{"_id":"5cd107f7bdec2207786b89cd","slug":"world-asthma-day-perfume-agarbatti-dangerous-for-health","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"विश्व अस्थमा दिवस: इत्र-परफ्यूम की खुशबू भी सेहत के लिए खतरनाक, बरतें ये सावधानियां","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
विश्व अस्थमा दिवस: इत्र-परफ्यूम की खुशबू भी सेहत के लिए खतरनाक, बरतें ये सावधानियां
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, आगरा
Published by: मुकेश कुमार
Updated Tue, 07 May 2019 09:57 AM IST
विज्ञापन

प्रतीकात्मक तस्वीर
विज्ञापन
बढ़ता वायु प्रदूषण ही अस्थमा की वजह नहीं, घरों में भी ऐसे कारक छिपे हैं जिससे अस्थमा की बीमारी फैल रही है। आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज की स्टडी के अनुसार 74 फीसदी मरीजों में इनडोर पॉल्यूशन के चलते मर्ज और बढ़ गया।
मेडिकल कॉलेज के वक्ष एवं क्षय रोग विभाग ने अस्थमा के 303 मरीजों की स्टडी की। इनमें 84 प्रतिशत में जेनेटिक परेशानी थी। इनके रक्त संबंधी परिजनों में अस्थमा पाया गया। लेकिन वायु प्रदूषण में 74.5 प्रतिशत में इन्डोर पॉल्यूशन की वजह से अस्थमा की परेशानी हुई।
इसमें धूपबत्ती-अगरबत्ती, चूल्हे पर रोटी बनाने, डस्ट माइट, इत्र-परफ्यूम, मच्छररोधी कॉइल और लिक्विड, पालतू जानवरों के अतिसूक्ष्म बाल कारक रहे। स्टडी करने वाले डॉ. जीवी सिंह ने बताया कि इनडोर पॉन्यूशन बड़ा खतरा है, इसके चलते लगातार मरीज बढ़ रहे हैं।

मेडिकल कॉलेज के वक्ष एवं क्षय रोग विभाग ने अस्थमा के 303 मरीजों की स्टडी की। इनमें 84 प्रतिशत में जेनेटिक परेशानी थी। इनके रक्त संबंधी परिजनों में अस्थमा पाया गया। लेकिन वायु प्रदूषण में 74.5 प्रतिशत में इन्डोर पॉल्यूशन की वजह से अस्थमा की परेशानी हुई।
विज्ञापन
विज्ञापन
इसमें धूपबत्ती-अगरबत्ती, चूल्हे पर रोटी बनाने, डस्ट माइट, इत्र-परफ्यूम, मच्छररोधी कॉइल और लिक्विड, पालतू जानवरों के अतिसूक्ष्म बाल कारक रहे। स्टडी करने वाले डॉ. जीवी सिंह ने बताया कि इनडोर पॉन्यूशन बड़ा खतरा है, इसके चलते लगातार मरीज बढ़ रहे हैं।
क्षय एवं वक्ष रोग विशेषज्ञ डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि सांस नलिकाएं संक्रमित होने पर सिकुड़ जाती हैं। इससे सांस लेने में तकलीफ रहती है, यह अस्थायी रहती है।
ये बरतें सावधानी:
- पर्दे, सोफा, चादर साफ करते वक्त मुंह पर कपड़ा लगाएं।
- धूम्रपान न करें, इत्र, परफ्यूम का उपयोग कम करें।
- पालतू जानवरों को बेडरूम, लिविंग रूम में नहीं आने दें।
- मच्छररोधी कॉइल, लिक्विड का उपयोग से बचें।
इन खबरों के बारे में आपकी क्या राय है। कृपया अपनी कीमती राय कमेंट बॉक्स में जरूर दें।
शहर से लेकर देश तक की ताजा खबरें व वीडियो देखने लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें।
ये बरतें सावधानी:
- पर्दे, सोफा, चादर साफ करते वक्त मुंह पर कपड़ा लगाएं।
- धूम्रपान न करें, इत्र, परफ्यूम का उपयोग कम करें।
- पालतू जानवरों को बेडरूम, लिविंग रूम में नहीं आने दें।
- मच्छररोधी कॉइल, लिक्विड का उपयोग से बचें।
इन खबरों के बारे में आपकी क्या राय है। कृपया अपनी कीमती राय कमेंट बॉक्स में जरूर दें।
शहर से लेकर देश तक की ताजा खबरें व वीडियो देखने लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें।