{"_id":"6904242dfd2c4e074009ec4c","slug":"elderly-couple-digitally-arrested-by-fake-cbi-officers-lost-59-lakh-in-video-call-scam-2025-10-31","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"UP: वीडियो कॉल पर भयानक स्कैम...दो दिन में जहन्नुम बन गई डेयरी संचालक दंपती की जिंदगी, गंवा बैठे 59 लाख रुपये","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
    UP: वीडियो कॉल पर भयानक स्कैम...दो दिन में जहन्नुम बन गई डेयरी संचालक दंपती की जिंदगी, गंवा बैठे 59 लाख रुपये
 
            	    अमर उजाला न्यूज नेटवर्क, आगरा             
                              Published by: धीरेन्द्र सिंह       
                        
       Updated Fri, 31 Oct 2025 08:21 AM IST
        
       
            सार 
            
            
        
                                    
                साइबर अपराधियों ने पुलिस और सीबीआई अधिकारी बनकर डेयरी संचालक दंपती को डिजिटल अरेस्ट कर लिया। डर दिखाकर उन लोगों से दो खातों में 59 लाख रुपये की रकम ट्रांसफर करा ली गई। मामले में साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज हुआ है।
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                        सांकेतिक तस्वीर
                                    - फोटो : freepic 
                    
    
        
    
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विस्तार
                                                 
                 साइबर अपराधियों ने पुलिस और सीबीआई अधिकारी बनकर बुजुर्ग दंपती को डिजिटल अरेस्ट कर 59 लाख रुपये की ठगी कर ली। उन पर अवैध धन प्राप्त करने के आरोप लगाए। जांच में सहयोग नहीं करने पर कार्रवाई का भय दिखाते हुए जेल भेजने की धमकी दी। युवक और युवती ने दो दिन तक वीडियो काॅल पर बात करके रकम दो खातों में जमा करा ली। बाद में ठगी का अहसास होने पर पीड़ित ने साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज कराया है। पुलिस जांच में जुटी है।
                                
                
                
                 
                    
                                                                                                        
                                                
                        
                        
 
                        
                                                                                      
                   
    
                                                                        
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                                                
                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
दयाल अपार्टमेंट, एलोरा एन्क्लेव निवासी अशोक कुमार ने बताया कि वह डेयरी चलाते हैं। 13 अक्तूबर को पत्नी माधुरी के मोबाइल पर एक काॅल आई। काॅल करने वाले ने अपना नाम प्रदीप सावंत बताया। कहा कि वह मुंबई के थाना कोलाबा का अधिकारी है। कहा कि आपके नंबर पर 20-20 एफआईआर दर्ज हैं। आपको 7 करोड़ रुपये का अवैध धन प्राप्त हुआ है। उसने धमकाने के बाद फोन काट दिया। बाद में रश्मि शुक्ला नाम लेकर एक युवती ने वीडियो काॅल किया। उसने खुद को सीबीआई की जांच विंग से बताया। कहा कि आपको जितना भी धन मिला है, यह जांच पूरी होने तक आरबीआई में जमा करना होगा। यह बाद में रकम वापस मिल जाएगी।
                                
                
                
                                
                
                                                                
                                                
                                                                                         
             
                                                    
                                 
                                
                               
                                                                
                                
                                
                
                                                                                        
                                                                                    
                        
                                      
  
दयाल अपार्टमेंट, एलोरा एन्क्लेव निवासी अशोक कुमार ने बताया कि वह डेयरी चलाते हैं। 13 अक्तूबर को पत्नी माधुरी के मोबाइल पर एक काॅल आई। काॅल करने वाले ने अपना नाम प्रदीप सावंत बताया। कहा कि वह मुंबई के थाना कोलाबा का अधिकारी है। कहा कि आपके नंबर पर 20-20 एफआईआर दर्ज हैं। आपको 7 करोड़ रुपये का अवैध धन प्राप्त हुआ है। उसने धमकाने के बाद फोन काट दिया। बाद में रश्मि शुक्ला नाम लेकर एक युवती ने वीडियो काॅल किया। उसने खुद को सीबीआई की जांच विंग से बताया। कहा कि आपको जितना भी धन मिला है, यह जांच पूरी होने तक आरबीआई में जमा करना होगा। यह बाद में रकम वापस मिल जाएगी।
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                                                उन्होंने कहा कि आपके खिलाफ केस दर्ज हो गए हैं। जल्द ही जेल भेज दिया जाएगा। जेल जाने से बचना है तो जांच में सहयोग करो। घर से कहीं निकलकर नहीं जाएं। इस जांच के बारे में किसी को भी नहीं बताएं। हम लोग जैसा बता रहे हैं, वैसा करें। पुलिस को बताया तो सीबीआई कार्रवाई करेगी। इससे पति-पत्नी घबरा गए। वह समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर क्या करें। उन्हें बार-बार काॅल करके धमकाया जाने लगा।
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                 
                                                                                                                                                        
 
                                                                                                
                            
                                                                                                                         
                                                डरकर दंपती ने 14 अक्तूबर को 25 लाख रुपये बंधन बैंक के खाते में और 15 अक्तूबर को 34 लाख रुपये बैंक ऑफ बड़ाैदा के खातों में स्थानांतरित कर दिए। इसके बावजूद आरोपी रकम की मांग करते रहे। उनसे कई बार में कुल 59 लाख रुपये जमा करा लिए गए। एडीसीपी सिटी आदित्य सिंह ने बताया कि मामले में जांच की जा रही है। जिन नंबरों से काॅल किया गया और जिन खातों में रकम जमा की गई, उनकी भी जानकारी जुटाई जा रही है।
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                 
                                                                                                                                                        
 
                                                                                                
                            
                                                                                                                         
                                                पुलिस नहीं करती डिजिटल अरेस्ट
                                                                                                                                 
                                                
एडीसीपी आदित्य सिंह ने बताया कि साइबर अपराधी नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठग रहे हैं। डिजिटल अरेस्ट नाम की कोई चीज नहीं होती है। पुलिस कभी किसी को डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है। अगर कोई व्यक्ति वायस काॅल या वीडियो काॅल पर डिजिटल अरेस्ट करने के बारे में बताता है तो समझ जाएं ठगी होने वाली है। इस तरह के काॅल को काट देना चाहिए। अगर कोई धमकाकर लगातार रुपयों की मांग कर रहा है तो पुलिस के पास आएं। थानों में साइबर हेल्प डेस्क पर शिकायत कर सकते हैं। किसी तरह की साइबर धोखाधड़ी होने पर 1930 पर काॅल करके जानकारी दें।
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                 
                                                                                                                                                        
 
                                                                                                
                            एडीसीपी आदित्य सिंह ने बताया कि साइबर अपराधी नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठग रहे हैं। डिजिटल अरेस्ट नाम की कोई चीज नहीं होती है। पुलिस कभी किसी को डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है। अगर कोई व्यक्ति वायस काॅल या वीडियो काॅल पर डिजिटल अरेस्ट करने के बारे में बताता है तो समझ जाएं ठगी होने वाली है। इस तरह के काॅल को काट देना चाहिए। अगर कोई धमकाकर लगातार रुपयों की मांग कर रहा है तो पुलिस के पास आएं। थानों में साइबर हेल्प डेस्क पर शिकायत कर सकते हैं। किसी तरह की साइबर धोखाधड़ी होने पर 1930 पर काॅल करके जानकारी दें।