भाकियू की महापंचायत: सितंबर तक मिले शेष मुआवजा, न देने पर किसान अपनी जमीन पर करेंगे काम शुरू
भाकियू नेता विमल तोमर ने महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने वर्ष 2010 से 2013 के बीच हुए सौदों में मुआवजा राशि कम दी थी। इसके बाद अदालत के आदेश पर 64.7% अतिरिक्त मुआवजा देना तय हुआ था। इसके साथ ही 10% की धनराशि के प्लॉट तत्काल दिए जाने का आदेश दिया गया था, लेकिन डेढ़ दशक बाद भी इस पर अमल नहीं हुआ है।

विस्तार
टप्पल में यमुना एक्सप्रेस वे इंटरचेंज के नीचे 30 जुलाई दोपहर को भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) की महापंचायत हुई। किसानों ने यमुना एक्सप्रेसवे औद्यौगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) द्वारा अधिग्रहीत की गई जमीन का शेष मुआवजा बाजार भाव के अनुसार देने की मांग जोर-शोर से उठाई, तय हुआ कि सितंबर तक अगर शेष मुआवजा नहीं दिया गया तो किसान अपनी जमीनों पर काम शुरू कर देंगे।

भाकियू नेता विमल तोमर ने महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने वर्ष 2010 से 2013 के बीच हुए सौदों में मुआवजा राशि कम दी थी। इसके बाद अदालत के आदेश पर 64.7% अतिरिक्त मुआवजा देना तय हुआ था। इसके साथ ही 10% की धनराशि के प्लॉट तत्काल दिए जाने का आदेश दिया गया था, लेकिन डेढ़ दशक बाद भी इस पर अमल नहीं हुआ है, जिससे किसानों को बड़ा नुकसान हुआ है। जब तक यह धनराशि और प्लॉट नहीं मिलते, तब तक नई योजनाओं के लिए अधिग्रहण नहीं होने दिया जाएगा।
सर्किल रेट बाजार मूल्य के आधार पर बढ़ाएं
उन्होंने कहा कि सर्किल रेट बाजार मूल्य के आधार पर बढ़ाएं जाएं। एमएसपी लागू किया जाए। कर्जदार किसानों की कर्जा माफी की जाए। बिजली का निजीकरण रोका जाए। सरकारी स्कूलों का विलय रोका जाए। कृषि, डेयरी व पोल्ट्री फार्म को मुक्त व्यापार समझौता से बाहर रखा जाए। किसानों ने इसके बाद अफसरों को अपना मांग पत्र सौंपा।
किसान विकास के खिलाफ नहीं
वक्ताओं ने कहा कि पूर्व में एनएचएआई द्वारा टप्पल में 6,570 रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से मुआवजा दिया गया। वर्ष 2013 से सर्किल रेट नहीं बढ़ाया गया है, केवल 20% की मामूली वृद्धि की गई है। किसान विकास के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन उनको नियमानुसार मुआवजा दिया जाए। वर्तमान में करीब 91 गांवों के किसानों की जमीन का अधिग्रहण करने की तैयारी है। इसमें सर्किल रेट से चार गुना ज्यादा मुआवजा देने की बात की जा रही है, लेकिन बाजार का रेट इससे कहीं ज्यादा है।
यीडा की बोर्ड बैठक में होगा निर्णय: एसडीएम
यमुना विकास प्राधिकरण के ओएसडी धीरेंद्र प्रताप सिंह, खैर एसडीएम शिशिर कुमार सिंह, सीओ खैर वरुण कुमार सिंह, नायब तहसीलदार प्रियंका शर्मा मौके पर पहुंचे। खैर एसडीएम ने कहा कि सितंबर के पहले सप्ताह में यीडा की बोर्ड बैठक आयोजित होगी। इसमें संभवत: किसानों के हित में निर्णय होगा। इस पर भाकियू प्रदेश अध्यक्ष पंडित राजपाल शर्मा ने कहा कि यदि सितंबर में शेष मुआवजा नहीं दिया गया तो किसान जमीनों पर अपना कब्जा कर कार्य शुरू कर देंगे।
भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष युवा गौरव टिकैत भी आए
महापंचायत का संचालन भाकियू प्रदेश उपाध्यक्ष विमल तोमर व जिलाध्यक्ष सुंदर सिंह बालियान ने किया। अध्यक्षता रामवीर सिंह नेताजी ने की। मुख्य अतिथि प्रदेश अध्यक्ष पंडित राजपाल शर्मा रहे। भाकियू मंडल प्रभारी व राष्ट्रीय अध्यक्ष युवा गौरव टिकैत व राष्ट्रीय महासचिव चौ. युद्धवीर सिंह शामिल हुए। महापंचायत शाम पांच बजे तक चली। ट्रैक्टरों व गाड़ियों से सैकड़ों किसान महापंचायत में शामिल होने पहुंचे।
पुलिसबल व पीएसी मौजूद रही
इस दौरान सुरक्षा की दृष्टि से टप्पल थाने के अलावा विभिन्न थानों का पुलिसबल व पीएसी मौजूद रही। महापंचायत में राष्ट्रीय सचिव ओमपाल तालान, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष विजय तालान, बब्बन प्रधान, मंडल उपाध्यक्ष रघुराज यादव, मंडल उपाध्यक्ष अब्दुल रियाज, जिलाध्यक्ष कासगंज कृष्ण यादव, जिलाध्यक्ष एटा अनिल यादव, मंडल कोषाध्यक्ष काशी तोमर, जिलाध्यक्ष अलीगढ़ सुंदर सिंह बाल्यान, युवा जिलाध्यक्ष देवेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।
हाईवे जाम करने की तैयारी थी
महापंचायत में अधिकारियों को ज्ञापन सौंपने का समय ढाई बजे तय हुआ था, लेकिन अधिकारी नहीं आए। इस पर किसानों ने अलीगढ़-पलवल हाईवे को जाम करने का एलान कर दिया। इसकी भनक मिलते ही अधिकारी महापंचायत स्थल पर पहुंच गए और किसानों का ज्ञापन लिया। इसके बाद किसानों ने हाईवे जाम करने का विचार त्याग दिया।