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UP: एडवांस की रकम न लौटाने पर गाजियाबाद के युवक को बनाया बंदी, पुलिस ने दर्ज किया केस; जानें पूरा मामला
अमर उजाला नेटवर्क, आगरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Wed, 19 Nov 2025 09:43 AM IST
सार
नोएडा में फ्लैट बुक करने के लिए गाजियाबाद कंस्ट्रक्शन कंपनी के कर्मचारी को 11 लाख रुपये दिए। ट्रांसपोर्टर को शक तब हुआ, जब उसे रसीद नहीं मिली।
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FIR Demo
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
ट्रांसपोर्टर ने नोएडा में फ्लैट बुक करने के लिए गाजियाबाद कंस्ट्रक्शन कंपनी के कर्मचारी को 11 लाख रुपये का एडवांस दिया। ट्रांसपोर्टर को युवक के रसीद न देने पर शक हुआ। उसने कंस्ट्रक्शन कंपनी के कर्मचारी से रुपये वापस मांगे। उसके न देने पर ट्रांसपोर्टर उसे थाने ले गया। दूसरे दिन रकम वापस करने पर समझौता हो गया। इसके बाद गाजियाबाद के युवक की तहरीर पर पुलिस ने ट्रांसपोर्टर पर बंधक बनाकर मारपीट के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कर ली।
बल्केश्वर निवासी गौरव गुप्ता ने 16 अक्टूबर को पुलिस से शिकायत कि गाजियाबाद के इंदिरापुरम निवासी तरुण सोढ़ानी ने नोएडा की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी का कर्मचारी बनकर फ्लैट बिक्री के लिए फोन किया था। उन्हें प्लैट की लाेकेशन पसंद आई। उन्होंने सवा करोड में फ्लैट तय कर लिया। तरुण ने तीन लाख आनलाइन और आठ लाख उनके ट्रांसपोर्ट नगर कार्यालय में आकर लिए। इसके बाद जब वह और रुपये मांगने आया तो उन्होंने पहले दी गई रकम की रसीद मांगी। तरुण ने रसीद देने से मना किया तो उन्होंने रकम वापस मांगी।
तरुण ने रुपये खर्च कर देने की बात कही और परिवार वालों से मंगाकर रुपये देने को कहा। उसके परिवार वाले रुपये लेकर आने की बोले पर आए नहीं। इस बात पर उन्होंने पुलिस से शिकायत की और तरुण को उनके हवाले किया। अगले दिन उसके परिवार वाले आए और छह लाख रुपये खातों में और पांच लाख रुपये के आगे की तिथि के चेक देकर समझौता कर लिया। ठगी की आधी रकम और शेष के चेक मिलने पर उन्होंने समझौता कर लिया। पुलिस ने तरुण को छोड़ दिया। उसके परिवार वालों से बातचीत की रिकार्डिंग भी है। वह अपने फोन से परिवार से लगातार बात करता रहा। पुलिस ने उनके ऊपर गलत मुकदमा लिखा है। थाना प्रभारी हरीपर्वत का कहना कि पीड़ित ने समझौता के बाद ट्रांसपोर्टर पर दो दिन तक बंधक बनाकर मारपीट के आरोप लगाए है। जांच की जा रही है।
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बल्केश्वर निवासी गौरव गुप्ता ने 16 अक्टूबर को पुलिस से शिकायत कि गाजियाबाद के इंदिरापुरम निवासी तरुण सोढ़ानी ने नोएडा की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी का कर्मचारी बनकर फ्लैट बिक्री के लिए फोन किया था। उन्हें प्लैट की लाेकेशन पसंद आई। उन्होंने सवा करोड में फ्लैट तय कर लिया। तरुण ने तीन लाख आनलाइन और आठ लाख उनके ट्रांसपोर्ट नगर कार्यालय में आकर लिए। इसके बाद जब वह और रुपये मांगने आया तो उन्होंने पहले दी गई रकम की रसीद मांगी। तरुण ने रसीद देने से मना किया तो उन्होंने रकम वापस मांगी।
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तरुण ने रुपये खर्च कर देने की बात कही और परिवार वालों से मंगाकर रुपये देने को कहा। उसके परिवार वाले रुपये लेकर आने की बोले पर आए नहीं। इस बात पर उन्होंने पुलिस से शिकायत की और तरुण को उनके हवाले किया। अगले दिन उसके परिवार वाले आए और छह लाख रुपये खातों में और पांच लाख रुपये के आगे की तिथि के चेक देकर समझौता कर लिया। ठगी की आधी रकम और शेष के चेक मिलने पर उन्होंने समझौता कर लिया। पुलिस ने तरुण को छोड़ दिया। उसके परिवार वालों से बातचीत की रिकार्डिंग भी है। वह अपने फोन से परिवार से लगातार बात करता रहा। पुलिस ने उनके ऊपर गलत मुकदमा लिखा है। थाना प्रभारी हरीपर्वत का कहना कि पीड़ित ने समझौता के बाद ट्रांसपोर्टर पर दो दिन तक बंधक बनाकर मारपीट के आरोप लगाए है। जांच की जा रही है।