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श्री पारस अस्पताल मॉकड्रिल प्ररकण: 32 दिन बाद भी पुलिस खाली हाथ, वीडियो जांच अधूरी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, आगरा Published by: Abhishek Saxena Updated Thu, 22 Jul 2021 12:04 PM IST
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सार

संचालक के विरुद्ध दर्ज मुकदमे में आईपीसी की धाराएं जुड़ने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। ऐसे में एक तरफ प्रशासन की जांच रिपोर्ट सवालों के कठघरे में खड़ी है, दूसरी तरफ अब पुलिस की मंशा पर भी प्रश्नचिह्न लग गया है।

Shri Paras Hospital Oxyegn Mockdrill Case Video Investigation Still Awaiting
श्री पारस अस्पताल आगरा - फोटो : अमर उजाला

विस्तार
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श्री पारस अस्पताल में हुए मॉकड्रिल कांड में 44 दिन बाद भी जांच बेनतीजा है। 19 जून को एडीएम सिटी ने थाना न्यू आगरा पुलिस को वीडियो की जांच कर कार्रवाई के लिए पत्र भेजा था। लेकिन 32 दिन बाद भी पुलिस खाली हाथ है। वीडियो की जांच पूरी नहीं हो सकी। संचालक के विरुद्ध दर्ज मुकदमे में आईपीसी की धाराएं जुड़ने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। ऐसे में एक तरफ प्रशासन की जांच रिपोर्ट सवालों के कठघरे में खड़ी है, दूसरी तरफ अब पुलिस की मंशा पर भी प्रश्नचिह्न लग गया है।

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जब शहर में सांसों का संकट था तब श्री पारस अस्पताल में भर्ती मरीजों के ऑक्सीजन लेवल से मॉकड्रिल के नाम पर छेड़छाड़ की गई। कथित 22 मरीजों के दम घुटने के आरोप लगे। उस दिन 96 मरीज भर्ती थे। सात जून को श्री पारस अस्पताल संचालक डॉ. अरिन्जय जैन के वीडियो वायरल होने के बाद मॉकड्रिल कांड का खुलासा हुआ। दस दिन में प्रशासन ने जांच रिपोर्ट जारी की, जिसे उपमुख्यमंत्री ने सतही बताते हुए खारिज कर दिया। गहराई से जांच की बात कही, परंतु प्रशासन ने आगे जांच से इनकार करते हुए कार्रवाई की गेंद पुलिस के पाले में डाल दी है। 19 जून को एडीएम सिटी डॉ. प्रभाकांत अवस्थी ने जांच रिपोर्ट के बिंदुओं पर अग्रिम कार्रवाई व विवेचना के लिए थाना न्यू आगरा प्रभारी को आदेश दिए, परंतु एडीएम सिटी के आदेश बेअसर साबित हुए। 32 दिन बाद भी पुलिस ने वीडियो में बोलने वाले डॉ. अरिन्जय के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की। वीडियो बनाने वाले को पुलिस नहीं पकड़ सकी। ऐसे में अब पुलिस की मंशा को लेकर पीड़ित गंभीर आरोप लगा रहे हैं। 
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‘दस शिकायतों पर क्या जांच की गई’
जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह का कहना है कि पुलिस को आगे की कार्रवाई करनी है। थाना अध्यक्ष के अलावा एसएसपी को भी पत्र भेजा है। इधर, 26 अप्रैल को अपनी पत्नी को श्री पारस अस्पताल में खोने वाले नत्थीलाल त्यागी का कहना है कि प्रशासन ने जिन 10 पीड़ितों के प्रार्थनापत्र पुलिस को कार्रवाई के लिए भेजे। उनमें क्या हुआ। उन्होंने प्रशासन और पुलिस की मिलीभगत बताते हुए जांच को दबाने के आरोप लगाए हैं।

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