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UP: बीएलओ की लापरवाही से मैपिंग में पिछड़ा उत्तर क्षेत्र, 1.50 लाख से ज्यादा मतदाताओं का रिकॉर्ड गायब
अमर उजाला न्यूज नेटवर्क, आगरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Mon, 15 Dec 2025 09:55 AM IST
सार
आगरा में 4.54 लाख मतदाताओं में 1.50 लाख से अधिक का रिकाॅर्ड नहीं है। बूथ लेवल आफिसर (बीएलओ) और सुपरवाइजर की लापरवाही से यहां बड़ी संख्या में गणना फॉर्म जमा और डिजिटाइज्ड नहीं हुए हैं।
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- फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में उत्तर विधानसभा क्षेत्र की हालत सबसे खराब है। बूथ लेवल आफिसर (बीएलओ) और सुपरवाइजर की लापरवाही से यहां बड़ी संख्या में गणना फॉर्म जमा और डिजिटाइज्ड नहीं हुए हैं। आधे-अधूरे फॉर्म जमा होने से 1.50 लाख से अधिक मतदाताओं की 2003 की सूची से मैपिंग नहीं हो सकी।
एसआईआर की समय सीमा 26 दिसंबर तक बढ़ा दी गई है। जिले में नौ विधानसभा क्षेत्र हैं। 36 लाख 71 मतदाता थे। जिनमें करीब 20 लाख मतदाताओं की मैपिंग हो चुकी है। उत्तर विधान सभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा पॉश कॉलोनियां हैं। यहां 4.54 लाख मतदाताओं में 1.50 लाख से अधिक मतदाताओं का 2003 की सूची से मिलान नहीं हो पा रहा। पुराने सूची से फॉर्म भरने वाले मतदाताओं का रिकार्ड मैच नहीं कर रहा। रविवार को जिला निर्वाचन अधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने मैपिंग की समीक्षा की। बीएलओ और सुपरवाइजर के पेच कसे। मैपिंग प्रक्रिया पूर्ण कराने के निर्देश दिए हैं।
जिले में करीब आठ लाख मतदाता मैपिंग नहीं हो सकी है। जिन मतदाताओं का रिकार्ड 2003 की मतदाता सूची से मेल नहीं खाएगा। उन्हें सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी नोटिस जारी करेंगे। नोटिस के बाद मतदाताओं को अपने दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। 28 फरवरी को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होगा। डीएम ने मैपिंग कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उधर, तीन लाख से अधिक मतदाता बीएलओ को एसआईआर के दौरान घरों से लापता मिले हैं। दो लाख से अधिक मतदाता स्थानांतरित हो चुके हैं। जबकि एक लाख मतदाताओं को बीएलओ ने मृतक सूची में रखा है। इनके अलावा 60 हजार से अधिक फर्जी मतदाता हैं। जिनके नाम कई मतदाता सूचियों में अलग-अलग जगह दर्ज हैं। ऐसे सभी मतदाताओं के नाम सूची से हटेंगे।
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एसआईआर की समय सीमा 26 दिसंबर तक बढ़ा दी गई है। जिले में नौ विधानसभा क्षेत्र हैं। 36 लाख 71 मतदाता थे। जिनमें करीब 20 लाख मतदाताओं की मैपिंग हो चुकी है। उत्तर विधान सभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा पॉश कॉलोनियां हैं। यहां 4.54 लाख मतदाताओं में 1.50 लाख से अधिक मतदाताओं का 2003 की सूची से मिलान नहीं हो पा रहा। पुराने सूची से फॉर्म भरने वाले मतदाताओं का रिकार्ड मैच नहीं कर रहा। रविवार को जिला निर्वाचन अधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने मैपिंग की समीक्षा की। बीएलओ और सुपरवाइजर के पेच कसे। मैपिंग प्रक्रिया पूर्ण कराने के निर्देश दिए हैं।
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जिले में करीब आठ लाख मतदाता मैपिंग नहीं हो सकी है। जिन मतदाताओं का रिकार्ड 2003 की मतदाता सूची से मेल नहीं खाएगा। उन्हें सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी नोटिस जारी करेंगे। नोटिस के बाद मतदाताओं को अपने दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। 28 फरवरी को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होगा। डीएम ने मैपिंग कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उधर, तीन लाख से अधिक मतदाता बीएलओ को एसआईआर के दौरान घरों से लापता मिले हैं। दो लाख से अधिक मतदाता स्थानांतरित हो चुके हैं। जबकि एक लाख मतदाताओं को बीएलओ ने मृतक सूची में रखा है। इनके अलावा 60 हजार से अधिक फर्जी मतदाता हैं। जिनके नाम कई मतदाता सूचियों में अलग-अलग जगह दर्ज हैं। ऐसे सभी मतदाताओं के नाम सूची से हटेंगे।