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UP: पंख बनी छात्रवृत्ति...दिव्यांग मेधावियों ने हौसलों से भरी सफलता की उड़ान
अमर उजाला न्यूज नेटवर्क, आगरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Mon, 15 Dec 2025 11:42 AM IST
सार
मन के हारे हार है, मन के जीते जीत... इसी मंत्र से दिव्यांगों ने भी सफलता का आसमान छूने का सपना संजोया। आर्थिक तंगी बाधा बनी तो स्व. श्री डोरीलाल अग्रवाल राष्ट्रीय मेधावी दिव्यांग छात्रवृत्ति उनके लिए पंख बन गई। फिर ऐसी उड़ान भरी कि डॉक्टर, इंजीनियर, मैनेजमेंट तो किसी ने कानून की पढ़ाई कर भविष्य संवारा।
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स्व. श्री डोरीलाल अग्रवाल राष्ट्रीय मेधावी दिव्यांग छात्रवृत्ति
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
दिव्यांग सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट, अमर उजाला फाउंडेशन और विकलांग सहायता संस्था आगरा शाखा की ओर से डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के स्वामी विवेकानंद परिसर स्थित जेपी सभागार में आयोजित समारोह में रविवार को ऐसे ही 187 दिव्यांग मेधावियों को करीब 45 लाख रुपये की धनराशि वितरित की गई। मुख्य अतिथि गुजरात की अंतरराष्ट्रीय पैरा एथलीट कुमारी सोनल वसोया ने दिव्यांगों के जीवन संवारने के अनूठे प्रकल्प की सराहना की। उन्होंने भविष्य में जीतने वाले मेडल को संस्था के नाम करने की भी बात कही।
राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 60 से अधिक स्वर्ण पदक जीतने वाली सोनल ने दिव्यांगों से कहा कि ये नहीं हो पाएगा...को कभी अपने मन में न लाएं। प्रकल्प संयोजक सुनील विकल ने बताया कि उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, ओडिसा, गुजरात समेत 13 राज्यों के 126 जिलों के दिव्यांग मेधावी छात्रवृत्ति से लाभान्वित हुए हैं।
अध्यक्ष डॉ. ज्ञानप्रकाश ने बताया कि 187 में से 50 मेधावियों को बीते साल भी छात्रवृत्ति मिली थी। समन्वयक डॉ. मुनीश्वर गुप्ता ने बताया कि लाभार्थियों के आने-जाने और ठहरने का पूरा खर्च संस्थाओं की ओर से वहन किया गया। संरक्षक डॉ. एमसी गुप्ता ने दिव्यांगों को प्रेरित किया। आनंद राय ने संस्था के सेवा प्रकल्पों का ब्योरा दिया। रीनेश मित्तल ने संचालन किया। कार्यक्रम में संरक्षक संरक्षक रामशरण मित्तल, मुरारीलाल गोयल, डॉ. सपना गोयल, नितिन जौहरी, डॉ. श्रीकांत कुलश्रेष्ठ, डॉ. अशोक अग्रवाल, रामनरेश अग्रवाल, शैलेंद्र नरवार, आरपी सक्सेना, सुनील अग्रवाल, राजीव कुमार गुप्ता, सुनील अग्रवाल, हरीश चावला, आनंद खंडेलवाल, मुनेंद्र जादौन, डॉ. सीके गुप्ता, प्रियांशु अग्रवाल, विदित अग्रवाल का योगदान रहा।
कार्यक्रम में ये रहे मौजूद: राजकुमार जैन, राजीव अग्रवाल, डॉ. अरुण चतुर्वेदी, संतोष शर्मा, डॉ. अंकुर बंसल, राजेश खुराना, गौतम सेठ, वत्सला प्रभाकर, शीला बहल, शिशिर भगत, रोहित बुंदेला, अनिल जैन, उमाशंकर मिश्र, दिनेश भरत, कुमकुम उपाध्याय, पूजा जैन, अविनाश राणा, अवधेश उपाध्याय, संगीता राठौर, यतेंद्र सिसोदिया, बृजेश प्रजापति, पूजा भौमिक, अमिताभ गुप्ता, अमित कोहली, मुकेश शर्मा, भरत शर्मा, वीरेंद्र सिंह, मनीष राय, मनोज अग्रवाल, वंदना सिंह, राहुल चतुर्वेदी, नीरज अग्रवाल, सुशील जैन, शिवराम सिंघल, प्रमेंद्र जैन, लक्ष्मी नारायण अग्रवाल आदि मौजूद रहे।
अनाथ और दिव्यांगों का जीवन संवारने के लिए लें गोद
विशिष्ट अतिथि उद्यमी डॉ. रंजना बंसल ने दिव्यांग मेधावियों को छात्रवृत्ति देने के साथ ही संस्था के बेसहारों का सहारा प्रकल्प के बारे में भी बताया। कहा कि कक्षा 6 से 12 तक अनाथ निर्धन छात्र-छात्राओं की आगे की पूरी पढ़ाई का खर्च संस्था वहन करती है। उन्होंने लोगों से दिव्यांगों और अनाथों का भविष्य संवारने के लिए गोद लेने की अपील की।
चार हजार दिव्यांगों को दे चुके हैं दो करोड़ रुपये छात्रवृत्ति
ट्रस्ट के संस्थापक डॉ. वीरेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि 1985 में ये प्रकल्प शुरू हुआ था। अभी तक चार हजार दिव्यांग मेधावियों को करीब दो करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति दी जा चुकी है। इसमें अमर उजाला फाउंडेशन का योगदान 1.24 करोड़ रुपये का है। आगे भी ऐसे ही दिव्यांगों के जीवन को संवारने का कार्य चलता रहेगा।
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राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 60 से अधिक स्वर्ण पदक जीतने वाली सोनल ने दिव्यांगों से कहा कि ये नहीं हो पाएगा...को कभी अपने मन में न लाएं। प्रकल्प संयोजक सुनील विकल ने बताया कि उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, ओडिसा, गुजरात समेत 13 राज्यों के 126 जिलों के दिव्यांग मेधावी छात्रवृत्ति से लाभान्वित हुए हैं।
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अध्यक्ष डॉ. ज्ञानप्रकाश ने बताया कि 187 में से 50 मेधावियों को बीते साल भी छात्रवृत्ति मिली थी। समन्वयक डॉ. मुनीश्वर गुप्ता ने बताया कि लाभार्थियों के आने-जाने और ठहरने का पूरा खर्च संस्थाओं की ओर से वहन किया गया। संरक्षक डॉ. एमसी गुप्ता ने दिव्यांगों को प्रेरित किया। आनंद राय ने संस्था के सेवा प्रकल्पों का ब्योरा दिया। रीनेश मित्तल ने संचालन किया। कार्यक्रम में संरक्षक संरक्षक रामशरण मित्तल, मुरारीलाल गोयल, डॉ. सपना गोयल, नितिन जौहरी, डॉ. श्रीकांत कुलश्रेष्ठ, डॉ. अशोक अग्रवाल, रामनरेश अग्रवाल, शैलेंद्र नरवार, आरपी सक्सेना, सुनील अग्रवाल, राजीव कुमार गुप्ता, सुनील अग्रवाल, हरीश चावला, आनंद खंडेलवाल, मुनेंद्र जादौन, डॉ. सीके गुप्ता, प्रियांशु अग्रवाल, विदित अग्रवाल का योगदान रहा।
कार्यक्रम में ये रहे मौजूद: राजकुमार जैन, राजीव अग्रवाल, डॉ. अरुण चतुर्वेदी, संतोष शर्मा, डॉ. अंकुर बंसल, राजेश खुराना, गौतम सेठ, वत्सला प्रभाकर, शीला बहल, शिशिर भगत, रोहित बुंदेला, अनिल जैन, उमाशंकर मिश्र, दिनेश भरत, कुमकुम उपाध्याय, पूजा जैन, अविनाश राणा, अवधेश उपाध्याय, संगीता राठौर, यतेंद्र सिसोदिया, बृजेश प्रजापति, पूजा भौमिक, अमिताभ गुप्ता, अमित कोहली, मुकेश शर्मा, भरत शर्मा, वीरेंद्र सिंह, मनीष राय, मनोज अग्रवाल, वंदना सिंह, राहुल चतुर्वेदी, नीरज अग्रवाल, सुशील जैन, शिवराम सिंघल, प्रमेंद्र जैन, लक्ष्मी नारायण अग्रवाल आदि मौजूद रहे।
अनाथ और दिव्यांगों का जीवन संवारने के लिए लें गोद
विशिष्ट अतिथि उद्यमी डॉ. रंजना बंसल ने दिव्यांग मेधावियों को छात्रवृत्ति देने के साथ ही संस्था के बेसहारों का सहारा प्रकल्प के बारे में भी बताया। कहा कि कक्षा 6 से 12 तक अनाथ निर्धन छात्र-छात्राओं की आगे की पूरी पढ़ाई का खर्च संस्था वहन करती है। उन्होंने लोगों से दिव्यांगों और अनाथों का भविष्य संवारने के लिए गोद लेने की अपील की।
चार हजार दिव्यांगों को दे चुके हैं दो करोड़ रुपये छात्रवृत्ति
ट्रस्ट के संस्थापक डॉ. वीरेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि 1985 में ये प्रकल्प शुरू हुआ था। अभी तक चार हजार दिव्यांग मेधावियों को करीब दो करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति दी जा चुकी है। इसमें अमर उजाला फाउंडेशन का योगदान 1.24 करोड़ रुपये का है। आगे भी ऐसे ही दिव्यांगों के जीवन को संवारने का कार्य चलता रहेगा।