाद अधिग्रहित जमीन पर आधिकारिक कब्जे और परियोजना के लिए रास्ता साफ हो गया है। पंजाब सरकार से मंजूरी मिलने के बाद यह अवॉर्ड जमीन अधिग्रहण संग्राहक द्वारा भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापना अधिनियम, 2013 की धारा 19 के तहत घोषित किया गया।
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कितनी जमीन कहां से ली गई
गांव का नाम अधिगृहीत क्षेत्र (एकड़ में)।
तकीपुर 317.3
कंसाला 169
करतारपुर 93.6
होशियारपुर 59
राजगढ़ 42.1
सलामतपुर 6.7
माजरा 6
रसूलपुर 2.06
ढोडेमाजरा 0.3
जमीन मालिकों को मिलेगा मुआवजा
जमीन का मूल्यांकन तीन वर्षों में इन गांवों में दर्ज औसत बिक्री के आधार पर किया गया है। प्रति एकड़ मुआवजे की राशि गांवों के अनुसार अलग-अलग है।
सर्वाधिक मुआवजा : सलामतपुर- 6.46 करोड़ रुपये प्रति एकड़, ढोडेमाजरा-6.40 करोड़, रसूलपुर-5.91 करोड़ रुपये प्रति एकड़।
अन्य गांव : कंसाला- 5.46 करोड़, करतारपुर-5.43 करोड़, होशियारपुर-4.98 करोड़, तकीपुर-4.99 करोड़, राजगढ़ और माजरा-4.27 करोड़ रुपये प्रति एकड़।
मौद्रिक मुआवजे के अलावा अन्य विशेष लाभ
जमीन मालिकों के पास नकद मुआवजा लेने की जगह जमीन पूलिंग (भू-संग्रहण) का विकल्प भी है। इस नीति के तहत प्रति एकड़ अधिग्रहित जमीन के बदले किसान एक हजार वर्ग गज का आवासीय स्थान और 200 वर्ग गज का व्यावसायिक स्थान प्राप्त कर सकते हैं। अगर व्यावसायिक स्थान नहीं लेना चाहते हैं तो वे इसके बदले प्रति एकड़ एक हजार 600 वर्ग गज का आवासीय स्थान ले सकते हैं। जमीन पूलिंग चुनने वाले किसानों को 120 दिनों के भीतर अपना आवेदन जमा करना होगा।
इसके अतिरिक्त, किसानों को एक सुविधा प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा। इसके तहत वे अगले दो सालों में पंजाब में कहीं भी कृषि भूमि खरीदने पर स्टाम्प शुल्क से छूट के पात्र होंगे। साथ ही उन्हें कृषि उद्देश्य के लिए बिजली कनेक्शन और 25 हजार रुपये की वार्षिक जीवन यापन भत्ता भी मिलेगा। अधिगृहीत जमीन पर मौजूद पेड़ों, मकानों और अन्य संरचनाओं का अलग से मुआवजा दिया जाएगा। अधिग्रहित भूमि पर मौजूद पेड़, मकान और अन्य संरचनाओं का मुआवजा अलग से दिया जाएगा।