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आगरा: 12 साल पुराने केस में भाजपा सांसद रामशंकर कठेरिया बरी, राजामंडी स्टेशन पर रोकी थी रेल

अमर उजाला ब्यूरो, आगरा Published by: Abhishek Saxena Updated Fri, 22 Oct 2021 03:12 PM IST
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सार

उच्च न्यायालय खंडपीठ आंदोलन में वकीलों के साथ 11 साल पहले राजामंडी रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन और ट्रेन रोकने के मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद रामशंकर कठेरिया बरी हो गए। सांसद के मुकदमे की सुनवाई विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए की अदालत में चल रही थी। उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी हुए थे।

Bjp Mp Ram Shakar  Katheria Acquitted In Trial Case Of Train Stop At Raja Ki Mandi
सांसद रामशंकर कठेरिया - फोटो : अमर उजाला

विस्तार
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आगरा में 12 साल पुराने रेलवे एक्ट के मामले में आरोपी इटावा के सांसद रामशंकर कठेरिया बरी हो गए। थाना आरपीएफ आगरा कैंट में राजामंडी के स्टेशन प्रबंधक ने मुकदमा दर्ज कराया था। विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) नीरज गौतम ने शुक्रवार को पुष्ट साक्ष्य के अभाव में उन्हें बरी करने के आदेश किए। मुकदमा हाईकोर्ट खंडपीठ स्थापना को लेकर राजामंडी स्टेशन पर ट्रेन रोककर प्रदर्शन करने के मामले में दर्ज हुआ था।
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थाना आरपीएफ आगरा कैंट में राजामंडी स्टेशन के स्टेशन प्रबंधक इंद्रवीर सिंह ने तहरीर देते हुए कहा कि 26 सितंबर 2009 को सांसद रामशंकर कठेरिया, पूर्व मंत्री बाबूलाल, उच्च न्यायालय खंडपीठ स्थापना संघर्ष समिति अध्यक्ष/संयोजक केडी शर्मा, सचिव अरुण सोलंकी, वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री इंदिरा वर्मा, अधिवक्ता शैलराज सिंह के नेतृत्व में वकीलों और कार्यकर्ता राजामंडी स्टेशन पर पहुंचे थे। 
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सुबह 8:45 बजे से 11:20 बजे तक बिना किसी अधिकार पत्र के प्रवेश कर रेलवे लाइन पर अवैध तरीके से इकट्ठा हो गए। ट्रेनों को रोककर कर्मचारियों के कार्य में बाधा पहुंचाई। रेल यातायात को प्रभावित किया। यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डालकर गाड़ियों के संचालन व्यवस्था को खराब किया। रेलवे एक्ट की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया।

 

इन धाराओं में लगी थी चार्जशीट 
विवेचना के बाद विवेचक ने सांसद सहित अन्य के खिलाफ रेलवे एक्ट की धारा में 146, 147, 153, 174 के तहत आरोपपत्र कोर्ट में प्रस्तुत किया। 17 मार्च 2015 को भाजपा सांसद की पत्रावली अन्य आरोपियों से पृथक कर दी गई। मामले में अभियोजन पक्ष की तरफ से एडीजीसी शशि शर्मा ने चौकी प्रभारी निरंजन सिंह, स्टेशन मास्टर इंद्रवीर सिंह, डिप्टी एसएस अनिल कुमार, उप निरीक्षक विनोद कुमार, प्रताप सिंह, हेड कांस्टेबल यादराम, हेड टीसी हरीश अग्रवाल, सत्यवीर शर्मा और नरेंद्र सिंह यादव को गवाही के लिए कोर्ट में पेश किया।

विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) नीरज गौतम ने अभियोजन पक्ष की तरफ से प्रस्तुत गवाहों के बयानों से आरोपों की पुष्टि न होने, स्वतंत्र गवाह के अभाव और सांसद की तरफ से अधिवक्ता विजय आहूजा और देवेंद्र सिंह के तर्क के आधार पर सांसद रामशंकर कठेरिया को बरी करने के आदेश किए। इस दौरान सांसद के साथ समर्थक भी मौजूद रहे।
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