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अफजाल अंसारी की सजा रद्द: 14 माह में 17 तारीखें... पुलिस की गवाही, ऊपर से आया था सपा सांसद को फंसाने का फरमान

अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज Published by: शाहरुख खान Updated Tue, 30 Jul 2024 11:16 AM IST
सार

गाजीपुर से सपा सांसद अफजाल अंसारी को गैंगस्टर मामले में एमपी/एमएलए कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने अफजाल अंसारी की सजा रद्द कर दी है। सांसदी पर खतरा टल गया है। हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार व कृष्णानंद राय के बेटे की सजा बढ़ाने की अपील खारिज कर दी है।

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Afzal Ansari sentence cancelled Police testimony, order to implicate SP MP came from above
Afzal Ansari - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजीपुर से सपा सांसद अफजाल अंसारी की गैंगस्टर मामले में एमपी/एमएलए कोर्ट से मिली चार साल की सजा रद्द कर दी है। इसके साथ उनकी सांसदी जाने का खतरा फिलहाल टल गया है। हाईकोर्ट ने 17 तारीखों पर सुनवाई के बाद चार जुलाई को फैसला सुरक्षित कर लिया था। इस फैसले से सकते में आई प्रदेश सरकार अब सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी।
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अफजाल अंसारी की ओर से सजा रद्द करने और यूपी सरकार व भाजपा के दिवंगत विधायक कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय की ओर से दाखिल सजा बढ़ाने की अर्जियों की एकसाथ सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की अदालत ने 18वीं तारीख पर सोमवार दोपहर फैसला दिया। कोर्ट ने चार साल की कैद और एक लाख जुर्माने की सजा रद्द करते हुए सरकार और कृष्णानंद राय के बेटे की अपील खारिज कर दी।
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2007 में लगा था गैंगस्टर
भाजपा विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड को लेकर गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में 2007 में अफजाल अंसारी, मुख्तार अंसारी और उनके बहनोई के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज किया गया था। गाजीपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने 29 अप्रैल 2023 को अफजाल अंसारी को दोषी ठहराते हुए चार साल की कैद और एक लाख जुर्माने की सजा सुनाई थी। 

इसके खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे अफजाल को फौरी जमानत तो मिली, लेकिन सजा पर रोक नहीं लगाई गई। इससे उनकी संसद सदस्यता रद्द कर दी गई थी। इसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने अफजाल की सजा पर रोक लगाते हुए हाईकोर्ट में लंबित अपील को 30 जून-24 तक निस्तारित करने का आदेश दिया। 
 

इस बीच, प्रदेश सरकार और कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय ने सजा बढ़ाने को अर्जी दाखिल की। कोर्ट सभी मामलों की सुनवाई एकसाथ की। इस बीच, आए लोकसभा चुनाव के दौरान कई बार उहापोह भी उपजा। सजा बहाली पर नामांकन रद्द होने के भय से अफजाल ने अपनी बेटी नुसरत का भी नामांकन कराया था। हालांकि, बाद में वही चुनाव लड़े और जीते भी।

14 माह में लगीं 17 तारीखें
अफजाल ने 19 मई 2023 को हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी। कुल 14 महीने चली सुनवाई के दौरान 17 तारीखें लगीं। अफजाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी, दयाशंकर मिश्रा, उपेंद्र उपाध्याय ने तर्क दिया कि कृष्णानंद राय हत्याकांड के कारण गैंगस्टर एक्ट के तहत हुई कार्रवाई अवैधानिक है। क्योंकि, अफजाल कृष्णानंद की हत्याकांड में बरी हो चुके हैं।

वहीं, सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव व अपर शासकीय अधिवक्ता जेके उपाध्याय ने दलील दी कि राजनीतिक रसूख और बढ़ती उम्र के आधार पर कम सजा नहीं दी जा सकती।

अफजाल के वकीलों ने आजादी की लड़ाई में अपने पुरखों के योगदान की दुहाई दी तो सरकार के वकीलों ने कहा कि कृष्णानंद राय हत्याकांड के बाद भी इलाके में मुख्तार गैंग का आतंक व्याप्त था। अफजाल इस गैंग के सक्रिय सदस्य हैं।
 

पुलिस की गवाही...ऊपर से आया था अफजाल को फंसाने का फरमान
बचाव पक्ष के वकीलों का दावा था कि पांच बार विधायक और दो बार सांसद रहे अफजाल को राजनीतिक षड्यंत्र का शिकार बनाया गया था। दलील दी कि तत्कालीन थाना प्रभारी और विवेचक ने अपनी गवाही में कहा था कि गैंगस्टर की कार्रवाई सुनी-सुनाई बातों के आधार पर की गई थी। आम जनता ने कभी भी कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई थी। विवेचक ने जिरह के दौरान यहां तक कहा कि अफजाल को फंसाने का फरमान ऊपर से आया था।
 

अफजाल के राजनीतिक भविष्य से संकट टला
अफजाल के राजनीतिक भविष्य पर मंडरा रहा संकट सोमवार को टल गया है। अफजाल लगातार तीसरी बार गाजीपुर से सांसद चुने गए हैं। 2004 में सपा, 2019 में बसपा और 2024 में सपा के टिकट पर चुनाव जीते। 2024 में उन्होंने भाजपा के पारस नाथ राय को 1,24,861 वोटों के अंतर से मात दी।

अफजाल की सजा रद्द करने वाले आदेश को सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुुनौती देगी। विशेषज्ञ अधिवक्ताओं के साथ मंथन के बाद इस आशय का सुझाव प्रदेश सरकार को जल्द भेजा जाएगा।-आशुतोष कुमार संड, शासकीय अधिवक्ता इलाहाबाद हाईकोर्ट
 
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