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UP: बिजलीकर्मियों ने जला दीं आदेश की प्रतियां, चेयरमैन को बर्खास्त करने की मांग; 29 मई से कार्य बहिष्कार एलान
संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा
Published by: अरुन पाराशर
Updated Sun, 25 May 2025 11:21 AM IST
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सार
कर्मचारियों ने 29 मई से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार का एलान किया है। उससे पहले ही पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन आशीष गोयल ने ऐसा आदेश जारी किया कि बिजली कर्मचारियों में आक्रोश फैल गया।

बिजली घर।
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विस्तार
आगरा में बिजली कर्मियों के 29 मई से प्रस्तावित कार्य बहिष्कार से पहले उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन ने कर्मचारियों की सेवा शर्तों में संशोधन का आदेश जारी किया है। बिजली कर्मचारियों ने इसका विरोध किया है। शनिवार को कर्मचारियों ने पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन आशीष गोयल को बर्खास्त करने की मांग की और नारेबाजी करते हुए आदेश की प्रतियां जलाईं।
पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के 42 जिलों में बिजली वितरण निजी हाथों में सौंपने की प्रक्रिया के बीच बिजली कर्मचारियों ने 29 मई से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार का एलान किया है। उससे पहले ही पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन आशीष गोयल ने ऐसा आदेश जारी किया कि बिजली कर्मचारियों में आक्रोश फैल गया। कॉरपोरेशन ने हड़ताल पर जाने वाले कर्मचारियों को बर्खास्त करने का आदेश दिया, जिस पर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने आगरा समेत पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किया और आदेश की प्रतियां जलाईं।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि दक्षिणांचल और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में अशांति का माहौल चेयरमैन आशीष गोयल ने बनाया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश और संविधान के आर्टिकल 311(2) का उल्लंघन कर कर्मचारियों को बर्खास्त करने का आदेश जारी किया है। यह गैरकानूनी और मनमाना है। उन्होंने मुख्यमंत्री से पावर कॉरपोरेशन चेयरमैन को बर्खास्त करने की मांग की।
ट्रांजेक्शन कंसल्टेंट ने दिया झूठा शपथपत्र
संघर्ष समिति उपाध्यक्ष प्रभात सिंह ने आरोप लगाया कि कर्मचारियों के आंदोलन से विद्युत उपभोक्ताओं को कोई दिक्कत नहीं हो रही है, लेकिन पावर कॉरपोरेशन तानाशाहीपूर्ण आदेश जारी कर रहा है। निदेशक वित्त निधि नारंग का कार्यकाल दूसरी बार बढ़ाया गया है। वहीं ट्रांजेक्शन कंसल्टेंट ग्रांट थॉर्टन ने झूठा शपथपत्र दिया है। अमेरिका में उस पर जुर्माना लगाया गया है। ऐसे में नियुक्ति रद्द करने की जगह क्लीनचिट दी जा रही है। संघर्ष समिति ने आरोप लगाया कि पावर कॉरपोरेशन के अधिकारी विद्युत कर्मचारियों को ऑफिस में बुलाकर धमकी दे रहे हैं कि उन पर पुलिस कार्रवाई की जाएगी। ऐसे अधिकारियों को हटाया जाए।

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पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के 42 जिलों में बिजली वितरण निजी हाथों में सौंपने की प्रक्रिया के बीच बिजली कर्मचारियों ने 29 मई से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार का एलान किया है। उससे पहले ही पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन आशीष गोयल ने ऐसा आदेश जारी किया कि बिजली कर्मचारियों में आक्रोश फैल गया। कॉरपोरेशन ने हड़ताल पर जाने वाले कर्मचारियों को बर्खास्त करने का आदेश दिया, जिस पर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने आगरा समेत पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किया और आदेश की प्रतियां जलाईं।
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विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि दक्षिणांचल और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में अशांति का माहौल चेयरमैन आशीष गोयल ने बनाया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश और संविधान के आर्टिकल 311(2) का उल्लंघन कर कर्मचारियों को बर्खास्त करने का आदेश जारी किया है। यह गैरकानूनी और मनमाना है। उन्होंने मुख्यमंत्री से पावर कॉरपोरेशन चेयरमैन को बर्खास्त करने की मांग की।
ट्रांजेक्शन कंसल्टेंट ने दिया झूठा शपथपत्र
संघर्ष समिति उपाध्यक्ष प्रभात सिंह ने आरोप लगाया कि कर्मचारियों के आंदोलन से विद्युत उपभोक्ताओं को कोई दिक्कत नहीं हो रही है, लेकिन पावर कॉरपोरेशन तानाशाहीपूर्ण आदेश जारी कर रहा है। निदेशक वित्त निधि नारंग का कार्यकाल दूसरी बार बढ़ाया गया है। वहीं ट्रांजेक्शन कंसल्टेंट ग्रांट थॉर्टन ने झूठा शपथपत्र दिया है। अमेरिका में उस पर जुर्माना लगाया गया है। ऐसे में नियुक्ति रद्द करने की जगह क्लीनचिट दी जा रही है। संघर्ष समिति ने आरोप लगाया कि पावर कॉरपोरेशन के अधिकारी विद्युत कर्मचारियों को ऑफिस में बुलाकर धमकी दे रहे हैं कि उन पर पुलिस कार्रवाई की जाएगी। ऐसे अधिकारियों को हटाया जाए।