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UP: पाम ऑयल से तैयार किया जा रहा पनीर, डेयरी पर पड़ा छापा; जानें असली 'माल' की पहचान करने के चार तरीके

अमर उजाला न्यूज नेटवर्क, आगरा Published by: धीरेन्द्र सिंह Updated Thu, 13 Nov 2025 09:28 AM IST
सार

खाद्य विभाग की टीम ने ताजगंज स्थित डेयरी पर छापा मारा। यहां से नकली पनीर बरामद किया गया। जांच को लिए दो नमूने भी लिए गए। 

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Fake Paneer Made from Palm Oil Seized in Agra 5 Quintals Destroyed
नकली पनीर - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
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आगरा में खाद्य विभाग की टीम ने मंगलवार देर रात दो डेयरियों पर छापा मारकर 5 क्विंटल नकली पनीर पकड़ा है। इसे पाम ऑयल और केमिकल से बनाया जा रहा था। इसे नष्ट कराते हुए जांच के लिए दो नमूने लिए हैं। वहीं कान्हा डेयरी के लाइसेंस निलंबित करने की संस्तुति की गई है। इससे पहले सोमवार को खेरागढ़ में ही बजरंग चिलर प्लांट से 5300 लीटर नकली दूध पकड़ा गया था।
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सहायक आयुक्त खाद्य एसएसएच आब्दी ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली के खपाने के लिए खेरागढ़ से नकली पनीर लाया जा रहा है। इस पर मंगलवार रात फतेहाबाद रोड पर करीब 2 बजे लोडर आता दिखा। इस पर ड्रमों में पनीर भरा था। मच्छर-मक्खी और कीड़े पड़े हुए थे। प्रारंभिक जांच में नकली प्रतीत हुआ। यह चार क्विंटल था, उसे नष्ट करा दिया गया। चालक से पता चला कि यह खेरागढ़ बिरहरू के नगला धनिया स्थित कान्हा डेयरी से लेकर आया है। संचालक सुनील कुमार ने पूछताछ में बताया कि सपरेटा दूध, पाम ऑयल और केमिकल से नकली पनीर बनाकर डेयरियों पर बेचता है। फतेहाबाद रोड ताजगंज हज्जुपुरा निवासी नरेंद्र राठौर के यहां भी पनीर बेचने की बात बताई।
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इस पर टीम रात में ही उसकी दुकान पर छापा मारा। मौके पर संचालक नरेंद्र राठौर मिला। इसकी दुकान पंजीकृत थी। इसके डीप रेफ्रिजरेटर में 90 किलो पनीर भरा हुआ था। इसे भी नष्ट करा दिया है। कान्हा डेयरी के लाइसेंस को निलंबित करने की संस्तुति कर दी है।
150 रुपये में बनाकर 220 रुपये में करते बिक्री

सहायक आयुक्त ने बताया कि पूछताछ में नकली पनीर बेचकर दोगुना कमाई करते थे। सपरेटा दूध, पाम ऑयल और केमिकल का उपयोग करते थे। पूछताछ में करीब 150 रुपये प्रतिकिलो की लागत बताई। इसे डेयरी पर 220 रुपये किलो के हिसाब से बेचते थे। डेयरी वाले इस पनीर को 320 से 350 रुपये किलो के भाव में बिक्री करते थे।


 

मांग पर 5 घंटे में तैयार होता है पनीर
सहायक आयुक्त ने बताया कि सहालग के चलते दूध, पनीर और खोआ की मांग तीन गुना से अधिक बढ़ गई है। मिलावट माफिया ऑर्डर मिलने पर 5 घंटे में ही नकली पनीर बनाकर आपूर्ति कर देते थे। पूछताछ में संचालक ने बताया कि डेयरियों पर खपाने के अलावा सहालग में ऑन डिमांड भी नकली पनीर बनाता था।


 

असली-नकली पनीर का पता लगाने के चार तरीके:
नंबर 1-  जब आप दुकान से पनीर खरीदें या पनीर घर ला चुके हैं तो आप पनीर को हाथ से मसल सकते हैं। ऐसे में अगर पनीर टूटकर गिर रहा है, तो यानी ये पनीर मिलावट वाला हो सकता है। ऐसे पनीर को न खरीदें, वरना ये आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।

नंबर 2- आप जिस पनीर का सेवन कर रहे हैं वो असली है या फिर नकली है। इसका पता आप उसकी खूशबू से लगा सकते हैं। आपको करना ये है कि पनीर को सूंघना है अगर इसमें से दूध वाली खूशबू आ रही है तो ये पनीर असली होता है। जबकि, नकली पनीर में ऐसी कोई गंध नहीं आती है।

नंबर 3- पनीर को उबालकर भी आप ये जान सकते हैं कि पनीर मिलावट वाला है या असली है। आपको इसके लिए पहले पनीर को उबाल लेना है और फिर इसे निकालकर रख देना है ताकि ये ठंडा हो जाए। इसके बाद इस ठंडे पनीर के ऊपर अरहर या सोयाबीन का पाउडर डाल दें और 10 मिनट छोड़ दें। इसके बाद अगर पनीर हल्के लाल रंग का हो जाता है तो ये पनीर डिटर्जेंट से तैयार किया हुआ हो सकता है। ऐसे पनीर का सेवन बिलकुल न करें।

नंबर 4- मिलावट करने वाले लोग पनीर में स्टार्च मिला देते हैं। आप इसका पता लगाने के लिए पनीर के कुछ टुकड़े ले लें और फिर इन पर आयोडीन सॉल्यूशन की कुछ बूंदें डाल दें। इसके बाद अगर पनीर नीला या फिर काले रंग का हो जाता है तो ये पनीर मिलावट वाला हो सकता है। वहीं, असली पनीर का रंग नहीं बदलता है।

 

लिवर-किडनी रोग का खतरा
नकली और मिलावटी खाद्य सामग्री खाने-पीने से फूड पॉयजनिंग, पेट में अल्सर और किडनी-लिवर के खराब होने का खतरा सबसे ज्यादा है। मधुमेह, कोलेस्ट्रॉल और कैंसर का भी खतरा रहता है। बच्चों की शारीरिक विकास भी प्रभावित हो सकता है। - डॉ. अरुण श्रीवास्तव, सीएमओ

 

खाद्य पदार्थ में मिलावट पर सजा का प्रावधान
अधिवक्ता हेमंत चाहर ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता, 2023 बीएनएसएस की धारा 274 के अंतर्गत खाद्य पदार्थ में हानिकारक पदार्थ की मिलावट करने पर 6 साल तक कारावास के साथ 1 लाख जुर्माने की सजा प्रावधान है। यदि इससे किसी की व्यक्ति की सेहत को नुकसान पहुंचे तो धारा 275 के तहत 10 साल कारावास, मौत होने पर धारा 276 के तहत आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 की धारा 59 में भी नकली या असुरक्षित भोजन बनाने या बेचने पर 3 महीने से आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है।
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