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अलीगढ़ः कैंसर पीड़िता पत्नी को लेकर धरने पर बैठा लिपिक, बोला यहीं मर जाए तो अच्छा है
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परिवहन निगम के सारसौल स्थित क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय पर बुधवार शाम को लिपिक गोपी सिंह अपनी गंभीर कैंसर पीड़िता पत्नी को लेकर ठंड में धरने पर बैठ गया है। यहां परिवहन निगम मुख्यालय लखनऊ द्वारा किए गए ट्रांसफर का विरोध कर ट्रांसफर रद्द करने की मांग रखी है। देर रात तक परिवहन निगम के अधिकारी के साथ बन्नादेवी इंस्पेक्टर मुनेश कठेरिया ने काफी समझाने का प्रयास किया। इस पर गोपी सिंह ने कहा कि मेरी पत्नी एक-दो दिन में मरने वाली है। इससे बढ़िया तो वह यहां मर जाए। इससे सहानुभूति तो मिलेगी। देर रात तक उसे समझाया जाता रहा, लेकिन कोई बात नहीं बनी।
प्रकरण के अनुसार बुधवार शाम चार बजे के लगभग क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय पर परिवहन निगम का एक लिपिक गोपी सिंह एंबुलेंस लेकर पहुंचा। यहां गोपी ने अधिकारियों से विगत दिनों हरदोई के लिए हुए ट्रांसफर को रुकवाने का अनुरोध किया। अधिकारियों ने समझाया कि ट्रांसफर लखनऊ मुख्यालय से हुआ है। हम कुछ नहीं कर सकते। हां, सहानुभूति के लिए हम यहां से पत्र लिखकर आपकी स्थिति का परिचय कराते हुए ट्रांसफर रद्द करने की मांग कर सकते हैं, लेकिन उससे पहले अपनी पत्नी को इलाज के लिए अस्पताल ले जाओ। इस पर गोपी ने कहा कि अगर ट्रांसफर नहीं रुकवा सकते हो तो मैं यहीं पर धरना दूंगा। पत्नी भी साथ रहेगी। एक-दो दिन में उसे मरना है। इससे पहले तो वह यहीं मर जाए। मामला बिगड़ा तो सूचना बन्नादेवी थाने को दी गई। इंस्पेक्टर मुनेश कठेरिया आए तो पत्नी की हालत देखकर वह भी समझाने लगे। उन्होंने कहा कि अगर कुछ गलत हुआ है तो तुम यहां धरना दो। कम से कम अपनी पत्नी का तो ख्याल करो। इन्हें लेकर अस्पताल जाओ। इस पर भी गोपी नहीं माना। देर रात अधिकारी व पुलिस समझाने में लगी रही, लेकिन कोई बात नहीं बनी। गोपी अपनी कैंसर पीड़िता पत्नी को लेकर कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गया है। पत्नी को एक बिस्तर पर लेटा दिया है। इस चक्कर में देर रात तक क्षेत्रीय प्रबंधक मो. परवेज खान, बुद्धविहार एआरएम योगेंद्रपाल सिंह, अलीगढ़ डिपो के एआरएम वीके शुक्ला, सेवा प्रबंधक विनोद कुमार मौके पर ही मौजूद रहे।
भ्रष्टाचार का लग चुका है आरोप, चल रही है जांच
-गोपी सिंह पर परिवहन निगम में भ्रष्टाचार, महिलाओं से अभद्रता और परेशान करने जैसे गंभीर आरोप लग चुके हैं। बताया गया कि 35 लोगों ने लिखित में गोपी सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार की लिखित शिकायत की थी। जिसमें चालकों से अनुबंध पत्र भरवाने के नाम पर वसूली का आरोप लगा था। इस आरोप पर कोई कार्रवाई तो नहीं हुई, लेकिन पटल छीन लिया गया था। इसके बाद डब्ल्यूटी का बेबिल का बंच इनके दराज में मिला था। जिसे गोपी ने छिपा लिया था। इस मामले में रिपोर्ट की घई। जांच चल रही है। जबकि दो महिलाओं ने शिकायत करते हुए आरोप लगाया कि यह काफी परेशान करते हैं। अभद्रता करते हैं। इतना ही नहीं एक बार तो इनका एक ही वर्कशॉप में अलीगढ़ डिपो से बुद्धविहार डिपो में ट्रांसफर किया गया, लेकिन आंदोलन कर ट्रांसफर रुकवा लिया था।
गोपी सिंह पर लगे आरोपों के निर्णय के बारे में कुछ नहीं कह सकते हैं। क्योंकि अभी इन प्रकरणों में जांच चल रही है। गोपी सिंह की पत्नी की हालत पर हमारी पूरी सहानुभूति है, लेकिन इनका ट्रांसफर हमने नहीं किया है। यह मुख्यालय से हुआ है। सहानुभूति के आधार पर हम इनके ट्रांसफर को रद्द करने का अनुरोध कर सकते हैं। इसके बावजूद कैंसर पीड़िता पत्नी को वह यहां परेशान कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि पत्नी का इलाज सुचारू हो जाए। इन्हें लड़ाई लड़नी है तो खुद लड़ें। किसी और की जान को खतरे में न डालें।
- मो. परवेज खान, क्षेत्रीय प्रबंधक
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प्रकरण के अनुसार बुधवार शाम चार बजे के लगभग क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय पर परिवहन निगम का एक लिपिक गोपी सिंह एंबुलेंस लेकर पहुंचा। यहां गोपी ने अधिकारियों से विगत दिनों हरदोई के लिए हुए ट्रांसफर को रुकवाने का अनुरोध किया। अधिकारियों ने समझाया कि ट्रांसफर लखनऊ मुख्यालय से हुआ है। हम कुछ नहीं कर सकते। हां, सहानुभूति के लिए हम यहां से पत्र लिखकर आपकी स्थिति का परिचय कराते हुए ट्रांसफर रद्द करने की मांग कर सकते हैं, लेकिन उससे पहले अपनी पत्नी को इलाज के लिए अस्पताल ले जाओ। इस पर गोपी ने कहा कि अगर ट्रांसफर नहीं रुकवा सकते हो तो मैं यहीं पर धरना दूंगा। पत्नी भी साथ रहेगी। एक-दो दिन में उसे मरना है। इससे पहले तो वह यहीं मर जाए। मामला बिगड़ा तो सूचना बन्नादेवी थाने को दी गई। इंस्पेक्टर मुनेश कठेरिया आए तो पत्नी की हालत देखकर वह भी समझाने लगे। उन्होंने कहा कि अगर कुछ गलत हुआ है तो तुम यहां धरना दो। कम से कम अपनी पत्नी का तो ख्याल करो। इन्हें लेकर अस्पताल जाओ। इस पर भी गोपी नहीं माना। देर रात अधिकारी व पुलिस समझाने में लगी रही, लेकिन कोई बात नहीं बनी। गोपी अपनी कैंसर पीड़िता पत्नी को लेकर कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गया है। पत्नी को एक बिस्तर पर लेटा दिया है। इस चक्कर में देर रात तक क्षेत्रीय प्रबंधक मो. परवेज खान, बुद्धविहार एआरएम योगेंद्रपाल सिंह, अलीगढ़ डिपो के एआरएम वीके शुक्ला, सेवा प्रबंधक विनोद कुमार मौके पर ही मौजूद रहे।
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भ्रष्टाचार का लग चुका है आरोप, चल रही है जांच
-गोपी सिंह पर परिवहन निगम में भ्रष्टाचार, महिलाओं से अभद्रता और परेशान करने जैसे गंभीर आरोप लग चुके हैं। बताया गया कि 35 लोगों ने लिखित में गोपी सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार की लिखित शिकायत की थी। जिसमें चालकों से अनुबंध पत्र भरवाने के नाम पर वसूली का आरोप लगा था। इस आरोप पर कोई कार्रवाई तो नहीं हुई, लेकिन पटल छीन लिया गया था। इसके बाद डब्ल्यूटी का बेबिल का बंच इनके दराज में मिला था। जिसे गोपी ने छिपा लिया था। इस मामले में रिपोर्ट की घई। जांच चल रही है। जबकि दो महिलाओं ने शिकायत करते हुए आरोप लगाया कि यह काफी परेशान करते हैं। अभद्रता करते हैं। इतना ही नहीं एक बार तो इनका एक ही वर्कशॉप में अलीगढ़ डिपो से बुद्धविहार डिपो में ट्रांसफर किया गया, लेकिन आंदोलन कर ट्रांसफर रुकवा लिया था।
गोपी सिंह पर लगे आरोपों के निर्णय के बारे में कुछ नहीं कह सकते हैं। क्योंकि अभी इन प्रकरणों में जांच चल रही है। गोपी सिंह की पत्नी की हालत पर हमारी पूरी सहानुभूति है, लेकिन इनका ट्रांसफर हमने नहीं किया है। यह मुख्यालय से हुआ है। सहानुभूति के आधार पर हम इनके ट्रांसफर को रद्द करने का अनुरोध कर सकते हैं। इसके बावजूद कैंसर पीड़िता पत्नी को वह यहां परेशान कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि पत्नी का इलाज सुचारू हो जाए। इन्हें लड़ाई लड़नी है तो खुद लड़ें। किसी और की जान को खतरे में न डालें।
- मो. परवेज खान, क्षेत्रीय प्रबंधक