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चार पुलिस कर्मियों की मौत: परिवार-रिश्तेदारों का करुण क्रंदन, हर आंख हुई नम, नहीं रूक रहे थे आंसू
अमर उजाला नेटवर्क, अलीगढ़
Published by: चमन शर्मा
Updated Fri, 09 May 2025 12:54 PM IST
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सार
पोस्टमार्टम हाउस पर अपने परिजनों, तमाम रिश्तेदारों, बेटे आदि के साथ पहुंची चंद्रपाल की पत्नी शकुंतला का हाल बेहाल था। वह बार बार बिलखते हुए एक ही बात कह रहीं थीं कि तीन दिन पहले ही तीन दिन की छुट्टी बिताकर गए थे। ऐसा न पता था कि अब कभी नहीं आएंगे।

डीआईजी से परिजन कहते हुए...सर प्लीज पापा को वापस ला दो
- फोटो : संवाद

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विस्तार
वर्दी वालों का दिल भी कांप उठा। सुबह-सुबह खबर मिली कि फिरोजाबाद पुलिस टीम का वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। हालांकि शुरुआत में चार मौत की खबर आई। मगर अधिकारियों के मौके पर पहुंचने व घायलों को अस्पताल लाते-लाते मृतक आंकड़ा पांच पहुंच गया। इस खबर पर अलीगढ़ से लेकर फिरोजाबाद व लखनऊ प्रदेश मुख्यालय तक महकमा गमगीन हो गया। बात यहीं नहीं थमी। जब खबर परिवारों तक पहुंची और मोर्चरी पर परिजनों के पहुंचने पर जो करुण क्रंदन मचा। उसने सभी को हिलाकर रख दिया।
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दुर्घटना की खबर पर सबसे पहले खेरेश्वर चौकी का स्टाफ पहुंचा। फिर लोधा, बन्नादेवी थाना पुलिस, सीओ द्वितीय व सीओ गभाना के साथ-साथ एसएसपी, एसपी सिटी आदि अधिकारी पहुंच गए। तत्काल गाड़ी से शवों व घायलों को निकाला गया तो उनकी ड्यूटी पर्ची गाड़ी के चालक केबिन में मिल गई। जिससे साफ हो गया कि स्टाफ फिरोजाबाद का है। उनके नाम पते भी मिल गए। फिर वहीं से सूचना देने का क्रम शुरू किया। अधिकतर के परिजनों से 9 बजे तक संपर्क हो गया। जिनमें जालौन के दरोगा व मुजफ्फरनगर के परिजनों के यहां पहुंचने का रास्ता जरूर दूर था। बाकी सभी के परिजन यहां 11 बजे के बाद से ही पहुंचना शुरू हो गए।
हर किसी को संभालना हो रहा था मुश्किल
अलीगढ़ व फिरोजाबाद के तमाम पुलिसकर्मी यहां पहुंच गए थे। मगर उनके परिजनों को संभाल पाना मुश्किल हो रहा था। कई के स्थानीय रिश्तेदार व कुछ के परिचित पुलिसकर्मी भी आ गए थे। पत्नी, बहन, बेटियों का सबसे बुरा हाल था। रघुवीर के बेटे ने तो गुस्से में पानी की बोतल उठाकर फेंक दी, जबकि चंद्रपाल की पत्नी बार-बार एक ही रट लगा रही थी कि एक बार दिखा दो। किसी तरह आए रिश्तेदार उन्हें संभाले हुए थे।
तीन दिन छुट्टी बिताकर गए चंद्रपाल की जनवरी में थी सेवानिवृत्ति
पोस्टमार्टम हाउस पर अपने परिजनों, तमाम रिश्तेदारों, बेटे आदि के साथ पहुंची चंद्रपाल की पत्नी शकुंतला का हाल बेहाल था। वह बार बार बिलखते हुए एक ही बात कह रहीं थीं कि तीन दिन पहले ही तीन दिन की छुट्टी बिताकर गए थे। ऐसा न पता था कि अब कभी नहीं आएंगे। अन्यथा वह जाने नहीं देती। जनवरी 2026 में सेवानिवृत्त होना था। कई बार उन्हें समझाया था अब ज्यादा घूमने फिरने मत जाया करो।

दुर्घटना में ही गई थी चंद्रपाल के बेटे की जान
चंद्रपाल के परिवार के लोगों ने बिलखते हुए यह भी बताया कि उसके बड़े बेटे पवन की भी मथुरा में दुर्घटना में करीब 10 वर्ष पहले मृत्यु हो गई थी। बेटा उस समय पढ़ाई कर रहा था।
बिना खाना खाए ही निकल गए थे ये तो
बलवीर की पत्नी विमलेश ने बताया कि सुबह छह बजे खुद ही इन्होंने फोन किया था। तब सब कुछ ठीक था। ये रास्ते में कहीं थे। इन्होंने यही बताया था कि किसी अपराधी को लेकर जा रहा हूं। पत्नी ने खाना खाने की पूछा था तो जवाब दिया था कि इतनी सुबह कहां खाना मिलता। अब तो वहां पहुंचकर ही 11 बजे के बाद खाएंगे।

दुर्घटना में ही गई थी चंद्रपाल के बेटे की जान
चंद्रपाल के परिवार के लोगों ने बिलखते हुए यह भी बताया कि उसके बड़े बेटे पवन की भी मथुरा में दुर्घटना में करीब 10 वर्ष पहले मृत्यु हो गई थी। बेटा उस समय पढ़ाई कर रहा था।
बिना खाना खाए ही निकल गए थे ये तो
बलवीर की पत्नी विमलेश ने बताया कि सुबह छह बजे खुद ही इन्होंने फोन किया था। तब सब कुछ ठीक था। ये रास्ते में कहीं थे। इन्होंने यही बताया था कि किसी अपराधी को लेकर जा रहा हूं। पत्नी ने खाना खाने की पूछा था तो जवाब दिया था कि इतनी सुबह कहां खाना मिलता। अब तो वहां पहुंचकर ही 11 बजे के बाद खाएंगे।
सेवानिवृत्ति से 24 दिन पहले चली गई जान
इसी दुर्घटना में मृत रघुवीर के परिजनों ने बताया कि वे चार दिन पहले ही घर गए थे। अभी उनके दोनों बेटे भी पढ़ाई कर रहे हैं। उनका सेवाकाल पूरा हो चुका था। इसी माह की 31 तारीख को उन्हें सेवानिवृत्त होना था। इसलिए वे आकर कहकर गए थे कि अब सेवानिवृत्ति के दिन सभी परिजनों को फिरोजाबाद आना होगा। वहां से गाजे बाजे संग सभी के साथ आऊंगा। उसके बाद गांव में आराम से रहेंगे। फिर खुद खेतीबाड़ी करेंगे।
महीने में एक बार रामसंजीवन जाते थे घर
कानपुर में परिवार के साथ रह रहे रामसंजीवन महीने में एक बार घर जाते थे। हालांकि पत्नी की मृत्यु के बाद उन पर बोझ अधिक था। मगर अब उनके जाने के बाद बच्चों का हाल बेहाल था। पुलिस लाइन पहुंचने पर अधिकारियों ने किसी तरह उन्हें सभांला।

डीजीपी ने दिए हर संभव मदद के निर्देश
घटनास्थल से ही एसएसपी ने पूरी जानकारी डीजीपी, एडीजी जोन, डीआईजी रेंज व एसएसपी फिरोजाबाद को दी। डीजीपी ने एसएसपी को सभी जानकारी लेने के बाद दुख जताते हुए सभी मृतक परिवारों के साथ हर संभव मदद के लिए खड़े रहने व घायल के बेहतर उपचार प्रबंध के निर्देश दिए। इसके साथ ही फिरोजाबाद के टूंडला सर्किल के सीओ विनीत कुमार व आरआई सुरेंद्र प्रताप सिंह पुलिस टीम के साथ यहां पहुंच गए। सिविल लाइंस पुलिस के दरोगाओं की टीम को पंचायतनामा व पोस्टमार्टम की प्रक्रिया के लिए लगाया गया। तीन चिकित्सकों का बोर्ड सीएमओ से वार्ता कर बनवाया गया। इसके बाद पोस्टमार्टम आदि की प्रक्रिया पूरी कराई।
पुलिस लाइन में दी गई चारों शवों को अंतिम विदाई
पोस्टमार्टम के बाद गुलसन्नवर के परिजन उसके शव को अपने साथ ले गए। वहीं फिरोजाबाद के चारों पुलिसकर्मियों के शवों को पुलिस लाइन ले जाया गया। जहां डीआईजी रेंज प्रभाकर चौधरी, एसएसपी संजीव सुमन सहित अलीगढ़ व फिरोजाबाद पुलिस के अधिकारियों ने अंतिम विदाई दी। साथ में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। यहां से पुलिस स्तर से उन्हें ले जाने के वाहनों का इंतजाम कर सभी के साथ पुलिस टुकड़ी भी भेजी गई। दोपहर में तीनों सिपाहियों के परिजन समय से आ गए, जिनके शव ले जाए गए। मगर दरोगा के परिजन शाम को पहुंचे। तब उनका शव यहां से रवाना किया गया।
महीने में एक बार रामसंजीवन जाते थे घर
कानपुर में परिवार के साथ रह रहे रामसंजीवन महीने में एक बार घर जाते थे। हालांकि पत्नी की मृत्यु के बाद उन पर बोझ अधिक था। मगर अब उनके जाने के बाद बच्चों का हाल बेहाल था। पुलिस लाइन पहुंचने पर अधिकारियों ने किसी तरह उन्हें सभांला।

डीजीपी ने दिए हर संभव मदद के निर्देश
घटनास्थल से ही एसएसपी ने पूरी जानकारी डीजीपी, एडीजी जोन, डीआईजी रेंज व एसएसपी फिरोजाबाद को दी। डीजीपी ने एसएसपी को सभी जानकारी लेने के बाद दुख जताते हुए सभी मृतक परिवारों के साथ हर संभव मदद के लिए खड़े रहने व घायल के बेहतर उपचार प्रबंध के निर्देश दिए। इसके साथ ही फिरोजाबाद के टूंडला सर्किल के सीओ विनीत कुमार व आरआई सुरेंद्र प्रताप सिंह पुलिस टीम के साथ यहां पहुंच गए। सिविल लाइंस पुलिस के दरोगाओं की टीम को पंचायतनामा व पोस्टमार्टम की प्रक्रिया के लिए लगाया गया। तीन चिकित्सकों का बोर्ड सीएमओ से वार्ता कर बनवाया गया। इसके बाद पोस्टमार्टम आदि की प्रक्रिया पूरी कराई।
पुलिस लाइन में दी गई चारों शवों को अंतिम विदाई
पोस्टमार्टम के बाद गुलसन्नवर के परिजन उसके शव को अपने साथ ले गए। वहीं फिरोजाबाद के चारों पुलिसकर्मियों के शवों को पुलिस लाइन ले जाया गया। जहां डीआईजी रेंज प्रभाकर चौधरी, एसएसपी संजीव सुमन सहित अलीगढ़ व फिरोजाबाद पुलिस के अधिकारियों ने अंतिम विदाई दी। साथ में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। यहां से पुलिस स्तर से उन्हें ले जाने के वाहनों का इंतजाम कर सभी के साथ पुलिस टुकड़ी भी भेजी गई। दोपहर में तीनों सिपाहियों के परिजन समय से आ गए, जिनके शव ले जाए गए। मगर दरोगा के परिजन शाम को पहुंचे। तब उनका शव यहां से रवाना किया गया।