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UP: भैंस का दूध बेचकर कमा डाले लाखों रुपये...ये महिलाएं बन गईं लखपति, समाज के लिए बन रहीं मिसाल
अमर उजाला न्यूज नेटवर्क, आगरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Wed, 03 Sep 2025 09:07 AM IST
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सार
गांव की महिलाओं ने भैंस पालकर और दूध बेचकर लाखों की कमाई की है। डेयरी बिजनेस ने उन्हें आत्मनिर्भर बना कर लखपति दीदी बना दिया।

लखपति दीदी सम्मान समारोह
- फोटो : संवाद
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विस्तार
कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता। जहां चाह हो, वहां राह निकल ही आती है। भैंस पालकर दूध बेचने वाली ऐसी हजारों महिलाएं लखपति बन गईं। डेयरी व्यवसाय से आत्मनिर्भर बनने वाली आगरा-अलीगढ़ मंडल की ऐसी एक हजार महिलाओं को मंगलवार को सूरसदन में सम्मानित किया गया।

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मौका था राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) और सहज मिल्क प्रोड्यूसर आर्गनाइजेशन की ओर से आयोजित लखपति दीदी सम्मान समारोह का। जहां उन्हें सम्मान राशि का चेक, शॉल और स्मृति चिह्नि प्रदान किए गए। ग्रामीण महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने पर चर्चा की गई। मुख्य अतिथि केंद्रीय पशुपालन एवं दुग्ध विकास मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल, चेयरमैन एनडीडीबी डॉ. मीनेश शाह ने इस अवसर इलेक्टि्क मोबाइल मेडिकल वैन और मेडिकल वैन को हरी झंडी दिखाई।
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चेयरमैन डॉ. मीनेश शाह ने कहा यह वैन गांव-गांव जाकर पशुओं के स्वास्थ्य की देखभाल करेगी। डेयरी व्यवसाय से जुड़ने के बाद ग्रामीण महिलाओं का पैसा सीधे उनके खाते में पहुंच रहा है। केंद्रीय राज्यमंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने कहा कि भारत में दुनिया में 25 प्रतिशत दूध का उत्पादन करता है। डेयरी व्यवसाय को को-ऑपरेटिव आंदोलन से जोड़ना होगा।
गांवों में सहकारी समिति बनाने से किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। किसानों को पशुओं के लिए कृत्रिम वर्गीकृत वीर्य, क्रत्रिम गर्भाधान अपनाना चाहिए। इससे बछियों की संख्या और दुग्ध उत्पादन बढ़ेगा। फिरोजाबाद से आईं गिरिजा देवी ने बताया कि 2017 में दो भैंसों से डेयरी की शुरुआत की थी। आज 10 भैंसों के दूध की बिक्री से अपने पैरों पर खड़ी हो चुकी हूं। मुझे 8.76 लाख रुपये का चेक मिला है।
गांव दरिगापुर से आईं अनीता देवी ने बताया कि 2015 से गांव में डेयरी खोली। दो गाय और दो भैंस खरीदी। उन्हें पाला। दूध बिक्री शुरू हो गई। आज मेरे पास छह गाय और चार भैंस है। आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। मुझे 9,87,918 रुपये का चेक मिला है।